शंभू बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल तैनात Farmers Protest Live Updates: पंजाब और हरियाणा के किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं. किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया है. किसानों को रोकने और उन्हें तितर-बितर करने के लिए मंगलवार को पुलिस की ओर से आंसू गैस के दागे गए. सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. इन सीमाओं पर सीमेंट और लोहे की बैरिकेडिंग भी की गई है. इसके अलावा किसानों को रोकने के लिए कटीले तार और कंटेनर भी रखे गए हैं. किसानों ने मंगलवार शाम को फिर कहा कि वो सुबह फिर दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे. वहीं किसानों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है.
मंगलवार को शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने के प्रयास किए और हरियाणा पुलिस के जवानों पर पथराव भी किया गया, जिसके जवाब में पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल कर हालात को काबू में किया. हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो बस या ट्रेन से जाएं या फिर पैदल जाएं हम उन्हें ट्रैक्टरों से दिल्ली नहीं जाने देंगे.
सीटीआई के अनुसार रोजाना दिल्ली के बाजारों में सोनीपत, पानीपत, रेवाड़ी, बहादुरगढ़, नारनौल, गुड़गांव, बावल, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और अन्य एनसीआर के शहरों से लगभग 3 लाख खरीददार भ्रमण करते हैं लेकिन किसान आंदोलन के कारण इनकी संख्या में पिछले 2 दिनों में भारी गिरावट आई है और 1 लाख से भी कम लोग दिल्ली के बाजारों में खरीददारी के लिए आए हैं.
किसानों के दिल्ली कूच के कारण सीमाओं पर सख्त पहरे से दिल्ली के बाजारों में व्यापारियों की सांसें भी अटक गई हैं. व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार दिल्ली के बाजारों में ग्राहकों की संख्या में 75 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, वहीं 15 हजार से ज्यादा व्यवसायिक वाहनों के पहिए दिल्ली में प्रवेश से पहले ही फंस गए हैं और 25 हजार से ज्यादा व्यवसायिक वाहन दिल्ली में ही फंस गए हैं.
किसानों ने आज केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत करने की हामी नहीं भरी. किसानों ने आज प्रस्तावित मीटिंग को लेकर पहले केंद्र सरकार और पंजाब सरकार के अधिकारियों को अपनी मांगों के बारे में बताया है और किसानों पर हो रही पुलिस कार्रवाई को लेकर भी कुछ वीडियो भी सौंपे हैं. अभी किसानों के द्वारा केंद्रीय मंत्रियों के साथ मीटिंग करने को लेकर फाइनल हामी होनी बाकी है, लेकिन उससे पहले किसान नेता मेटिंग के एजेंडे समेत हमने कई मुद्दों पर अपनी बात रख रहे हैं. ये मीटिंग पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ शंभू बॉर्डर के नजदीक ही पंजाब के राजपुरा के प्राइवेट होटल में जारी है. इस मीटिंग में किसान नेताओं की सहमति मिलने के बाद कल चंडीगढ़ में तीसरे राउंड की बैठक हो सकती है.
हरियाणा पुलिस की ओर से लगातार दागे जा रहे आंसू गैस के गोलों को लेकर किसान नेताओं विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि, कहा केंद्र के साथ तब तक बात नही होगी जब तक ये आंसू गैस की गोलेबारी नहीं रुकेगी. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि ऐसे माहौल में बातचीत नही हो सकती. केंद्र पटियाला प्रशासन के माध्यम से किसानों से बातचीत करना चाह रहा है. किसान नेताओं ने पंजाब पुलिस के सीनियर अधिकारियों को मौके के हालात दिखाए हैं. किसानों का आरोप है कि हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स पंजाब में आकर किसानों पर गोलियां चला रही हैं. हमने इसकी लिखित शिकायत भी एसएसपी पटियाला को दे दी है.
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़े हुए हैं. एक ओर जवान तो दूसरी ओर किसान खड़े हुए हैं. जैसे ही किसान आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं वैसे ही पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की ओर से आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं.
