Electoral reforms discussion lok sabha संसद के चालू शीतकालीन सत्र के सातवें दिन आज लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा हो रही है. संसद के निचले सदन में हो रही इस बड़ी डिबेट में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम की विश्वसनीयता और राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुमनाम चंदे तक, हर पहलू पर बात होगी. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस चर्चा की शुरुआत की है.
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि एसआईआर वोट डिलीट करने का टूल बनकर रह गया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग कह रहा है कि पांच लाख वोटर डिलीट, छह लाख वोटर डिलीट... और बीजेपी जश्न मना रही है. कल्याण बनर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग किसी व्यक्ति की नागरिकता तय करने की अथॉरिटी नहीं है. बिहार में तो आप लोगों ने बहुत कुछ बोला था. मोदी जाकर बोा कि हमलोग घुसपैठिए निकालने के लिए एसआईआर किया है. एक घुसपैठिया नहीं मिला. यदि विदेशी आ रहे हैं, तो आप अपने कर्तव्य निभाने में फेल हैं. यह गृह मंत्री और प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि मिजोरम में आपने क्या किया. आपने किया कि जो बाहर से आ रहे हैं, उसकी एंट्री करो. क्या वह अमित शाह और नरेंद्र मोदी का फेवरेट चाइल्ड है. रोहिंग्या बोल के सब बंगालियों को निकाल रहे हैं. रोहिंग्या आ रहे हैं मिजोरम में. बीजेपी बंगाली हेटर है. यही वजह है कि विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी गई, प्रधानमंत्री बंकिम दा बोल रहे. जब बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म हुआ था, मोदी जी से तीन जेनरेशन पहले, उनको भी वह दादा बोल देते हैं. कभी सरदार पटेल को दादा बोला क्या.
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सूट में पहुंचे हैं. कल्याण बनर्जी ने बाकायदा टाई भी लगा रखी है.लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कल्याण बनर्जी आज सूटेड पहुंचे हैं, टाई भी लगाई है.कल्याण बनर्जी खुद भी स्पीकर की बात पर मुस्करा उठे. टीएमसी सांसद ने इसके बाद चुनाव सुधार पर चर्चा में बोलना शुरू किया. कल्याण बनर्जी जब बोल रहे थे, तभी स्पीकर ओम बिरला आसन से चले गए और जगदंबिका पाल आसन पर आ गए. तब कल्याण बनर्जी ने भी हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि सर आप चले जाएंगे, तो हम बोलेंगे कैसे. जगदंबिका पाल के आसन पर आने के बाद कल्याण ने कहा कि अरे आप आ गए.
लोकसभा में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सूट में पहुंचे हैं. कल्याण बनर्जी ने बाकायदा टाई भी लगा रखी है.लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कल्याण बनर्जी आज सूटेड पहुंचे हैं, टाई भी लगाई है.कल्याण बनर्जी खुद भी स्पीकर की बात पर मुस्करा उठे. टीएमसी सांसद ने इसके बाद चुनाव सुधार पर चर्चा में बोलना शुरू किया.
अखिलेश यादव ने कहा कि सुधार की यह प्रक्रिया चुनाव आयोग से ही शुरू होनी चाहिए. चंडीगढ़ जैसी वोट चोरी पर, बंदूक की नोंक पर वोट देने से रोकने पर, एफिडेविट की रसीद होने के बावजूद मिलने से इनकार पर, एक वोटर के कई वोट डालने पर, वोट के दौरान योजना चलाकर घूस देने पर. इन सब पर रोक लगनी चाहिए. वन नेशन वन इलेक्शन के साथ वोटर लिस्ट एक होने पर कहूंगा कि यूपी में आधार जैसे कार्ड को मान ही नहीं रहे. ये एसआईआर नहीं है, अंदर ही अंदर एनआरसी वाला काम कर रहे हैं. यूपी के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हम डिटेंशन सेंटर बना रहे हैं. लोकतंत्र में फिर से भरोसा जगाया जाए, ईवीएम हटाकर बैलट से चुनाव कराए जाएं. चुनाव आयोग सरकार के इशारे पर काम ना करे. चुनाव आयोग किसी एक विचारधारा का गुट बनकर न रह जाए.
