दक्षिण के राज्यों पर चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है. पूर्व-मध्य अरब सागर में आने वाले दिनों में एक चक्रवाती तूफान (Cyclone) के आने की संभावना है. म्यांमार ने इसका नाम Tauktae रखा है. डिजास्टर मैनेजमेंट और मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक यह चक्रवाती तूफान 17 और 18 मई को गुजरात में तबाही मचा सकता है. हालांकि, इस चक्रवात के पाकिस्तान में करांची के तट से टकराने की संभावना है लेकिन गुजरात के समुद्री किनारे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं. यही नहीं, दक्षिण भारत के कई राज्यों के तटीय इलाकों में भी इसका असर देखा जा सकता है.
केरल में समुंद्र में जाने पर पाबंदी
केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मछुआरों के 13 मई 2021 से समुद्र में जाने पर प्रतिबंधित लगा दिया है. केंद्रीय मौसम विभाग (IMD) के नवीनतम अनुमान के अनुसार, अरब सागर में पैदा होने वाले निम्न दबाव के कारण 13 मई 2021 तक सागर में उथल-पुथल होने की संभावना है.
इस दौरान तटीय इलाकों में मौसम (Weather) के खराब होने के साथ-साथ तेज हवाओं के चलने की संभावना है. इस खतरे को देखते हुए विभाग ने 13 मई को दोपहर 12 बजे से अगले नोटिस तक केरल के तटों पर जाने वालों पर पाबंदी लगा दी है. साथ ही इस वक्त सागर में मछली पकड़ने गए मछुआरों को 12 मई की रात तक लौटने का आदेश दे दिया गया है.
लक्षद्वीप में आ सकती है बाढ़
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि भारत के पश्चिमी तट पर 16 मई तक चक्रवाती तूफान की संभावना है. इसके कारण लक्षद्वीप के निचले इलाकों में 15-16 मई तक बाढ़ आ सकती है.
16 मई तक तेज होगी रफ्तार
आईएमडी के अनुसार, 14 मई के आस-पास दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. 14 मई तक इसके दक्षिण-पूर्वी अरब सागर से सटे लक्षद्वीप क्षेत्र में उत्तर और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है. 16 मई के आसपास पूर्व-मध्य अरब सागर में इस चक्रवाती तूफान की रफ्तार और तेज हो सकती है. इसके बाद और अधिक तीव्रता के साथ इस तूफान के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ते रहने की उम्मीद है.
इन राज्यों पर होगा असर
इस चक्रवाती तूफान के कारण लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के तटों के प्रभावित होने की संभावना है. रिपोर्ट्स की मानें तो तूफान के कच्छ और दक्षिण पाकिस्तान की ओर बढ़ने की संभावना है. अगर ऐसा होता है, तो तटीय गुजरात 17 या 18 मई को चक्रवात की चपेट में आ जाएगा.