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मैं विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं से आग्रह करना चाहूंगा कि वो मदद करें और बातचीत करें. सरकार इसको लेकर प्रतिबद्ध है. हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि प्रशासन से जुड़े कार्यों में तेजी लाई जाएगी, लेकिन नए कानून बनाने में अभी बहुत बातों पर विचार करना है. आने वाले दिनों में हम किसान संगठनों से चर्चा करना चाहते हैं.
पंजाब के किसानों को 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोक लिया गया था, जब उन्होंने आगे बढ़ने की जिद की तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज भी हुआ. इसको लेकर जालंधर में संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब ने मीटिंग की. इसमें करीब 32 किसान संगठन शामिल हुए. इस दौरान एसकेएम की ओर से कहा गया है कि 16 फरवरी का जो भारत बंद बुलाया गया था, उसको लेकर समीक्षा की गई.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए झज्जर के एसपी अर्पित जैन ने कहा, हमारे जिले में पूरी तरह शांति है. हालांकि हमने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं. अगर कोई कानून-व्यवस्था को फॉलो नहीं करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. पैदल चलने के लिए रास्ता दिया गया है. हम सभी से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हैं.
किसानों के आंदोलन को देखते हुए कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा कृषि भवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं कि इसका समाधान कैसे किए जाए. किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर जबरदस्त तनाव का माहौल है.
दिल्ली जा रहे किसानों को रास्ते में रोकने और उनपर आंसू गैस छोड़ने के विरोध में पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन उग्रहा ने ऐलान किया है कि राज्य में कल दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक रेलवे ट्रैक जाम किए जाएंगे.
(इनपुट- कमलजीत)
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, "वे केंद्र सरकार से बात करना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार यहां बात करने आई है. दो बार बातचीत हो चुकी है और आगे भी बातचीत से इनकार नहीं कर रहे हैं फिर भी वे दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं. वे दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं? ऐसा लगता है कि उनका कोई और मकसद है. हम शांति भंग नहीं होने देंगे. उन्हें अपना कॉल वापस लेना चाहिए."
भारत सरकार ने हाल ही में कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया है. उनकी बेटी ने किसानों पर हुई कार्रवाई पर कहा है कि अन्नदाताओं से अपराधियों की तरह व्यवहार नहीं करनी चाहिए.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है. सब राजनीतिक पार्टियां एक हैं. सत्ता वाले भी और विपक्ष वाले भी. ये अपनी सरकार बचाएं. जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई?
किसानों पर हुए एक्शन को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम किसानों को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने की सरकार की कार्रवाई की निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने किसानों से बात करने के लिए कारपोरेट मंत्री को चुना है, वह कारपोरेट जगत का प्रतिनिधित्व करते हैं और कॉरपोरेट का हित किसानों के शोषण में है.
दिल्ली कूच के लिए अड़े पंजाब के किसानों को हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोका गया है. मंगलवार को किसान और पुलिस के बीच तनाव देखने को मिला था, जिसके बाद पुलिस की ओर से आंसू गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कई किसान घायल हो गए थे. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक घायल किसान से फोन पर बात की है. उत्तराखंड कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि राहुल गांधी ने पूर्व सैनिक गुरमीत सिंह के स्वास्थ्य के बारे में जाना और हक की मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन के लिए अपना समर्थन जताया.
किसानों को दिल्ली में आने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने बहादुरगढ़ में भी किलेबंदी कर दी है. बड़ी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स, आइटीबीपी हरियाणा पुलिस को तैनात किया गया है.
किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा कि बीजेपी किसानों की पार्टी है और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए काम करती है. टेनी ने कहा कि बीजेपी सरकार ने किसानों को नुकसान से बचाने के लिए फसलों की बीमा शुरू किया. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मंजदूर मोर्चा दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर रोका गया है. उनकी मांग है कि किसानों को एमएसपी पर गारंटी का कानून दिया जाए.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम प्रो खालिस्तानी और प्रो लेफ्ट-कांग्रेसी होने का आरोप लगाया जा रहा है, जोकि पूरी तरह गलत है. वहीं पत्थरबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि हम पत्थरबाजी नहीं कर रहे हैं, हमारा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है. सरकार आंदोलन को गुमराह करने का प्रयास कर रही है. पुलिस ने हमारे किसानों पर लाठीचार्ज किया है और आंसू गैस के गोले दागे. हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, सरकार हमारी मांगें मान ले.

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने आजतक से बात करते हुए कहा कि किसान संगठनों को यह बात समझना जरूरी है कि जिस कानून की बात की जा रही है इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बारे में लोग आलोचना करें. किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा आम जनजीवन को बाधित न किया जाए. मैं किसान संगठनों को यही कहूंगा किसी राजनीति से प्रेरित होकर के काम ना करें.
किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं. हमें सभी पक्षों को ध्यान में रखकर बातचीत करनी होगी. मैं किसान संगठनों से अनुरोध करता हूं कि वे चर्चा का माहौल बनाए रखें.
किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए पहले पुलिस ने सिंघु बॉर्डर के पास पहले ड्रोन से मैपिंग की गई, फिर उन सड़कों की पहचान की गई, जहां से ट्रैक्टर दिल्ली में लाए जा सकते हैं. फिर उन सड़कों पर गड्ढे किए जा रहे हैं. जेसीबी की मदद से 10-10 फीट गहरे गड्ढे किए जा रहे हैं.
(इनपुट- हिमांशु मिश्रा)

शंभू बॉर्डर पर किसान बैरिकेडिंग के पास पहुंचे तो पुलिस की ओर से फिर आंसू गैस के गोले दागे गए. पुलिस की ओर से चेतावनी दी गई है कि वो बैरिकेडिंग के पास न आएं.
पंजाब के अधिकारियों ने शंभू बॉर्डर पर अपने क्षेत्र के अंदर हरियाणा पुलिस-प्रशासन के ड्रोन इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई है. पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पंजाब के अधिकारियों ने शंभू बॉर्डर पर पंजाब के इलाके में आंदोलनकारी किसानों पर ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले छोड़ने का विरोध किया है. पंजाब के पटियाला के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) शौकत अहमद पर्रे ने अंबाला के डिप्टी कमिश्नर को पत्र लिखकर विरोध जताया है. उन्होंने पत्र में कहा है कि अंबाला के पास शंभू सीमा पर पंजाब के क्षेत्र के अंदर ड्रोन न भेजे जाएं.
किसानों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने पूरी तैयारी की है. टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर कैसे हालात हैं- देखिए
हरियाणा-दिल्ली टिकरी बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है. दिल्ली पुलिल ने टिकरी बॉर्डर की ओर जाने वाले रास्ते को एक किलोमीटर पहले ही सील कर दिया है. किसी भी वाहन को बॉर्डर की ओर आगे नहीं जाने दिया जा रहा है. किसानों को रोकने के लिए टिकरी बॉर्डर पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है.

किसान पंजाब के जरिए दिल्ली में न घुस पाएं, इसको लेकर सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यहां कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है और सुरक्षाकर्मियों को भी कई लेयर में तैनात किया गया है.
किसानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन है. अभीतक पंजाब-हरियाणा के किसान ही आंदोलन में शामिल हैं, लेकिन राकेश टिकैत के बयान के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यूपी के किसान भी इसमें शामिल हो सकते हैं. इसको देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है. यहां भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात भी किया गया है.
