दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर आज मंगलवार को किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद भारतीय रेलवे ने अहम फैसला लिया है. रेलवे ने उन सभी लोगों के टिकट का पूरा पैसा वापस करने का निर्णय लिया है, जिन्हें दिल्ली से ट्रेन पकड़ना था, लेकिन वो समय पर स्टेशन नहीं पहुंच सके. रेलवे की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि जिनकी भी ट्रेन आज रात 9 बजे तक दिल्ली से थी वो रिफंड के लिए अप्लाई कर दें.
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा कि किसान आंदोलन के कारण रुट में बदलाव किए जाने की वजह से जो यात्री दिल्ली क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले स्टेशनों से ट्रेनों को पकड़ने में नाकाम रहे हैं, उनसे निवेदन है कि ई-टिकट लेने वाले टीडीआर और ई-टीडीआर के माध्यम से आज मंगलवार रात 9 बजे तक ट्रेन छूटने वाले यात्री आवेदन कर दें.
Passengers who are not able to reach stations & catch trains in Delhi area stations due to Kisan agitation are requested to apply for full refund of all trains departing from all stations of Delhi area upto 2100 hrs today through TDR & e-TDR for e-tickets: CPRO, Northern Railway
— ANI (@ANI) January 26, 2021
गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान कई जगहों पर प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. साथ ही हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान निर्धारित रूटों पर जाने के बजाए ऐतिहासिक लाल किला और आईटीओ में जबरन प्रवेश कर गए. इन लोगों को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा.
प्रदर्शनकारियों ने किया जमकर हंगामा
बड़ी संख्या में दिल्ली में घुसे प्रदर्शनकारियों ने आज जमकर हंगामा किया. प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि प्रदर्शनकारियों के ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए पहले से रूट तय कर दिए गए थे लेकिन प्रदर्शनकारी ने इसका पालन नहीं किया और पूरी राजधानी को अस्त-व्यस्त कर दिया.
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ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई राजनीतिक दलों ने कड़ी निंदा की. किसान मोर्चा ने हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि इससे हमारा आंदोलन कमजोर होगा. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, कुछ लोगों और संगठनों ने नियमों की उल्लंघना की और निंदनीय गतिविधियों में लिप्त हुए हैं. असामाजिक तत्वों ने शांतिपूर्ण आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की है. हमने हमेशा माना है कि शांति हमारी सबसे बड़ी ताकत है, और किसी भी हिंसक गतिविधि से आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा.
किसान मोर्चा के अलावा राजनीतिक दलों ने भी हिंसा की निंदा की है. राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है, चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा. देशहित के लिए कृषि-विरोधी कानून वापस लो! शिवसेना नेता संजय राउत ने भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए. दिल्ली में जो हुआ वो राष्ट्रीय शर्म का विषय है. पूरी दुनिया ने वो देखा जो कभी नहीं हुआ.