केरल के कन्नूर जिले में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के रूप में कार्यरत एक स्कूल कर्मचारी अनीश जॉर्ज अपने घर में फंदे से लटका हुआ पाया गया. यह चौंकाने वाली घटना ऐसे समय में हुई है जब राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के कार्यान्वयन को लेकर राजनीतिक दलों में भारी विरोध चल रहा है.
अनीश जॉर्ज (44) पय्यान्नूर के एक सरकारी स्कूल में चपरासी के पद पर कार्यरत थे. रविवार को अपने पय्यान्नूर स्थित घर की पहली मंजिल के हॉल में फंदे से लटके पाए गए. जॉर्ज के वृद्ध पिता और उनके करीबियों ने आरोप लगाया कि अनीश एसआईआर (SIR) से जुड़े काम के बोझ और दबाव के कारण बेहद तनाव में थे, जिसके चलते उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया.
जॉर्ज के पिता ने पत्रकारों से कहा, "मुझे कभी उम्मीद नहीं थी कि हालात इस हद तक पहुंच जाएंगे. उनके स्वभाव के अनुसार, उन्हें इस तरह के कठिन काम करने की आदत नहीं थी."
सत्तारूढ़ माकपा (CPM) नेता एमवी जयराजन और विपक्षी कांग्रेस नेता रिजिल मक्कुट्टी ने भी BLO पर पड़ रहे वर्कलोड और राजनीतिक दबाव की बात उठाई. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जॉर्ज भाजपा के एजेंडे को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा लागू एसआईआर प्रक्रिया का शिकार हुए.
घटना पर हड़कंप मचने के बाद केरल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) रतन यू केलकर ने कन्नूर के जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी. जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि जॉर्ज की कार्य प्रगति जिला स्तर के अनुरूप थी. उन्हें किसी भी स्तर पर विशेष लक्ष्य, दबाव या समय-सीमाएं नहीं दी गई थीं.
पुलिस जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों में घटनास्थल पर कोई बाहरी चोट, संघर्ष के निशान या कोई संदिग्ध परिस्थिति नहीं मिली है. सबसे अहम यह है कि कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है. घटना वाले दिन सुबह, जॉर्ज ने अपने पर्यवेक्षक से कहा था कि उन्हें सहायता की जरूरत नहीं है और वह खुद काम पूरा कर लेंगे. बातचीत में तनाव का कोई भाव नहीं था.
प्रशासन ने कहा है कि वर्तमान में उपलब्ध जानकारी के आधार पर SIR से संबंधित कर्तव्यों और BLO की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के बीच कोई संबंध स्थापित नहीं हुआ है. व्यक्तिगत तनाव की संभावना की जांच की जा रही है.
इस दुखद घटना के बीच, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने केरल में एसआईआर प्रक्रिया को तुरंत रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है.
याचिका में कहा गया है कि एसआईआर प्रक्रिया को स्थानीय निकाय चुनावों के साथ-साथ नहीं किया जा सकता है और इस दुखद BLO आत्महत्या पर भी प्रकाश डाला गया है.