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'अर्थव्यवस्था पर राजनीति हावी...', अमेरिका संग ट्रेड टेंशन पर क्या बोले जयशंकर

भारत तथा अमेरिका के बीच टैरिफ से जुड़े मुद्दों और व्यापक व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. दोनों देश आपसी व्यापार बढ़ाने और बाजार संबंधी अड़चनों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं और वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखते हैं.

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जयशंकर ने कहा कि आज की अनिश्चित दुनिया में भारत को आपूर्ति स्रोतों में विविधता लानी होगी. (File Photo: PTI)
जयशंकर ने कहा कि आज की अनिश्चित दुनिया में भारत को आपूर्ति स्रोतों में विविधता लानी होगी. (File Photo: PTI)

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौजूदा वैश्विक व्यापार तनाव के बीच अमेरिका की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज के दौर में राजनीति, अर्थव्यवस्था पर लगातार हावी होती जा रही है. उन्होंने इसे 'अनिश्चित दुनिया' का समय बताया. जयशंकर ने यह बात शनिवार को कोलकाता में IIM-Calcutta से मानद डॉक्टरेट मिलने के बाद कही.

उन्होंने कहा कि आज के हालात में भारत के लिए यह और भी जरूरी हो गया है कि वह अपनी राष्ट्रीय जरूरतों को सुरक्षित रखने के लिए आपूर्ति के स्रोतों में लगातार विविधता लाए. ताकि किसी एक देश पर निर्भरता न रहे. जयशंकर का यह बयान हाल के व्यापार विवादों और डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय आयात पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बाद आया है.

'अमेरिका की नीति अब बदल चुकी है'

जयशंकर ने कहा कि अमेरिका, जो लंबे समय तक वैश्विक व्यवस्था का सहारा रहा है, अब देशों से एक-एक कर नई शर्तों पर बात कर रहा है. यह वैश्विक व्यापार के लिए एक बड़ा बदलाव है. भारत और अमेरिका के बीच फिलहाल दो स्तरों पर बातचीत चल रही है. एक टैरिफ से जुड़े मुद्दों पर और दूसरी एक व्यापक व्यापार समझौते को लेकर. 

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दोनों देश आपसी व्यापार बढ़ाने और लंबे समय से चले आ रहे बाजार संबंधी अड़चनों को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि तनाव अब भी बना हुआ है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत का अमेरिका को निर्यात उम्मीद से कम गिरा है.

2030 तक 500 अरब डॉलर के व्यापार का लक्ष्य

अधिकारियों का कहना है कि भारत 50 फीसदी टैरिफ के सबसे खराब असर से बच गया है और बेहतर समझौते के इंतजार को तैयार है. दोनों देश वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रख रहे हैं. अमेरिका भारत के कृषि और हाई-टेक बाजारों में ज्यादा पहुंच चाहता है. वहीं भारत अपने पेशेवरों के लिए बेहतर आवाजाही और डिजिटल व्यापार को लेकर साफ नियमों की मांग कर रहा है.

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