अखिलेश यादव ने सीईसी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की कांग्रेस की मांग का समर्थन किया और कहा कि बैलट से वोटिंग होनी चाहिए. जो लोग तकनीक की दुहाई दे रहे हैं, वह देख लें कि तकनीकी में जापान-जर्मनी जैसे देश कहां खड़े हैं और भारत कहां है. जब जापान-जर्मनी जैसे देश बैलट से वोटिंग करा सकते हैं, तो हम क्यों नहीं. उन्होंने फ्रीबिज को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि हमने यूपी में एक नई नीति बनाई थी, तब बीजेपी ने कहा कि यह चुनाव प्रभावित करने के लिए किया गया है और चुनाव आयोग से रोक लगवाने का काम किया गया था. टीवी पर बराबर स्पेस मिलना चाहिए. सोशल मीडिया पर निगेटिव कैंपेन पर बीजेपी हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रही है. इलेक्टोरल बॉन्ड्स हमें मिले नहीं. सबसे ज्यादा बीजेपी को मिले हैं और दूसरे नंबर पर कांग्रेस है. कांग्रेस भी हमें यह नहीं बताती कि मिलता कहां से है. यह खेल दिखाई देने वाला खेल है, इसमें रीजनल पार्टियां कहां टिकेंगी. अखिलेश ने एसआईआर पर कहा कि यूपी में 10 लोगों की जान जा चुकी है. नौ बीएलओ की हमारे पास सूची है. मुरादाबाद में सर्वेश सिंह, बिजनौर में शोभा रानी, देवरिया लेखपाल की तबीयत बिगड़ी, लेखपाल सुधीर कुमार ने श
अखिलेश यादव ने चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि अभी बीजेपी के सदस्य यूपी के चुनाव पर भी बोल रहे थे. कहना चाहूंगा कि उपचुनाव में निष्पक्ष कार्यवाही कहीं भी देखने को नहीं मिली. रामपुर उपचुनाव में मुख्यमंत्री और बीजेपी नेतृत्व ने तय किया था कि यहां से बीजेपी जीतेगी. जब चुनाव शुरू हुआ, हमें वह देखने को भी मिला. वोटिंग के दिन हमने देखा कि किस तरह से पुलिस-प्रशासन इस बात पर लगा था कि कोई वोटर घर से न निकले. पहली बार बीजेपी वहां से लोकसभा चुनाव जीती. एक-एक घटना की सूचना हमने चुनाव आयोग को दी है, लेकिन इसके बावजूद चुनाव आयोग ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जब हम यह समझ गए कि चुनाव आयोग पूर्वाग्रह से ग्रसित है. इस पर सत्ता पक्ष की ओर से किसी ने कुछ कहा. अखिलेश ने कहा कि ये कुछ जानते नहीं हैं, ना ही पढ़े-लिखे हैं. एक-एक घटना हमने टैग किया है चुनाव आयोग को. एक भी कार्रवाई हुई हो, तो बता दें. चुनाव जीते जाते हैं, हारे जाते हैं, लेकिन चुनाव आयोग का काम है निष्पक्ष रहना. एक समय था जब कांग्रेस से लड़ते थे, आज आपसे लड़ रहे हैं. एक समय था जब हम पांच सांसद की पार्टी थे, आज यूपी में सबसे बड़ी पार्टी हैं. जहां से बीजेपी ने कम्युनल पॉलिटिक्स की शुरु
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को भ्रांति है कि बीजेपी को फायदा होगा. सबसे ज्यादा नुकसान की आशंका बीजेपी को ही है. महाराष्ट्र में चुनाव होगा, तब भी हम बिहार से ही लग जाते हैं. हम सब लग जाते हैं और जिताने का प्रयास करते हैं. हमारे गृह मंत्री कभी विदेश की यात्रा ही नहीं किए. कहते हैं कि विदेश जाने से वोट नहीं बढ़ता. हमारे प्रधानमंत्री जी 12 वर्षों में एक दिन भी विश्राम नहीं किए. विपक्ष के नेता कभी थाईलैंड, कभी कंबोडिया कभी कहीं जाते रहते हैं. हमारा केंद्रीय नेतृत्व जब मैदान में उतरता है, तब आप क्लीन बोल्ड हो जाते हो और दोष एसआईआर वोट चोरी को देते हो. आप यही सोचते रहो, हमारे लिए भी अच्छा है. बीजेपी सुधार, जिम्मेदारी के लिए अडिग है.