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए राजधानी की सभी सीमाएं लगभग सील कर दी गई हैं. इससे दिल्ली-मेरठ समेत कई हाईवे पर भारी जाम लग गया है और ऑफिस आने-जाने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. पढ़िए- किसान आंदोलन से दिल्ली की सीमाओं पर महाजाम, जानिए सिंघु, टिकरी, गाजीपुर और झारोदा बॉर्डर पर क्या है हाल
हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में 15 फरवरी तक इंटरनेट पर बैन लगाया गया है. इसके अलावा 22 में से 15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है. शंभू बॉर्डर पर किसानों के 2500 ट्रैक्टर ट्रॉली पहुंचे हुए हैं. इनमें से 800 ट्रॉलियों में खाने का सामान, लकड़ी और पेट्रोल-डीजल लेकर जा रहे हैं. किसान छह महीने तक धरना प्रदर्शन के लिए 'दिल्ली चलो' मार्च की तैयारी बीते दो महीने से कर रहे हैं. (इनपुट- मनजीत सहगल)
पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर किसानों का आज दूसरा दिन है. किसान प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए आज भी आंसू गैस के गोले दागे जा सकते हैं. मंगलवार की तुलना में आज ज्यादा हिंसा हो सकती है क्योंकि किसान बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास करेंगे. रात करीब दो बजे भी एक SUV के जरिए बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की गई थी. किसानों के साथ हुई हिंसा में हरियाणा पुलिस के 24 जवान घायल हुए हैं, जिनमें एक डीएसीपी भी शामिल हैं.
शंभू बॉर्डर पर 15 और जींद के दातासिंह बॉर्डर पर 9 पुलिस के जवान घायल हुए हैं. हालांकि किसान संगठनों ने दावा किया है कि पुलिस के एक्शन में 60 से ज्यादा किसान घायल हुए हैं, जिन्हें पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
(इनपुट- मनजीत सहगल)
शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. इसको देखते हुए सीमा से करीब एक किलोमीटर पहले ही वाहनों को रोक लिया जा रहा है और आगे नहीं जाने दिया जा रहा है.
किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पैरामिलिट्री फोर्स की 60 कंपनियां तैनात हैं. इसके अलावा पुलिस की भी 50 कंपनियां तैनात की गई हैं. एक ओर किसानों ने हुंकार भरी है कि वो आज दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ेंगे, वहीं सुरक्षाबलों की कोशिश होगी कि उन्हें आगे बढ़ने से रोका जाए.
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का नेतृत्व कर रहे पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि एमएसपी की गारंटी वाला कानून इतनी जल्दी नहीं बन सकता. हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि हमें उस पर कानूनी गारंटी दी जाए ताकि हम उस एमएसपी से नीचे फसल न बेचें. इसलिए समिति का कोई सवाल ही नहीं है. हम चाहेंगे कि पीएम आगे बढ़ें और किसानों से बात करें.
दिल्ली पुलिस ने टिकरी बॉर्डर की तरफ जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है. एक किलोमीटर पहले ही रास्ते को पूरी तरीके से सील कर दिया है. दिल्ली पुलिस किसी भी वाहन को टिकरी बॉर्डर की ओर जाने की इजाजत नहीं दे रही है.
(इनपुट- सुशांत मेहरा)
दिल्ली पुलिस की ओर से स्पीकर के जरिए ऐलान किया जा रहा है कि किसान बैरिकेड तोड़कर आगे जाने की कोशिश करेंगे तो पहले उनपर गैस चलाएं, फिर लाठी चलाएं. उनपर मिर्च का इस्तेमाल करें. अगर वो अग्रेसिव रहेंगे तो हमें भी डिफेंसिव नहीं रहना है. अगर हम डिफेंसिव हो गए तो हम घायल हो जाएंगे. वो जिस जोश के साथ आ रहे हैं, उससे डबल जोश के साथ हमें तैयार रहना है, तभी हम उनको रोक पाएंगे. हमें उन्हें खदेड़ना है. वो आगे आने की कोशिश करेंगे. हमारा उद्देश्य है इनको दिल्ली जाने से रोकना ताकि दिल्ली में ये लोग अराजकता न फैलाएं. हम एकजुट रहेंगे तो ये लोग FAIL हो जाएंगे.
