हरियाणा सरकार ने फैसला किया है, राज्य के लिए समर्पित एक राज्यगीत तय किया जाएगा. हरियाणा के लिए समर्पित इस राज्यगीत में राज्य के समृद्ध इतिहास, विरासत और जीवंत संस्कृति को दर्शाने के कई तत्व शामिल होंगे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को इस विषय में घोषणा की थी और कहा था कि, राज्य का अपना "राज्य गीत" होगा. अब शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के शुरुआती दिन इस संबंध में एक आधिकारिक प्रस्ताव पेश किया.
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि हरियाणा आज "भारत" में अग्रणी राज्यों में से एक के रूप में पहचाना जाता है. सदन में सरकार द्वारा चुने गए तीन गाने बजाए गए. सदन आगामी वर्ष के लिए एक गीत को आधिकारिक तौर पर राज्य गीत घोषित करने का निर्णय लेगा. प्रस्ताव के अनुसार, हरियाणा 1 नवंबर, 1966 को अस्तित्व में आया, "हरियाणा की पवित्र भूमि पूर्व-वैदिक काल से ही हमारे इतिहास, परंपरा और संस्कृति का केंद्र रही है. हरियाणा आज भारत के अग्रणी राज्यों में से एक के रूप में पहचाना जाता है. हरियाणा के लोगों ने हमेशा राष्ट्र की रक्षा में कई बलिदान दिए हैं और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है."
"हरियाणा का अपना प्रतीक है, इसमें कोई राज्य गीत नहीं है जो इसके इतिहास और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है और अपने लोगों के गुणों और योगदान का प्रतीक है. राज्य गीत सभी हरियाणवियों को उनकी जाति, लिंग, के साथ एक नई गौरवपूर्ण पहचान प्रदान करेगा. खट्टर ने कहा कि समाचार पत्रों के विज्ञापनों के माध्यम से सार्वजनिक निमंत्रण के जवाब में राज्य के लोगों द्वारा प्रस्तुत 204 प्रविष्टियों में से एक विस्तृत प्रक्रिया के माध्यम से गीत के विकल्प चुने गए हैं. शुरुआत में इस गाने को एक साल की अवधि के लिए अपनाया जाएगा.
खट्टर ने कहा, "मैं राज्य गीत के अंतिम चयन में इस प्रतिष्ठित सदन का समर्थन चाहता हूं, जो मुझे उम्मीद है कि यह इस सदन की सामूहिक इच्छा का प्रतिनिधित्व करेगा और साथ ही हरियाणा के लोगों का भी, जिनका हम सभी प्रतिनिधित्व करते हैं."
उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्यों को 19 दिसंबर को इन गानों की समीक्षा करने के बाद अपनी राय साझा करनी चाहिए. इसके अलावा, अगर वे गाने का नया मसौदा प्रस्तावित करना चाहते हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं.