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अरब सागर में देवदूत बनी INS त्रिकंड की टीम, एक कॉल पर बचा ली पाकिस्तानी नाविक की जान

पाकिस्तानी चालक दल के सदस्य के हाथों में चोट आने से खून बह रहा था और उसकी हालत बेहद गंभीर होती जा रही थी और यहां तक कि जान भी जा सकती थी. हालांकि, जैसे ही आईएनएस त्रिकंड की टीम को खबर मिली तो समय पर पहुंचकर पाकिस्तानी नाविक को चिकित्सा सहायता प्रदान की.

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भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस त्रिकंड की टीम ने पाकिस्तानी नाविक को चिकित्सा सहायता प्रदान की.
भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस त्रिकंड की टीम ने पाकिस्तानी नाविक को चिकित्सा सहायता प्रदान की.

भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस त्रिकंड की टीम ने अरब सागर में देवदूत बनकर पाकिस्तानी नाविक की जान बचाई है. पाकिस्तानी चालक दल के सदस्य के हाथों में चोट आने से खून बह रहा था और उसकी हालत बेहद गंभीर होती जा रही थी और यहां तक कि जान भी जा सकती थी. हालांकि, जैसे ही आईएनएस त्रिकंड की टीम को खबर मिली तो ना केवल समय पर पहुंचकर चिकित्सा सहायता प्रदान की, बल्कि जरूरी दवाएं देकर पाकिस्तान के जहाज दल को आगे के लिए रवाना किया.

यह पूरा मामला मध्य अरब सागर का है. पाकिस्तानी चालक दल के सदस्य को गंभीर चोटें आने से हाथों में फ्रैक्चर हो गया था और खून की कमी हो गई थीं. पाकिस्तान का चालक दल एक मछली पकड़ने वाले जहाज में सवार था और ओमान तट से करीब 350 समुद्री मील पूर्व में जा रहा था.

उंगलियों पर आई थीं गंभीर चोटें

जानकारी के मुताबिक, INS त्रिकंड के पास 4 अप्रैल की सुबह ईरानी dhow Al Omeedi से इमरजेंसी कॉल आया. जांच करने पर पता चला कि dhow के चालक दल के एक सदस्य को इंजन पर काम करते समय उंगलियों में गंभीर चोटें आई हैं और उसकी हालत गंभीर होती जा रही है. उसे FV अब्दुल रहमान हंजिया नामक एक अन्य dhow में ट्रांसफर कर दिया गया है, जो ईरान के रास्ते में है.

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Indian Navy's Mission Deployed stealth frigate INS Trikand

INS त्रिकंड ने बदला रास्ता, पहुंचाई चिकित्सा सहायता

INS त्रिकंड ने घायल चालक दल के सदस्य को चिकित्सा सहायता देने के लिए तुरंत अपना रास्ता बदला. FV अब्दुल रहमान हंजिया के चालक दल में 11 पाकिस्तानी (9 बलूच और 2 सिंधी) और 5 ईरानी कर्मी शामिल थे. घायल व्यक्ति पाकिस्तानी (बलूच) नागरिक था. उसके हाथ में कई फ्रैक्चर और गंभीर चोटें आई थीं, जिसके कारण बहुत ज्यादा खून बह गया था.

टांके लगाए, पट्टी बांधी और दवाएं दीं

आईएनएस त्रिकंड के चिकित्सा अधिकारी MARCOS (मरीन कमांडो) और जहाज की बोर्डिंग टीम मदद करने के लिए FV  पर चढ़ी. लोकल एनेस्थीसिया दिया. उसके बाद जहाज की मेडिकल टीम ने घायल उंगलियों पर टांके लगाए और पट्टी बांधी. तीन घंटे से ज्यादा समय तक सर्जिकल प्रक्रिया चली और समय रहते रक्तस्राव पर काबू पा लिया गया, जिससे गैंग्रीन के कारण घायल उंगलियों के संभावित नुकसान को रोका जा सका.

Indian Navy's Mission Deployed stealth frigate INS Trikand

INS त्रिकंड की मेडिकल टीम ने ईरान पहुंचने तक चालक दल के लिए एफवी को एंटीबायोटिक्स समेत चिकित्सा आपूर्ति भी दी. इस जहाज पर मौजूद चालक दल के सदस्यों ने अपने साथी की जान बचाने में समय पर सहायता के लिए भारतीय नौसेना के प्रति आभार जताया.

इस पूरे घटनाक्रम को भारतीय नौसेना की पेशेवर दक्षता और मानवीय मूल्यों के मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भी अपनी सेवा भावना और कर्तव्यपरायणता से प्रेरित होकर कार्य करती है.

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