देश में कोरोना की स्थिति तो विस्फोटक बनी ही हुई है, इसके अलावा ऑक्सीजन संकट भी गहरा रहा है. देश के कई राज्यों में इस समय ऑक्सीजन की किल्लत हो गई है. अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए हैं और मरीज दर-दर भटकने को मजबूर हैं. लेकिन जब सरकारी डेटा का अध्ययन किया गया तो पता चला कि असल में हर बीतते दिन के साथ कई राज्यों में ऑक्सीजन की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है. आंकड़ों में बात करें तो ऑक्सीजन की डिमांड कई राज्यों में 50 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है.
बता दें कि 15 अप्रैल को ऑक्सीजन की कुल मांग का जो अनुमान था, उसके 10 दिन के अंदर ही मांग में बड़ा उछाल आया. 25 अप्रैल से केंद्र संशोधित आवंटन के तहत 22 राज्यों को 8,400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहा है जबकि दैनिक मांग 8,331 मीट्रिक टन की है. इसी तारीख के लिए पहले की डिमांड 5,691 मीट्रिक टन प्रति दिन से ये 48% ज्यादा है. तीन दिन में ही यानि 22 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच संशोधन के आधार पर मौजूदा आवंटन 23 फीसदी बढ़ा दिया गया है.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े?
केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 20 राज्यों की ओर से 6,785 मीट्रिक टन प्रति दिन की लिक्विड मांग को देखते हुए भारत सरकार ने 21 अप्रैल से 6,822 मेगाटन प्रति दिन का आवंटन शुरू कर दिया. स्वास्थ्य मंत्रालय के पहले के आकलन के मुताबिक 12 राज्यों में 6,593 मीट्रिक की अनुमानित मांग की तुलना में 30 अप्रैल तक 1,061 मीट्रिक टन की कमी रहती. ये 12 राज्य कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं कहा तो ये भी गया कि 20 अप्रैल तक ऑक्सीजन का कोई अनुमानित शॉर्टफॉल नहीं था क्योंकि हर दिन 12 राज्यों को 4,880 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी.
आकलन में 25 अप्रैल तक बाकी राज्यों में शून्य शार्टफॉल दिखाया गया. इन राज्यों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल हैं. लेकिन इस आकलन के बीच वो जमीनी हकीकत भी समझने की जरूरत है जिसे देख लोगों का दर्द भी समझा जा सकता है और ऑक्सीजन सिलेंडर पाने की होड़ भी देखी जा सकती है.
निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति वाली सूची में कौन से राज्य?
अब जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति वाली सूची में रखा गया है उनमें आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, गोवा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव शामिल है. सूची में जो नए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल किए गए हैं उनके लिए हर दिन 1191 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति निर्धारित है.
DRDO निभा रहा सक्रिय भूमिका
वैसे ऑक्सीजन की बढ़ती मांग के बीच अब पीएम केयर्स फंड का भी इस्तेमाल होना शुरू हुआ है. जानकारी मिली है कि DRDO की तरफ से अगले तीन महीने में 500 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. इनमें से कुछ प्लांट दिल्ली के चार अस्पतालों और AIIMS झज्जर में 10 मई तक स्थापित किए जाएंगे. डीआरडीओ के मुताबिक ऑक्सीजन प्लांट को 1,000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता के लिए डिजाइन किया जाएगा. ये सिस्टम 190 मरीजों को 5 लीटर प्रति मिनट के फ्लो रेट से आपूर्ति करेगा. ये हर दिन 195 सिलेंडर हर दिन चार्ज कर सकेगा. कहा तो ये भी जा रहा है कि इन प्लांट को स्थापित करने से खास तौर पर ऊंचाई वाली जगहों और दूरवर्ती स्थानों पर ऑक्सीजन सिलेंडर्स की कमी से निपटा जा सकेगा.