केरल सरकार ने राज्य में चल रहे SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. सरकार का कहना है कि स्थानीय निकाय चुनावों के साथ-साथ SIR चलाना प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है और पूरी प्रक्रिया पर असर डाल सकता है. इसलिए सरकार ने अदालत से अनुरोध किया है कि फिलहाल SIR को कुछ समय के लिए रोक दिया जाए.
याचिका में कहा गया है कि चुनावों के दौरान SIR जैसी व्यापक प्रक्रिया को जारी रखना प्रशासनिक भार बढ़ा देगा. एक ही समय पर दो बड़े कार्यों को संभालने से प्रबंधन और समन्वय में दिक्कतें आ सकती हैं, जिससे चुनावों की सुचारु प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका है.
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसकी याचिका SIR की वैधता को चुनौती नहीं देती. वह केवल यह चाहती है कि स्थानीय निकाय चुनाव बिना किसी बाधा के पूरे हो सकें, इसलिए SIR को अस्थायी रूप से स्थगित किया जाए. राज्य का कहना है कि मौजूदा परिस्थिति में यह प्रक्रिया “देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुकूल नहीं दिखती”, लेकिन मांग केवल स्थगन तक सीमित है.
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अब हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करेगा और तय करेगा कि केरल में SIR को चुनावों के बाद तक रोका जाए या नहीं. फैसला आने तक राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में इस पर चर्चा तेज़ बनी हुई है.