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22.87 करोड़ रुपये केे गबन के आरोप में रेवेन्यू डिपार्टमेंट के दो कर्मचारी गिरफ्तार, ऐसे हुआ खुलासा

तहसीलदार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने रविवार को लोकल रेवेन्यू डिपार्टमेंट के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया. दोनों पर 22.87 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. तहसीलदार महेश परांडेकर की शिकायत पर ये गिरफ्तारी हुई है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक नैश्नलाइज्ड बैंक से 22.87 करोड़ रुपये के कथित गबन के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में शिकायतकर्ता तहसीलदार महेश परांडेकर के अनुसार सरकार के जलयुक्त शिवार अभियान के तहत धनराशि बांटने का आदेश जारी किया गया था. ऐसे में आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) के माध्यम से 12,27,297 रुपये और 41,06,610 रुपये की राशि का वितरण करने के लिए जल संरक्षण अधिकारियों को दो डिमांड ड्राफ्ट दिए गए थे.

पुलिस निरीक्षक संजीवन मिरकाले ने कहा कि जब संबंधित दस्तावेज बैंक में जमा किए गए, तो यह पाया गया कि खाते में शेष राशि केवल 96,559 रुपये थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद एक ऑडिट किया गया, जिसमें 22.87 करोड़ रुपये के कथित गबन का पता चला. अधिकारी ने बताया कि तहसीलदार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने रविवार को लोकल रेवेन्यू डिपार्टमेंट के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया.

इधर हाल ही में महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों से पैसे ऐंठता था. दरअसल, इस ठग का एक पूरा गैंग है. फिलहाल गैंग के दो आरोपियों का अभी पता लग पाया है. जिनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है. जबकि, दूसरा साथी दुबई में रहता है. पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने ठगी का नया ही तरीका ढूंढ निकाला था. इसी से इन लोगों ने कई लोगों को लाखों का चूना लगाया है.

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