एनसीपी के सीनियर लीडर शरद पवार (Sharad Pawar) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो धड़ों के संभावित पुनर्मिलन के बारे में बड़ा बयान दिया है. एक धड़े का नेतृत्व अजित पवार कर रहे हैं और दूसरे धड़े का नेतृत्व खुद शरद पवार कर रहे हैं. इंडिया टुडे के बातचीत में शरद पवार ने कहा, "साथ आने का फैसला सांसद सुप्रिया सुले और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को लेना चाहिए."
दोनों गुटों के संभावित गठजोड़ के बारे में चल रही अटकलों के बीच पवार ने कहा, "आगे के लिए यह सुप्रिया सुले और अजित पवार पर निर्भर है कि वे तय करें कि दोनों पक्षों को एकजुट होना चाहिए या नहीं."
'मैंने कई युवा नेताओं को...'
सियासी तारीख़ पर विचार करते हुए शरद पवार ने 1999 के चुनावों को याद किया, जब कांग्रेस और एनसीपी ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. उन्होंने कहा, "साल 1999 में अलग-अलग चुनाव लड़ने के बावजूद हमने मुख्यमंत्री पद के लिए विलासराव देशमुख का समर्थन किया था. उस वक्त मेरे पास फैसला लेने का अधिकार था और मैंने कई युवा नेताओं को मौके दिए."
अब जबकि वह राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल नहीं हैं, पवार ने इस बात पर जोर दिया कि आने वाले वक्त में फैसले मौजूदा नेतृत्व द्वारा लिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, "मैं अब सियासत में सक्रिय नहीं हूं, इसलिए सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल के साथ-साथ नई पीढ़ी को जरूरी फैसले लेने चाहिए."
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शरद पवार ने कहा, "पार्टी का निर्माण करते वक्त साथ आए, जो लोग अब अलग हो गए हैं, वे सभी एक साथ थे. वे सभी एक ही विचारधारा साझा करते हैं. इसलिए, अगर वे सभी आने वाले वक्त में फिर से एक साथ आते हैं, तो मुझे आश्चर्य नहीं होग."
उन्होंने आगे कहा कि मेरे सभी सांसद अपनी विचारधारा के साथ एकजुट हैं, लेकिन विधायकों के बीच कुछ अशांति हो सकती है. मौजूदा वक्त में, मैं फैसले लेने की प्रक्रिया से काफी दूर हूं.