संजय जायसवाल ने कहा कि यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख-ईसाई... सभी का है, लेकिन बांग्लादेशी और रोहिंग्या का नहीं है. हम एक-एक घुसपैठिए को बाहर करेंगे. बंगाल में इस बार कमल खिलेगा, कोई रोक नहीं पाएगा. उन्होंने बाबा साहब को कोट करते हुए कहा कि आज जब क्लीन मतदाता सूची होगी, तब क्या दिक्कत है. कांग्रेस की वोट चोरी की लिस्ट इतनी लंबी है, कि बोलते रह जाऊंगा, खत्म नहीं होगी. सबसे जरूरी सुधार की जरूरत है, वह है कि किसी राज्य का बजट पता नहीं और हम वादे किए जा रहे हैं. मनीष तिवारी ने यह नहीं बताया कि तेजस्वी यादव ने किस नियम के तहत वादा किया था हर घर में सरकारी नौकरी देने का. बिहार की जनता ने दो करोड़ 70 लाख नौकरी के वादे पर भरोसा नहीं किया, मोदी की गारंटी पर भरोसा किया.
बिहार के पश्चिमी चंपारण से बीजेपी के सांसद संजय जायसवाल ने शोले फिल्म का डायलॉग बोला. उन्होंने कहा कि मुझे असरानी का एक डायलॉग याद आ रहा है, कि हमें सुधारने वाले अच्छे-अच्छे सुधर गए लेकिन हम नहीं सुधरे. संजय जायसवाल ने कहा कि एसआईआर के मुद्दे पर बिहार की जनता ने इतनी बड़ी हार दी, लेकिन ये अभी भी सुधर नहीं रहे. 20 दिन बिहार घूमे, लेकिन नतीजों से पहले नेता प्रतिपक्ष विदेश चले गए. अब अगर वह बिहार जाएंगे, तो कांग्रेस के पूरे विधायक एक बोलेरो में आ जाएंगे. संजय जायसवाल ने कहा कि वोट चोरी 1947 में हुई थी, जब पूरी सीडबल्यूसी ने सरदार पटेल को पीएम चुना था लेकिन नेहरू को बना दिया गया. उन्होंने राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में चुनाव स्थगित किए जाने से लेकर 1991 के कश्मीर चुनाव तक का जिक्र किया और कहा कि तब वोट चोरी हुई थी. बूथ कैप्चरिंग 1957 में बिहार से शुरू हुई और इस बार एक भी हत्या नहीं हुई.
मनीष तिवारी ने कहा कि एसआईआर का कानूनी अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है, लेकिन फिर भी अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो मशीन रिडेबल लिस्ट क्यों नहीं दे देते. उन्होंने एंटी डिफेक्शन कानून पर सवाल उठाए और कहा कि उसमें बार-बार संशोधन हुए. 2014 के बाद तो यह बिल्कुल मेगामार्ट एक्टिविटी बन गया है. कभी एक रिसर्च करवा के देखिए, 1950 से 1985 तक इसी सदन की डिबेट क्वालिटी क्या थी और 1985 से 2025 तक क्या रही. मनीष तिवारी ने कहा कि मेरी तीन मांगें हैं. सीईसी की नियुक्ति का कानून बदले. उसमें राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई को शामिल करें. एसआईआर बंद करवाइए. पहले अगर किसी ने कानून नहीं देखा, इसका मतलब यह नहीं कि जो हो रहा वह सही है. चुनाव से पहले डायरेक्ट कैश ट्रांसफर बंद होना चाहिए.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में ईवीएम को लेकर कहा कि लोगों के मन में यह शंका है कि क्या ईवीएम मैनुपुलेट किया जा सकता है. इस शंका को दूर करने के दो ही तरीके हैं, एक ये कि सौ फीसदी वीवीपैट हों या दूसरा पेपर बैलट से चुनाव हों. सरकार को पहले तो यह बताना चाहिए कि ईवीएम का सोर्स कोड किसके पास है. यह चुनाव आयोग के पास है या उन कंपनियों के पास है. मनीष तिवारी ने चुनाव के समय पैसा लोगों के खाते में भेजे जाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है. यह भारत सरकार के राजस्व के साथ भी खिलवाड़ है. उन्होंने केंद्र से लेकर राज्यों तक, सरकारों की देनदारियों के आंकड़े गिनाए और कहा कि संसद को लिमिट तय करनी चाहिए. एक आर्टिकल जोड़कर यह प्रस्ताव करना चाहिए कि जिसका जीडीपी रेशियो 20 फीसदी से ज्यादा है. वह सरकार कोई कैश ट्रांसफर नहीं कर सकती. इसे बहुत गंभीरता से सदन को अपने संज्ञान में लेना चाहिए. नहीं तो कोई राज्य सरकार बदलेगी ही नहीं. आपके सूबे का कर्जा और ऊपर चढ़ता जाएगा. यह किस तरह का देश बना रहे हैं आप. ये चुनाव जीतना, ये सरकार बनाना... हमसे पहले बहुत लोग आए, बाद में भी आएंगे. हम किस तरह का देश छोड़ना चाहते हैं.
