रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा के बाद गुरुवार को राज्यसभा में चीन के मसले पर बयान दिया. राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि चीन सीमा पर भारतीय सीमा मुस्तैद है और किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेगी. लोकसभा से इतर इस बार राज्यसभा में विपक्षी नेताओं को अपनी बात कहने की मौका मिला. राजनाथ के संबोधन के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी और आनंद शर्मा ने सदन में अपनी बात कही.
गुलाम नबी आजाद बोले कि देश की संप्रभुता के मसले पर सभी एकजुट हैं. मैंने दो बार सियाचिन का दौरा किया है, चुशूल में भी सैनिकों के साथ बोटिंग की है. गुलाम नबी ने बताया कि उन्होंने और राजीव गांधी ने चुशूल के बंकरों में रात गुजारी थी. हम सरकार के साथ खड़े हैं और हमें अप्रैल से पहले की स्थिति पर सीमा पर वापस जाना चाहिए.
पूर्व मंत्री एके एंटनी ने भी सदन में अपनी बात कही और बोले कि कांग्रेस इस मामले में पूरी तरह से सेना के साथ है. इस दौरान उन्होंने एक क्लेरीफिकेशन मांगा और कहा कि रक्षा मंत्री बताएं कि क्या संप्रुभता की रक्षा करने में अप्रैल से पहले की स्थिति दोबारा स्थापित करना शामिल है.
एके एंटनी ने आरोप लगाया कि गलवान कभी विवाद का विषय रहा ही नहीं है, पैंगोंग में भी वो हमें पैट्रोलिंग नहीं करने दे रहे है. हालांकि, कांग्रेस नेता को जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत को पैट्रोलिंग करने से नहीं रोक सकती है.
कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा में चीन के मामले में सरकार और सेना के साथ रहने की बात कही गई. गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा में भी राजनाथ सिंह ने बयान दिया था. गुरुवार को उन्होंने कहा कि लद्दाख में स्थित गंभीर है, लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार है.