राजधानी दिल्ली को गर्मियों के दौरान बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, केंद्र सरकार ने एनटीपीसी दादरी से हरियाणा को 728 मेगावाट से अधिक बिजली आवंटित करने का फैसला किया है. माना जा रहा है कि दिल्ली की 4100 मेगावाट खपत के 18% हिस्से के डायवर्जन की पूर्ति करना बाकी एक्चेंज के लिए कठिन माना जा रहा है.
ऊर्जा मंत्रालय ने दिल्ली के कोटे से 728 मेगावाट बिजली हरियाणा को आवंटित करने का फैसला किया है. यह बिजली NTPC दादरी से दिल्ली से हरियाणा के लिए डायवर्ट की जाएगी. बताया जा रहा है कि 1 अप्रैल 2022 से 31 अक्टूबर तक हरियाणा को ये बिजली डायवर्ट की जाएगी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में करीब 46 लाख यानी 68% उपभोक्ताओं को दो BSES डिस्कॉम से बिजली आपूर्ति की जाती है. बाकी लोगों को टाटा पावर से सप्लाई की जाती है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के फैसले का असर BSES डिस्कॉम पर पड़ेगा. दरअसल, दादरी स्टेज II से BSES यमुना और BSES राजधानी को 718 मेगावाट बिजली आपूर्ति होती है. वहीं, टाटा पावर को सिर्फ 10 मेगावाट बिजली जाती है.
माना जा रहा है कि अगर बाकी एक्चेंज को बिजली आपूर्ति हो भी जाती है, तो इसकी BSES डिस्कॉम को इसकी कीमतें 10-15 रुपए प्रति यूनिट पड़ेगी. जबकि दादरी से 5 रुपए यूनिट की दर पर बिजली आपूर्ति होती है. वहीं, टाटा पावर पर इस फैसले का ज्यादा पड़ता नजर नहीं आ रहा है.
केंद्र सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन और दिल्ली स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर को इस फैसले के बारे में बता दिया गया है. हालांकि, दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमिशन का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई आधिकारिक आदेश नहीं मिला है. Delhi Discom सूत्रों का कहना है कि केंद्र के इस फैसले से गर्मियों में दिल्ली में बिजली संकट बढ़ सकता है. वे इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं. हालांकि, दिल्ली सरकार का इस पर अभी कोई बयान नहीं आया है.