(इनपुट- अमित भारद्वाज)
किसान दिल्ली कूच के लिए सुबह 9 बजे आगे बढ़ेंगे. उन्होंने ऐलान किया है कि वो 9 बजे से दिल्ली के लिए कूच करेंगे. वहीं पुलिस की ओर से चेतावनी दी गई है कि हरियाणा बॉर्डर पार न करें.
शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में किसान रातभर से डटे हुए हैं. वहीं बॉर्डर से आज सुबह की तस्वीरें सामने आई हैं. पंजाब-हरियाणा बॉर्डर को जोड़ने वाली पुलिया पर सीमेंट की बैरिकेडिंग लगाकर हरियाणा पुलिस के जवान, अर्धसैनिक बाल के जवान किसानों को चेतावनी दे रहे हैं कि वो हरियाणा की सीमा न घुसें. वहीं दूसरी ओर किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं.

किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है. जानिए दिल्ली में किन-किन रास्तों से एंट्री मिलती है-

पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि इस बार कौन-से किसान संगठन आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं, ये बड़ा सवाल है क्योंकि राकेश टिकैत का भारतीय किसान यूनियन, संयुक्त किसान मोर्चा ने अबतक इस आंदोलन से दूरी बनाई हुई है.
टिकरी, सिंघू और झरोदा में हरियाणा के साथ दिल्ली की सीमाएं सील की गई हैं. वहीं यूपी से लगने वाली सीमाओं को भी सील किया गया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स पर बैरिकेड्स, लोहे की कीलें और कंक्रीट के बैरिकेड्ट लगा दिए हैं. पढ़िए किन रूट से आसानी से एग्जिट मिल सकता है- किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली के ये 5 बॉर्डर सील, जानें- किन रूट्स पर है ईजी एग्जिट
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को देखते हुए टिकरी-सिंघु और झरोदा बॉर्डर की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई हैं ताकि किसान अपने ट्रैक्टर और ट्रॉली से राजधानी में न घुस पाएं. वहीं यूपी के साथ लगने वाले चिल्ला-गाजीपुर बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से एंट्री-एग्जिट पॉइंट्स पर बैरिकेड्स, लोहे की कीलें और कंक्रीट के बैरिकेड्ट लगा दिए गए हैं.
पंजाब-हरियाणा सीमा पर डटे किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस की ओर से वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. बताया जा रहा है कि इस दौरान 60 से ज्यादा लोग घायल हुए. वहीं किसान यूनियन की ओर से दावा किया गया कि पुलिस की कार्रवाई में 100 से ज्यादा किसान घायल हुए हैं.
वहीं इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने भी दखल दिया है. कोर्ट ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखी जाए, बल का इस्तेमाल आखिरी उपाय हो. हाई कोर्ट ने कहा है कि कानून- व्यवस्था बनाए रखी जाए. सभी मुद्दों का सौहार्दपूर्ण ढंग से हल निकले. सभी पक्षों को बैठकर मामले का समाधान निकालना चाहिए.
किसानों के प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि किसान भाइयों, आज ऐतिहासिक दिन है. कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है. यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा. न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि दो बार की किसानों से बातचीत बेनतीजा रही है. समाधान के लिए और चर्चा जरूरी है. उन्होंने कहा कि बातचीत से समाधान मुमकिन है. हम राज्य सरकारों से बात कर रास्ता निकालने को तैयार हैं.
केंद्र और किसानों के बीच बातचीत में सहमति नहीं बनने के बाद किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया. मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान किसानों ने कई जगहों पर बैरिकेड्स तोड़ दिए. फतेहगढ़ साहेब से शंभू बॉर्डर पर जमा हुई किसानों की ओर से पथराव किया गया, जिसके बाद पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए. पुलिस के एक्शन के बाद शंभू बॉर्डर पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया.