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कर्नाटकः मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रात 10 से सुबह 6 बजे तक रोक, सर्कुलर जारी

इस सर्कुलर में रात दस बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. साथ ही दिन में लाउडस्पीकर की आवाज की तेजी को एयर क्वालिटी स्टेैंडर्ड के मानकों के हिसाब से रखने को कहा गया है. 

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मस्जिदों पर लाउडस्पीकर को लेकर नया सर्कुलर जारी.(सांकेतिक तस्वीर)
मस्जिदों पर लाउडस्पीकर को लेकर नया सर्कुलर जारी.(सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रात 10 से सुबह 6 तक लाउडस्पीकर पर रोक
  • मस्जिदों में साफ सफाई पर विशेष जोर
  • मस्जिद में खाली जगहों पर फलदार पेड़ लगाने के निर्देश

कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड ने ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के मकसद से दरगाहों और मस्जिदों पर बजने वाले लाउडस्पीकर को लेकर सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर में रात दस बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है. साथ ही दिन में लाउडस्पीकर की आवाज की तेजी को एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड के मानकों के हिसाब से रखने को कहा है. इसके अलावा लाउडस्पीकर का इस्तेमाल अजान और जरूरी सूचनाओं के ऐलान के लिए ही करने को कहा गया है.

इसके अलावा, सलत, जूमा कुतबा, बयान और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान मस्जिद प्रांगण में मौजूद स्पीकर का ही इस्तेमाल करने को कहा गया है. साथ ही किसी भी अवसर पर मस्जिद के आस-पास या मस्जिद में ऊंची आवाज के पटाखों के इस्तेमाल करने पर भी पाबंदी लगाई गई है. इसके अलावा पर्यावरण अधिकारी से सलाह करके ध्वनि तंत्र लगवाने की बात कही गई है. साथ ही मस्जिद के अंदर मुअज़्ज़िन को एंप्लिफायर के इस्तेमाल का प्रशिक्षण देने की बात कही गई है.

इसके अलावा कहा गया है कि दरगाह और मस्जिदों में खाली पड़ी जगहों पर फलदार और छायादार पेड़ लगाए जाएं. इसके अलावा संभव हो तो इन जगहों पर पशु पक्षियों के लिए पानी की टंकी भी लगाई जाए. साथ ही साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है. धार्मिक स्थानों पर भिखारियों को बढ़ावा देने से बचने की सलाह दी गई है. भीख देने की बजाए इन लोगों की काउंसलिंग और मानवतावादी काम करने के लिए प्रोत्साहन की भी बात कही गई है.

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