पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में वक्फ कानूनों को लेकर एक बड़ा इमाम सम्मेलान किया है. इस सम्मेलन में राज्यभर से मुस्लिम समुदाय के रहनुमा माने जाने वाले लोग शामिल हुए. सीएम ने इस सम्मेलन में कई अहम मुद्दों के अलावा नायडू-नीतीश के कानून के प्रति समर्थन की कड़ी आलोचना की और इंडिया गठबंधन से यूनाइट एंड फाइट की अपील की.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में विरोध-प्रदर्शन के दौरान ऐलान कर दिया था कि वह राज्य में वक्फ के संशोधित कानून को लागू नहीं करेंगी. उन्होंने केंद्र सरकार से इसमें बदलाव की भी अपील की. अब उन्होंने सम्मेलन में तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी. नायडू-नीतीश की आलोचना करने के अलावा सीएम ममता ने कानून में किए गए संशोधन के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं.
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"पावर के लिए आपकी बलि भी चढ़ा सकते हैं"
ममता बनर्जी ने कहा, "चंद्रबाबू नायडू को देखिए, वे चुप हैं, नीतीश बाबू चुप हैं. आप सभी उन्हें वोट देते हैं, लेकिन वे सत्ता के लिए आप सभी की बलि चढ़ा सकते हैं. आप नीतीश को वोट देते हैं लेकिन वो पूरा समर्थन (बीजेपी को) देते हैं. इससे उन्हें क्या मिल जाता है - थोड़ा सा पावर." ममता बनर्जी ने कहा कि आपको पावर देने के लिए हम अपना दिल भी दे सकते हैं, खून भी दे सकते हैं, लेकिन आपने (नायडू-नीतीश) ने क्या किया.
ममता बनर्जी का अहम सवाल...
ममता बनर्जी ने कहा कि अगर (केंद्र सरकार) आपको वक्फ बोर्ड को बदलना था, तो आपने 2/3 बहुमत से ऐसा क्यों नहीं किया? ममता की चिंता ये है कि आखिर विधेयक लाकर संशोधन क्यों किया गया. इसके लिए संवैधानिक संशोधन क्यों नहीं किया गया? उनका कहना है कि ये संशोधन सिंपल बहुमत से नहीं, बल्कि दो तिहाई बहुमत से संवैधानिक संशोधन के तहत किया जाना चाहिए.
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसा इसलिए नहीं किया, क्योंकि इसके लिए सरकार को 2/3 बहुमत की जरूरत पड़ती, और मौजूदा बीजेपी सरकार के पास अपना खुद का बहुमत भी नहीं है. उन्होंने कहा कि आपने (केंद्र सरकार) वक्फ संशोधन किया है, आपने संवैधानिक संशोधन नहीं किया. आपको संवैधानिक संशोधन करना चाहिए था.
ममता बनर्जी ने क्यों की नायडू-नीतीश की आलोचना?
ममता बनर्जी के आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की आलोचना करने की वजह ये है कि बीजेपी बीते लोकसभा चुनाव में बहुमत भी हासिल नहीं कर सकी, लेकिन उनके (नायडू-नीतीश के) समर्थन से आज केंद्र की सत्ता पर काबिज है.
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हालांकि, चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को मुस्लिम समुदाय का अच्छा-खासा वोट मिलता है. इन दोनों नेताओं की पार्टी में कई मुस्लिम नेता-विधायक भी हैं और राज्य में मुस्लिम वोट हासिल करने के बावजूद केंद्र में वे बीजेपी के सपोर्ट में आ जाते हैं, और इस तरह के कानूनों को अपना समर्थन दे देते हैं.
ममका बनर्जी ने मुर्शिदाबाद की हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और मुस्लिम समुदाय से समझदारी से काम करने की अपील की.