भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ एस सोमनाथ ने विवाद बढ़ने के बाद अपनी आत्मकथा प्रकाशित करने का प्लान टाल दिया है. दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि सोमनाथ ने अपनी किताब में कई ऐसी बातें लिखी हैं, जिसमें उनसे पहले ISRO चीफ रहे के सिवन की आलोचना की गई है.
सोमनाथ ने बताया है कि उन्होंने विवाद के बाद उन्होंने अपनी किताब 'निलावु कुडिचा सिम्हंल' (Nilavu Kudicha Simhangal) का प्रकाशन फिलहाल ना करने का फैसला किया है. इस किताब के नाम का अग्रेंजी में अनुवाद लायंस दैट ड्रिंग द मूनलाइट है.
करना पड़ता है चुनौतियों का सामना
इस बारे में एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी संगठन के शीर्ष पद तक पहुंचने की यात्रा में हर व्यक्ति को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने आगे यह भी कहा,'एक ही अहम पद के लिए कई व्यक्ति पात्र हो सकते हैं. मैंने बस उस बिंदु को ही सामने लाने की कोशिश की. मैंने इस संबंध में किसी भी व्यक्ति विशेष को निशाना नहीं बनाया.
'लोगों को प्रेरित करने वाली आत्मकथा'
ISRO चीफ सोमनाथ ने एजेंसी से बात करते हुए यह स्वीकार किया कि किताब में चंद्रयान-2 मिशन की विफलता की घोषणा के संबंध में स्पष्टता की कमी के बारे में बताया गया है. सोमनाथ ने कहा,'मेरी आत्मकथा उन लोगों को प्रेरित करने का एक प्रयास है, जो जीवन में चुनौतियों और बाधाओं से लड़कर कुछ हासिल करना चाहते हैं, न कि किसी की आलोचना करना चाहते हैं.'
पूर्व ISRO चीफ पर लगाए आरोप!
उन्होंने आगे कहा कि पुस्तक का उद्देश्य मेरी जीवन कहानी को पढ़ाना नहीं है. इसरो चीफ ने पहले एजेंसी को बताया था कि इसका एकमात्र उद्देश्य लोगों को अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करना है. बता दें कि ISRO को लेकर 04 नवंबर 2023 को हैरान करने वाली खबर आई थी. ये खबरें दक्षिण भारत के मीडिया संस्थानों में प्रकाशित हुई थी, जिसमें कहा गया कि इसरो प्रमुख Dr. S. Somnath ने पूर्व इसरो चीफ K. Sivan पर एक आरोप लगाया है.
'सिवन नहीं चाहते थे कि सोमनाथ...'
रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमनाथ ने कहा कि सिवन ने उनके इसरो प्रमुख बनने में बाधा डाली थी. सिवन नहीं चाहते थे कि सोमनाथ इसरो प्रमुख बने. यह आरोप सोमनाथ ने अपने जीवन पर आधारित किताब 'निलावु कुडिचा सिम्हंल' (Nilavu Kudicha Simhangal) में लगाया.
मिशन फेल होने के बाद गलती छिपाई
इस मुद्दे पर विवाद बढ़ने के बाद सोमनाथ ने एजेंसी को बताया था कि चंद्रयान-2 कैसे फेल हुआ था. सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन जल्दबाजी के चक्कर में फेल हुआ. क्योंकि उसे लेकर जितने टेस्ट होने चाहिए थे... वो नहीं हुए थे. सोमनाथ ने कहा कि उनकी किताब में चंद्रयान-2 के फेल होने की सही वजह है. उसमें उन्होंने लिखा है कि चंद्रयान-2 के फेल होने की घोषणा के समय जो गलतियां हुई थीं, वो छिपाई गई थीं.
(रिपोर्ट: अनघा)