यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया मामले से जुड़ी एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. पोस्ट में निमिषा के लिए सरकारी खाते में फंड जुटाने की मांग वाले दावे किए गए हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट पर अब विदेश मंत्रालय (MEA) ने मंगलवार को सफाई दी है. MEA ने इन दावों को फर्जी करार दिया है.
मंत्रालय की फैक्ट-चेक टीम के आधिकारिक X हैंडल, MEA फेक्ट चेक ने एक X यूजर द्वारा की गई पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें इस तरह के दावे किए गए थे.
दरअसल, 19 अगस्त को की गई इस पोस्ट में 'सेव निमिषा प्रिया' नारे के साथ एक पोस्टर था, जिसमें कुछ बैंक ट्रांजेक्शन डिटेल्स भी शामिल थे. MEA FactCheck ने स्पष्ट किया, 'हमने सोशल मीडिया पर निमिषा प्रिया मामले में सरकारी खाते में आर्थिक सहयोग मांगने वाले दावे देखे हैं. जो कि फर्जी है.'
विदेश मंत्रालय ने 1 अगस्त को कहा था कि वह निमिषा प्रिया के मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है. मंत्रालय ने ये भी बताया कि वह इस मामले में समाधान तक पहुंचने के लिए कुछ मित्र देशों की सरकारों के संपर्क में भी है.
केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोडे की रहने वाली नर्स को जुलाई 2017 में एक यमनी नागरिक की हत्या का दोषी पाया गया था. इस मामले में 38 वर्षीय भारतीय नागरिक की फांसी 16 जुलाई को निर्धारित की गई थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.
आपको बता दें कि निमिषा फिलहाल यमन की राजधानी सना की जेल में बंद है जो कि ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण में है.