मनीष तिवारी ने कहा कि कई प्रदेशों में एसआईआर हो रहा है. चुनाव आयोग के पास कानूनी तौर पर एसआईआर कराने का कोई अधिकार नहीं है. चुनाव आयोग कहता है कि उन्हें एसआईआर कराने का अधिकार सेक्शन 21 से मिलता है. मनीष तिवारी ने पूरा सेक्शन पढ़ा और कहा कि ना संविधान में, ना कानून में एसआईआर का प्रावधान है. ये बस एक हथियार चुनाव आयोग को दिया गया था, कि अगर किसी क्षेत्र में वोटर लिस्ट में कोई गड़बड़ी है, तो उसे ठीक करने के लिए लिखित में कारण बताकर ही एसआईआर कर सकते हैं. एसआईआर करना चाहते हैं, तो आपको जो खामियां लग रही हैं, उनको ठीक करके ही आप उस क्षेत्र के लिए एसआईआर कर सकते हैं. सरकार को यह सदन पटल पर रखना चाहिए कि कौन-कौन से निर्वाचन क्षेत्र में कौन-कौन सी खामियां उनको मिलीं और क्यों एसआईआर की जरूरत पड़ी. हर क्षेत्र में एसआईआर का कारण सदन पटल पर रखना चाहिए.
मनीष तिवारी ने चुनाव सुधार पर डिबेट की शुरुआत करते हुए कहा कि लोकतंत्र में दो सबसे बड़े भागीदार हैं- 98 करोड़ मतदाता और राजनीतिक दल. एक न्यूट्रल अंपायर की जरूरत महसूस हुई और चुनाव आयोग का गठन हुआ. उन्होंने कहा कि इस देश में सबसे बड़ा चुनाव सुधार राजीव गांधी की सरकार ने किया पिछले 78 साल में, जब उन्होंने 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को मतदान का अधिकार दिया. मनीष तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर आज सवाल उठ रहे हैं. चुनाव सुधार की जो सबसे पहली जरूरत है, वह 2023 में बने कानून में सुधार की है. इसमें दो और सदस्य जोड़े जाने चाहिए. चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की कमेटी में दो लोग सरकार से, दो लोग विपक्ष से रहने चाहिए और एक सीजेआई को रखना चाहिए. ऐसा होगा तो ठीक से खेला होबे.
लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा शुरू हो गई है. चर्चा की शुरुआत से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि यह बहुत ही संवेदनशील चर्चा है. इस चर्चा के दौरान संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप-प्रत्यारोप से बचकर चुनाव सुधार पर ही केंद्रित रहें. इस डिबेट की शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की है.
नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू लोकसभा में इंडिगो संकट पर बयान दे रहे हैं. उन्होंने इंडिगो संकट पर सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और कहा कि सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की जा रही है. डीजीसीए हर जरूरी कदम उठा रही है. इस संकट के पीछे आंतरिक रोस्टर की समस्या सामने आई है. इंडिगो के सीईओ को नोटिस दिया गया है. उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा. यात्रियों का पैसा रिफंड किया जा रहा है. इंडिगो की जवाबदेही तय की जाएगी. नागरिकों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए गए हैं और इन नियमों से समझौता नहीं किया जाएगा.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान घुमंतू जातियों का मुद्दा उठा. लोकसभा में इन जातियों के उत्थान को लेकर सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास गिनाए. उन्होंने कहा कि हम किसी को भी नहीं छोड़ रहे. हमारी सरकार अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है. इससे पहले, आजाद समाज पार्टी के प्रमुख एडवोकेट चंद्रशेखर ने लोकसभा में घुमंतू जातियों के कल्याण और सशक्तिकरण को लेकर प्रश्न किया. इस प्रश्न पर मंत्री के जवाब से पहले आसन से स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सभी सदस्यों से आग्रह करेंगे कि घुमंतू जातियों के लोग जिस भी सदस्य के इलाके में हों, वहीं उनके लिए शैक्षणिक शिविर लगवाएं. इस तरह के प्रयासों से आने वाली पीढ़ियां शिक्षित होंगी और उनका सशक्तिकरण हो सकेगा.
वोटर लिस्ट, SIR, चुनावी फंडिंग, EVM की विश्वसनीयता और राजनीतिक दलों को मिलने वाला गुमनाम चंदा ये चुनाव सुधार के अहम मुद्दे हैं. चुनाव सुधार चुनावी प्रक्रिया की दक्षता, पारदर्शिता और निष्पक्षता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से किए गए संवैधानिक प्रयास हैं. आज लोकसभा में इन मुद्दों पर लंबी चर्चा होगी.
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चुनाव सुधार पर लोकसभा में होने जा रही डिबेट में शामिल होने जा रहे वक्ताओं की लिस्ट सामने आ गई है. बीजेपी की ओर से निशिकांत दुबे, पीपी चौधरी, अभिजीत गंगोपाध्याय, अनुराग ठाकुर और संजय जायसवाल लोकसभा में बोलेंगे. वहीं, कांग्रेस की ओर से मनीष तिवारी के साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल, वर्षा गायकवाड़, मोहम्मद जावेद, उज्ज्वल रमण सिंह, ईशा खान, रवि मल्लू, इमरान मसूद, गोवाल पडवी और ज्योतिमणि का नाम वक्ताओं की लिस्ट में है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जलवायु परिवर्तन बड़े संकट के रूप में सामने आया है. सारी दुनिया के सामने यह संकट खड़ा है. इसके खतरों से कृषि को बचाने के लिए हम अनेकों प्रयास कर रहे हैं. धरती के लगातार बढ़ते तापमान के कारण हम बीजों की नई किस्में लगातार तैयार कर रहे हैं. फसलों का उत्पादन न घटे, इसलिए आईसीआर ने पिछले 10 साल में 2900 से अधिक किस्में जारी की हैं, जिनमें 2600 से अधिक किस्में जलवायु अनुकूल हैं. पानी बचे, इसके लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू कर माइक्रो इरिगेशन मिशन चलाया जा रहा है. सरकार ने पिछले साल ही प्राकृतिक कृषि मिशन लॉन्च किया है. 15 लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. इसके साथ-साथ जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के जवाब में कहा कि जलप्लावन के कारण फसलों को हुआ नुकसान भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के दायरे में आएगा. पंजाब की तरह अगर कहीं ऐसा होता है, तो वह भी फसल बीमा योजना के दायरे में आएगा. उन्होंने नारियल को लेकर एक प्रश्न के जवाब में कहा कि नारियल उत्पादन में हमारा देश पहले स्थान पर है. 30 हजार करोड़ से अधिक का नारियल हमने निर्यात भी किया है. शिवराज ने कहा कि नारियल को रोगों के कारण नुकसान अधिक हुआ है. इनसे निपटने के लिए गंभीर प्रयास जा रहे हैं. खुद भी कोयंबटूर गया था, केंद्रीय विशेषज्ञ दल का गठन किया. इस दल ने दौरा कर मूल्यांकन करने के बाद वैज्ञानिक छिड़काव के साथ ही नियमित निगरानी के साथ ही यांत्रिक सफाई को भी प्राथमिकता दी जा रही है. हमने कोलाजी क्षेत्र में कलेक्टिव डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाने का फैसला किया था, जो अभी प्रक्रिया में है.
गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद को न तो भारत के संविधान में भरोसा है, ना ही लोकतंत्र में विश्वास है. इसने हजारों हजार मां-बहनों की मांग का सिंदूर उजाड़ा है. यह समस्या 1967 से ही है. एक समय था जब पशुपति से तिरुपति तक का क्षेत्र रेड कॉरिडोर कहलाता था. यह सिमट गया है. 31 मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद का सफाया था. पहले की सरकारें इसे राज्य की समस्या मानती थीं. इसकी वजह से कोई पहल नहीं की गई. मोदी सरकार ने प्रभावी नीति बनाई है और इसके सफाये का संकल्प लिया है. मोदी सरकार ने इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और रणनीति बनाई गई है. उन्होंने अलग-अलग योजनाओं के तहत राज्यों को आवंटित बजट भी गिनाए. नित्यानंद राय लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान वामपंथी उग्रवाद को लेकर केंद्र की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे. गृह राज्यमंत्री ने वामपंथी उग्रवादियों को वित्तीय प्रोत्साहन दिए जाने की जानकारी दी और सरेंडर से लेकर मारे जाने तक, आंकड़े भी गिनाए और कहा कि गृह मंत्रालय ने राज्यों के साथ मिलकर पुनर्वास योजना बनाई है.
एसआईआर के मुद्दे पर संसद का चालू शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार रहा है. शुरुआती तीन दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद गतिरोध दूर हुआ और अब लोकसभा में चुनाव सुधार पर बड़ी डिबेट होने जा रही है. लोकसभा में आज इस डिबेट की शुरुआत कांग्रेस की ओर से चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी करेंगे. पहले चर्चा थी कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लोकसभा में चुनाव सुधार पर डिबेट की शुरुआत कर सकते हैं.