इस्कॉन के वाइस प्रेसिडेंट राधारमण दास ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई है. उन्होंने बांग्लादेश सरकार से न सिर्फ अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की, बल्कि हाल ही में जलाकर मारे गए हिंदू युवक दीपू दास के परिवार को आर्थिक सहायता और सुरक्षा देने का भी आग्रह किया है. राधारमण दास ने दीपू दास की बेटी की पढ़ाई के लिए सरकारी मदद की मांग भी रखी है.
राधारमण दास ने कहा कि जिस तरह हिंदू युवक को जलाकर मार दिया गया, वो पूरी दुनिया ने देखा. उन्होंने इसे चिंताजनक बताते हुए कहा कि ये पहली बार हुआ है जब पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया और ये सामने आया कि झूठे आरोप लगाकर युवक की हत्या की गई. उन्होंने कहा कि इस तरह का ‘मोडस ऑपरेंडी’ कई इस्लामिक देशों में देखने को मिलता रहा है.
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में कभी हिंदू और सिख समुदाय मौजूद था जो अब पूरी तरह खत्म हो चुका है. पाकिस्तान में जहां कभी हिंदुओं की आबादी 24 प्रतिशत थी, वो अब घटकर करीब एक प्रतिशत रह गई है. वहीं बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 30 प्रतिशत से घटकर लगभग 7.5 प्रतिशत तक सिमट गई है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदू अब सेकंड क्लास नागरिक की तरह जीने को मजबूर हैं. सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि सभी अल्पसंख्यक समुदायों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. राधारमण दास के मुताबिक, पिछले 18 महीनों में हालात और ज्यादा बिगड़े हैं. कुछ समय पहले ऐसा लग रहा था कि स्थिति में सुधार हो रहा है, लेकिन बीते कुछ दिनों में हालात फिर से खराब हो गए हैं.
उन्होंने हालिया घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेश में दो बड़े मीडिया हाउस पर हमले किए गए. हालात ऐसे हैं कि वहां की पुलिस और सेना को भी उपद्रवियों के सामने हाथ जोड़ने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सेना बीच में न आती, तो पत्रकारों की जान बचाना मुश्किल हो जाता. राधारमण दास ने कहा कि ये बेहद गंभीर स्थिति है जब एक देश की सेना को भी दंगाइयों के सामने हाथ जोड़ने पड़ें.
राधारमण दास ने बांग्लादेश सरकार से अपील की कि वो अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मुहैया कराए और दीपू दास के परिवार को आर्थिक मदद दे. उन्होंने विशेष तौर पर दीपू दास की बेटी की पढ़ाई के लिए सरकारी सहायता और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. इसके अलावा, उन्होंने बांग्लादेश में गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास के मामले पर भी चिंता जताई.
राधारमण दास ने बताया कि उनकी चिन्मय कृष्ण दास की मां से बातचीत हुई है. मां का एक ही सवाल है कि उनके बेटे को जमानत कब मिलेगी. उन्होंने कहा कि परिवार के मुताबिक चिन्मय कृष्ण दास की सेहत ठीक नहीं है और वो पिछले 13 महीनों से जेल में बंद हैं. राधारमण दास ने बांग्लादेश सरकार से आग्रह किया कि चिन्मय कृष्ण दास को न्याय मिले और उनके मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाए.