पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि वह राज्य में वक्फ कानून को लागू नहीं होने देंगी. उनके इस बयान पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने जोरदार पलटवार किया है. उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी एक संवैधानिक पद पर हैं और संसद द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन करना उनका दायित्व है. वह खुद से संविधान-विरोधी प्रावधान नहीं बना सकतीं."
किरेन रिजिजू ने बताया कि भूमि हमारे लिए अत्यंत मूल्यवान हैं और उसके लिए कई देश युद्ध भी कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही एक संशोधन लाकर वक्फ बोर्ड को अप्रत्याशित शक्तियां प्रदान की थीं, लेकिन उन्होंने इस प्रावधान पर पुनर्विचार किया है ताकि लोगों को उनकी जमीन का न्याय मिल सके.
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संशोधन का मकसद केवल गलतियों को सुधारना है- रिजिजू
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार किसी भी समुदाय के खिलाफ काम नहीं कर रही है और उनका मकसद केवल उन गलतियों को सुधारना है जो पहले की गई थीं. मशहूर मामले का जिक्र करते हुए रिजिजू ने बताया कि कैसे केरल राज्य वक्फ बोर्ड ने 600 मछुआरों की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया था, जिससे लोगों में गुस्सा फैल गया था.
"वक्फ बाय यूजर" का प्रावधान भी हटाया गया!
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि "वक्फ बाय यूजर" का प्रावधान भी हटाया गया है, जो बिना किसी दस्तावेज के संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकता था. अब किसी भी विवादित संपत्ति को वक्फ घोषित करने के लिए अदालत का आदेश अनिवार्य होगा. 2013-25 के बीच 18 लाख से ज़्यादा संपत्तियों पर दावा किया गया, और हमें एहसास हुआ कि अगर हम अभी हस्तक्षेप नहीं करेंगे, तो लोग अपनी जमीन पर अपना वाजिब मालिकाना हक खोना शुरू कर देंगे.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों ऐलान किया था कि वह राज्य में वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगी. उन्होंने मुर्शिदाबाद में हिंसक घटनाओं पर भी लोगों से शांति की अपील की थी.