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18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से, नए सांसद लेंगे शपथ... स्पीकर का होगा चुनाव

विपक्ष के पास दशकों के बाद 230 से अधिक सदस्यों की सबसे बड़ी ताकत है, और लोकसभा में 99 सांसदों वाली कांग्रेस पहले से शेयर बाजार घोटाले का आरोप लगाकर और एनईईटी परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर सरकार पर हमलावर है. इससे आगामी ससंद सत्र के हंगामेदार होने की पूरी संभावना है.

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केंद्रीय ससंदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू. (ANI/File Photo)
केंद्रीय ससंदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू. (ANI/File Photo)

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को कहा कि 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा. 9 दिवसीय विशेष सत्र के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा, और नए संसद सदस्य (सांसद) शपथ लेंगे. इस बीच, राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से 3 जुलाई 2024 तक आयोजित किया जाएगा. 2014 के बाद यह पहला संसद सत्र है, जिसमें भाजपा कम ताकत के साथ सत्ता में लौटी है. 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. वह अगले पांच वर्षों के लिए नई सरकार के रोडमैप की रूपरेखा तैयार कर सकती हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय कराने की उम्मीद है. सत्र के पहले तीन दिनों के दौरान नवनिर्वाचित सांसद शपथ लेंगे और लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव करेंगे.

किरेन रिजिजू ने X हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, '18वीं लोकसभा का पहला सत्र नवनिर्वाचित सदस्यों की शपथ/प्रतिज्ञा, अध्यक्ष के चुनाव, राष्ट्रपति के अभिभाषण और उस पर चर्चा के लिए 24/6/24 से 3/7/24 तक बुलाया जा रहा है.' उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, 'लोगों के जनादेश का पालन करना होगा। जिनको शासन करने का जनादेश मिला है, उन्हें शासन करना ही होगा और जो लोग विपक्ष में बैठे हैं, उन्हें भी रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए। चाहे छोटी पार्टी हो या बड़ी, हर किसी की एक भूमिका होती है.'

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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने आगे कहा, 'प्रत्येक सांसद महत्वपूर्ण है. लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति के मार्गदर्शन में प्रत्येक दल को उसका हक मिलेगा। विपक्ष और सरकार की भूमिका अलग है. लेकिन लक्ष्य राष्ट्रहित में काम करना है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले सत्र में संसद के सुचारू और जीवंत कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए हर कोई रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाएगा.'

विपक्ष के पास दशकों के बाद 230 से अधिक सदस्यों की सबसे बड़ी ताकत है, और लोकसभा में 99 सांसदों वाली कांग्रेस पहले से शेयर बाजार घोटाले का आरोप लगाकर और एनईईटी परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर सरकार पर हमलावर है. इससे आगामी ससंद सत्र के हंगामेदार होने की पूरी संभावना है. बता दें कि पिछली लोकसभा में बीजेपी के पास 303 सांसद थे, लेकिन इस बार यह संख्या 240 है. वह अपने गठबंधन सहयोगियों की मदद से 293 के आंकड़े तक पहुंची है. 

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