कोरोना संकट के बीच टीकारकरण पर काफी जोर दिया जा रहा है. इसे महामारी के खिलाफ सबसे बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन इस समय देश के कई राज्यों में वैक्सीन की भारी कमी देखने को मिल रही है. कई राज्य दावा कर चुके हैं कि उनके पास पर्याप्त वैक्सीन नहीं हैं. अब केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि तमाम राज्यों को मई 31 तक के लिए 191.99 लाख कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी जा रही है.
केंद्र की तरफ से मुफ्त में दी जाएगी 191.99 लाख वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि राज्यों को इस आदेश के बारे में पहले से इसलिए सूचित किया जा रहा है जिससे वे एक मजबूत रणनीति बना सके और वैक्सीन का भी प्रभावी अंदाज में इस्तेमाल हो सके. सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि ये मुफ्त वैक्सीन 45+ और फ्रंटलाइन वर्कर के लिए हैं.
अब केंद्र की तरफ से ये ऐलान तब किया गया है जब पूरे देश में वैक्सीन को लेकर जबरदस्त सियासत देखने को मिल रही है. क्या दिल्ली क्या पंजाब, सभी सरकार के सामने जोर देकर कह रहे हैं कि उन्हें पर्याप्त वैक्सीन नहीं दी जा रही है. इस बीच सरकार का ये कहना कि मुफ्त में 191.99 लाख वैक्सीन दी जाएगी मायने रखता है और इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा सकते हैं.
कोवैक्सीन से ज्यादा कोविशील्ड की मात्रा
वैसे देश के टीकाकरण अभियान में एक ऐसा ट्रेंड देखने को मिला है जो शुरुआत से लेकर अभी तक लगातार जारी है. कहने को तो देश में इस समय बड़े स्तर पर दोनों कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है. लेकिन अभी भी तमाम राज्यों को कोविशील्ड की ज्यादा सप्लाई की जा रही है, वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कम मात्रा में दी जा रही है. इस बार भी जो मुफ्त वैक्सीन दी जा रही है, उसमें 162.5 लाख कोविशील्ड की हैं और 29.49 कोवैक्सीन की. इससे पहले 1 मई से 15 मई के बीच भी केंद्र की तरफ से तमाम राज्यों को 1.7 करोड़ कोरोना वैक्सीन मुफ्त में दी गई थीं.
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सरकार की वैक्सीन पॉलिसी पर क्यों उठे सवाल?
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन के नए चरण का ऐलान किया है, उसके तहत राज्य सरकार, प्राइवेट अस्पताल सीधे वैक्सीन निर्माताओं से वैक्सीन ले सकेंगे. सरकार के उस ऐलान के बाद ही सीरम इंस्टीट्यूट की तरफ से राज्यों के लिए उनकी वैक्सीन के दाम बता दिए गए थे. अब क्योंकि केंद्र के लिए अलग दाम रखा गया और राज्यों के लिए अलग, इस वजह से इस पर काफी बवाल काटा गया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी गई थी. अब सीरम की तरफ से राज्यों के लिए वैक्सीन के दाम कुछ कम जरूर किए गए हैं, लेकिन सरकार की इस वैक्सीन पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
मालूम हो कि भारत ने पूरी दुनिया में सबसे कम समय में 17 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया है. जिस लक्ष्य को अमेरिका ने 115 दिन और चीन ने 119 दिन में हासिल किया था, भारत ने मात्र 114 दिन में 17 करोड़ लोगों को टीका लगाने का काम किया.