पासपोर्ट रेटिंग्स में भारतीय पासपोर्ट के लिए अच्छी खबर है. हेनली पासपोर्ट इंडेक्स की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पासपोर्ट 77वें नंबर पर पहुंच गया है. गौरतलब, ये है कि भारत ने पिछले छह महीनों में 8 रैंक की छलांग लगाकर सबसे तेज सुधार करने वाले देशों में पहला स्थान हासिल किया है.
रैंकिंग में तो जबरदस्त उछाल आया ही है, साथ ही साथ असली बदलाव यह है कि अब भारतीय नागरिकों को 59 देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा मिल रही है. पिछले साल ये संख्या 57 थी, मतलब 2 देशों का इजाफा हुआ है. इसका फायदा यह है कि अब भारत के लोगों के लिए इंटरनेशनल ट्रैवल थोड़ा और आसान हो गया है.
सिंगापुर का पासपोर्ट सबसे ताकतवर
दुनिया में सबसे ताकतवर पासपोर्ट का खिताब फिलहाल सिंगापुर के पास है, जिसके नागरिक 193 देशों में बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं. उसके बाद जापान और साउथ कोरिया आते हैं, जिनके पासपोर्ट से 190 देशों में एंट्री मिलती है.
वहीं अमेरिका और ब्रिटेन की स्थिति लगातार गिरती जा रही है, ब्रिटेन छठे स्थान पर पहुंच गया है, जहां उसके नागरिक 186 देशों में जा सकते हैं और अमेरिका अब टॉप 10 की लिस्ट में सबसे आखिरी यानी 10वें पायदान पर है, जहां सिर्फ 182 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा है.
आगे बढ़ रहे हैं भारत-चीन और UAE: रिपोर्ट
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि एशिया के देश जैसे सऊदी अरब, यूएई, चीन और भारत लगातार आगे बढ़ रहे हैं. वहीं पुराने ताकतवर देशों जैसे अमेरिका और ब्रिटेन को पीछे छोड़ रहे हैं.
यह सिर्फ पासपोर्ट रैंकिंग की बात नहीं है, बल्कि दुनिया में भारत की बढ़ती पहचान और कूटनीतिक ताकत को भी दर्शाता है. आने वाले सालों में भारत के पासपोर्ट की स्थिति और मजबूत होने की संभावना है, क्योंकि भारत लगातार अपने अंतरराष्ट्रीय रिश्ते मजबूत कर रहा है.
कुल मिलाकर अब भारत के लोग और आसानी से घूम सकते हैं, बिना लंबी वीजा प्रक्रिया के 59 देशों की यात्रा कर सकते हैं और यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.