राजधानी दिल्ली में दम घोंट रहे प्रदूषण के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने एक एफिडेविट दायर किया है. इसमें दिल्ली सरकार ने कहा कि वह दिल्ली में लॉकडाउन लगाने को तैयार है, लेकिन यह कारगर तब ही होगा जब इसे पूरे NCR में लागू किया जाए.
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में कल के मुकाबले आज सुधार है. कहा गया है कि दिल्ली क्षेत्र में बहुत छोटी है, इससे यहां लॉकडाउन का एयर क्वॉलिटी पर असर बहुत सीमित होगा.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले दिल्ली सरकार ने अपने एफिडेविट में कहा, 'हम स्थानीय उत्सर्जन को कंट्रोल करने के लिए पूरे लॉकडाउन जैसे कदम उठाने को तैयार हैं.' आगे कहा गया कि हालांकि, ऐसे कदम तब ही कारगर होंगे जब इसे पूरे NCR और पड़ोसी राज्यों में भी लगाया जाए.
दिल्ली सरकार ने उठाए गए कदमों के बारे में बताया, ऑड-ईवन का जिक्र
कहा गया कि ग्रेडिड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान साल 2016 से चल रहा है. इसके अलावा ट्रकों की एंट्री, कंस्ट्रक्शन पर भी रोक लगाई गई है. वहीं सरकार ऑड-ईवन वाहन पॉलिसी ला सकती है. आगे बताया गया कि हरियाणा सरकार ने भी वर्क फ्रॉम होम शुरू किया है और निर्माण कार्य पर रोक लगाई है. इसके अलावा कूड़ा-करकट जलाने पर भी बैन लगा है.
केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिस्टर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली और उत्तरी राज्यों में वर्तमान में पराली जलाना प्रदूषण का प्रमुख कारण नहीं है क्योंकि यह प्रदूषण में केवल 10% योगदान देता है. वहीं सड़क की धूल की प्रदूषण में बड़ी हिस्सेदारी है.
अब इस मसले पर बुधवार को सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी. सुनवाई के आखिर में कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार, एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग कमीशन मिलकर NCR के राज्यों से आज या कल में मीटिंग करे. इसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी के मुख्य सचिव होने चाहिए. इसके साथ-साथ केंद्र और दूसरे राज्यों से वर्क फ्रॉम होम को लागू करने पर विचार करने को कहा.