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क्या राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे संजय सिंह? SC ने बदला ऑर्डर, केस पर भी नहीं दे सकेंगे बयान!

अपने रिमांड आवेदन में ED ने कहा था कि संजय सिंह दिल्ली शराब नीति से उत्पन्न 'अपराध की आय' को ठिकाने लगाने में शामिल रहे हैं. वह शराब कारोबार से जुड़े समूहों से अवैध धन/रिश्वत इकट्ठा करने की साजिश का हिस्सा रहे हैं. उनका 2017 से दिनेश अरोड़ा के साथ घनिष्ठ संबंध है.

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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह. (PTI Photo)
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह. (PTI Photo)

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा विरोध नहीं किए जाने के बाद दिल्ली शराब नीति केस से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जमानत दे दी. ईडी ने कहा कि उसे संजय सिंह को जमानत देने पर कोई आपत्ति नहीं है, इसके बाद अदालत ने उनकी रिहाई का आदेश दिया. लेकिन आदेश की लिखित कॉपी में सुप्रीम कोर्ट ने उस बयान को हटा दिया है, जिसमें कहा गया था कि संजय सिंह राजनीतिक गतिविधियों में भाग ले सकते हैं.

जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने पहले मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए आदेश पारित किया कि संजय सिंह जमानत की अवधि के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के हकदार होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने लिखित आदेश में संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी का बयान भी दर्ज किया है कि उनके मुवक्किल (संजय सिंह) मौजूदा मामले में अपनी भूमिका के संबंध में कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करेंगे. बता दें कि जमानत याचिका पर सुनवाई के वक्त संजय सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष इस शर्त पर अपनी सहमति दी थी.

संजय सिंह पर क्या आरोप हैं?

दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में संजय सिंह की हिरासत की मांग करते हुए ईडी ने अपने आवेदन में उन्हें 'प्रमुख साजिशकर्ता' करार दिया था. हालांकि वह शराब घोटाला मामले में आरोपी नहीं हैं, जिसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा जांच की जा रही है. ईडी ने संजय सिंह पर कथित शराब घोटाले से उपजी 'अपराध की आय' को वैध बनाने का आरोप लगाया है. सीधे शब्दों में कहें तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह संजय सिंह पर भी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 3 के तहत 'अपराध की आय' को छिपाना भी अपराध है.

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अपने रिमांड आवेदन में, ईडी ने कहा था, 'संजय सिंह शराब नीति (2021-22) घोटाले से उत्पन्न 'अपराध की आय' को ठिकाने लगाने में शामिल रहे हैं. वह शराब कारोबार से जुड़े समूहों से अवैध धन/रिश्वत इकट्ठा करने की साजिश का हिस्सा रहे हैं. उनका 2017 से दिनेश अरोड़ा के साथ घनिष्ठ संबंध है. दिनेश अरोड़ा के साथ-साथ उनके कॉल रिकॉर्ड से यह स्थापित होता है. दिनेश अरोड़ा एक व्यवसायी है, जिस पर ईडी ने पहले 'साउथ ग्रुप' (दिल्ली शराब घोटाला मामले में दक्षिणी भारत के आरोपी व्यक्तियों का एक समूह) और AAP के बीच 'रिश्वत का माध्यम' होने का आरोप लगाया था. 

ईडी ने अपने रिमांड आवेदन में दावा किया था कि दिनेश अरोड़ा ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उसने संजय सिंह के कहने पर कई रेस्तरां मालिकों से बात की थी, और 'आगामी चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए 82 लाख रुपये के चेक की व्यवस्था की थी'. ईडी ने यह भी आरोप लगाया था कि दिनेश अरोड़ा ने राज्यसभा सांसद संजय सिंह के सहयोगी सर्वेश मिश्रा के माध्यम से उनको 2 करोड़ रुपये नकद दिए थे.

बता दें कि सर्वेश मिश्रा को भी ईडी इस मामले में हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है. उन्हें इस साल 24 जनवरी को कोर्ट ने 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. नवंबर 2022 में दिनेश अरोड़ा सीबीआई मामले (दिल्ली शराब घोटाला केस) में सरकारी गवाह बन गया और उसे जमानत मिल गई. जुलाई 2023 में अरोड़ा को ईडी ने (दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग केस) गिरफ्तार किया था. दिनेश अरोड़ा ईडी मामले में भी सरकारी गवाह बन गया. 

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संजय सिंह ने अपने बचाव में क्या तर्क दिए?

संजय सिंह के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान दलील दी कि दिनेश अरोड़ा ने अपने 10वें बयान में संजय सिंह का नाम लिया था. जबकि उसके पिछले 9 बयानों में संजय सिंह का उल्लेख नहीं था. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद से 5 महीनों में, ईडी ने कोई सबूत स्थापित नहीं किया है. उदाहरण के लिए, यदि दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह को 2 करोड़ रुपये दिए, तो वह 'अपराध की आय' ईडी द्वारा बरामद की जानी चाहिए.

सिंघवी ने कहा कि अरोड़ा के बयानों के अन्य पहलुओं की पुष्टि अन्य गवाहों द्वारा भी की जानी चाहिए. ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा के माध्यम से अन्य सह-अभियुक्तों, समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली से 2 करोड़ रुपये की 'अपराध की आय' प्राप्त की. अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि महेंद्रू ने अपने बयान में कहा था कि उन्होंने कोई रिश्वत नहीं दी.

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