केरल की राजनीति इन दिनों कांग्रेस MLA राहुल ममकुटाथिल पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर उथल-पुथल से गुजर रही है. एक महिला द्वारा यौन शोषण और जबरन गर्भपात कराने के आरोप लगने के बाद मामला तेजी से राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है. इसी बीच कांग्रेस के आधिकारिक मुखपत्र 'वीक्षणम' में प्रकाशित एक संपादकीय ने नया बवाल खड़ा कर दिया.
‘जिसने पाप न किया हो वही पहला पत्थर फेंके’ शीर्षक वाले इस लेख में दावा किया गया कि राहुल ममकुटाथिल, CPIM की साजिश के "ताजा शिकार" हैं और विपक्ष को कमजोर करने के लिए चुनावों से पहले ऐसे आरोप गढ़े जाते हैं.
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विवाद बढ़ते ही KPCC अध्यक्ष सनी जोसेफ ने सफाई देते हुए कहा कि संपादकीय पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है और इसे सुधारने के निर्देश दे दिए गए हैं. उनका कहना था कि राहुल ममकुटाथिल को पार्टी सर्वसम्मति से सस्पेंड किया गया है और इस फैसले पर किसी नेता ने आपत्ति नहीं जताई.
हालांकि, वरिष्ठ नेता के मुरलीधरन ने उल्टा दावा किया कि संपादकीय वास्तव में पार्टी की ही स्थिति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि लेख में राहुल ममकुटाथिल का बचाव नहीं किया गया, बल्कि यह बताया गया है कि CPIM ने अपने ही MLA मुक्केश पर कार्रवाई नहीं की, फिर कांग्रेस से नैतिकता का पाठ क्यों पढ़ाया जा रहा है.
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इधर, पूर्व KPCC प्रमुख के. सुधाकरन ने साफ कहा कि राहुल ममकुटाथिल की हरकत "गलत" थी और उन्होंने फोन पर उन्हें "कड़ी फटकार" लगाई. उन्होंने कहा कि यदि जांच में वे दोषी पाए जाते हैं, तो कांग्रेस उन्हें बिल्कुल भी संरक्षण नहीं देगी.
इस बीच SFI कार्यकर्ताओं ने राहुल ममकुटाथिल के 'वॉन्टेड' पोस्टर लगाकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. दूसरी ओर, पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है, SIT बनाई है और राहुल ममकुटाथिल के विदेश जाने से रोकने के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है. राहुल ममकुटाथिल ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी.