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मिजोरम में चुनावी तैयारियों का जायजा लेकर लौटा चुनाव आयोग

राजनीतिक दलों को अपने दागी उम्मीदवारों के बारे में भी आम वोटर को चुनाव प्रचार की अवधि में तीन बार अखबारों, मीडिया और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकाशित प्रसारित करना होगा कि आखिर उसी दागी उम्मीदवार को ही टिकट क्यों दिया गया.

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मिजोरम में चुनावी तैयारियों का जायजा लेकर लौटा चुनाव आयोग
मिजोरम में चुनावी तैयारियों का जायजा लेकर लौटा चुनाव आयोग

मिजोरम में 22 ऐसे बूथ हैं जहां मोटर गाड़ी नहीं जा सकती. नाव और पैदल जाकर ही पोलिंग पार्टी वहां मतदान कराएगी. ताकि अपना प्रतिनिधि चुनकर सरकार बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाने से कोई भी चूक न जाए. 
निर्वाचन आयोग ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, निर्भय, शांतिपूर्ण और समावेशी मतदान कराने की सारी तैयारियां की जा रही हैं.

चुनावी तैयारियों का जायजा लेने निर्वाचन आयोग के शीर्षस्थ 20 अधिकारियों ने तीन दिन मिजोरम में सीमावर्ती क्षेत्रों और अन्य संवेदनशील इलाकों का दौरा किया. तीन दिनों के मिजोरम दौरे का समापन प्रेस कांफ्रेंस के जरिए हुआ. 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हरेक जिले के स्थानीय प्रशासन यानी पुलिस और जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ ही राजनीतिक दलों और समाज के कई वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चुनावी राह में आने वाली चुनौतियों, समस्याओं और उनके समुचित समाधान पर चर्चा की. इसके अलावा आर्थिक, तकनीकी और सुरक्षा विशेषज्ञों के साथ भी बैठक हुई.

कुमार ने बताया कि अर्ध सैनिक बलों, सीमा सुरक्षा बल, आईटीबीपी, आरबीआई, आयकर विभाग, आबकारी विभाग, स्थानीय खुफिया विभाग सहित चुनावी निगरानी में योगदान करने वाले कई विभागों से आपसी तालमेल बढ़ाने की बैठकें हुईं. बैंकों और एटीएम में कैश सप्लाई करने वाली गाड़ियां भी सिर्फ नियत समय अवधि में ही चलेंगी.

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इसके अलावा अवैध शराब, नशीले पदार्थ, नकद धन, कीमती धातुओं के साथ आने जाने पर आयोग और अन्य एजेंसियों की कड़ी निगाह होगी. आम जनता भी विजिल और सुविधा एप का इस्तेमाल कर भी अपनी सजग, सतर्क नागरिक की जिम्मेदारी निभा सकते हैं. नागरिक इन एप के जरिए नशीले पदार्थ, सोना चांदी, नकदी, शराब आदि की तस्करी, आचार संहिता का उल्लंघन आदि की शिकायत, ऑडियो, वीडीओ आयोग को भेज सकते हैं. उनका नाम पता गुप्त रखा जाएगा और एप में मौजूद जीपीएस की मदद से ही सौ मिनट के अंदर टीम पहुंच कर कार्रवाई को अंजाम दे देगी.

राजनीतिक दलों को अपने दागी उम्मीदवारों के बारे में भी आम वोटर को चुनाव प्रचार की अवधि में तीन बार अखबारों, मीडिया और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकाशित प्रसारित करना होगा कि आखिर उसी दागी उम्मीदवार को ही टिकट क्यों दिया गया.

 

 

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