कांग्रेस पहलगाम आतंकी हमले के बाद एकजुटता का संदेश देने की कोशिश कर रही है, लेकिन अपने ही नेताओं और सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से वह हर बार विफल हो रही है. सबसे पहले बड़बोले नेताओं की टोली ने बेकाबू होकर बयानों की झड़ी लगा दी, जिससे कांग्रेस का संदेश गड़बड़ा गया. पार्टी ने उन पर चुप्पी साधने के लिए आदेश जारी किए और उन्हें फटकार भी लगाई.
जब कांग्रेस नुकसान को रोकने की कोशिश कर रही थी, तब सबसे बड़ी विफलता उसके आधिकारिक एक्स हैंडल @INCIndia से एक पोस्ट से हुई, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. शुरू में पार्टी को इस बात का अंदाजा नहीं था और शायद उसे इस बात का अंदाजा नहीं था. यह कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी, क्योंकि सोशल मीडिया विभाग मीडिया विभाग के अंतर्गत आता है, जो पार्टी लाइन का पालन करने के लिए जिम्मेदार है, लेकिन पार्टी के विरोधाभासी बयान देता हुआ दिखाई दिया.
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गलती का किया बचाव!
एक्स पर कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल @incindia द्वारा एक पोस्ट के बाद बवाल मच गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष किया गया और इसी तरह की पोशाक पहने एक सिरहीन कार्टून की तस्वीर 'गायब' शीर्षक से पोस्ट की गई. इस पोस्ट ने हंगामा मचा दिया क्योंकि पार्टी को लगातार ट्रोल किया गया और पार्टी के कई लोगों ने भी इसे खराब स्वाद वाला पाया.
हालांकि एक वर्ग को लगा कि यह सूची उसके शीर्ष नेताओं के कहे अनुसार नहीं थी, लेकिन सोशल मीडिया विभाग ने कई डमी हैंडल के माध्यम से इसका बचाव करने के लिए तीखा हमला किया.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि जब कांग्रेस पर पोस्ट को हटाने के लिए दबाव बढ़ रहा था, तो सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने अपना बचाव किया. 'वास्तव में जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने उन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानीं. बाद में शाम को राहुल, जो रायबरेली दौरे पर थे, को इस बारे में पता चला और उन्होंने उन्हें फोन किया. वह जाहिर तौर पर परेशान थे और उन्होंने उनसे ट्वीट को हटाने के लिए कहा. 'इसलिए पूरे दिन एक्स पर रहने के बाद राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद ही ट्वीट को हटाया गया.
दोहरी नीति के आरोप
सोशल मीडिया विभाग को अक्सर किसी नेता या पार्टी की छवि को बदलने और धारणा प्रबंधन का श्रेय दिया जाता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के लिए एसएम विभाग अक्सर विवादों में रहा है. कई बार पार्टी के एक वर्ग ने एसएम पोस्ट को अभद्र, अति आक्रामक या शालीनता के नियमों का उल्लंघन करने वाला पाया गया है.
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चाहे वह 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक पोस्ट पर विवाद हो, जिसमें आरएसएस पर परोक्ष हमला करते हुए एक भूरे रंग की शॉर्ट्स को जलते हुए दिखाया गया था या कर्नाटक चुनावों के दौरान सोनिया गांधी को गलत तरीके से उद्धृत किया गया था.
बाद में भाजपा द्वारा सोनिया गांधी पर तीखा हमला किया गया क्योंकि आधिकारिक पार्टी हैंडल @INCIndia ने सोनिया गांधी के हवाले से कहा कि 'कांग्रेस किसी को भी कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा करने की अनुमति नहीं देगी.' संप्रभुता शब्द को भगवा ब्रिगेड ने उठाया और उसका मजाक उड़ाया. तथ्य यह था कि सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कभी भी 'संप्रभुता' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन नुकसान हो चुका था.
एक और बार कई लोग कंगना रनौत को मंडी से उनकी जीत का कारण भाजपा द्वारा लोकसभा टिकट दिए जाने पर किए गए हमले को मानते हैं. सुप्रिया श्रीनेत के इंस्टाग्राम हैंडल ने अभिनेत्री की एक तस्वीर शेयर की, जिस पर लिखा था, "क्या भाव चल रहा है मंडी में कोई बताएगा?" बाद में उन्होंने कहा कि अकाउंट कोई और हैंडल कर रहा था और उन्होंने कभी वह पोस्ट नहीं डाली.
बार-बार की की गई गलतियां
गौरतलब है कि हाल के दिनों में यह पहली बार हुआ है कि कांग्रेस को सोशल मीडिया विभाग को भी शामिल करते हुए कड़े शब्दों में फरमान जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा सभी पार्टी पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है, "इसलिए, यह निर्देश दिया जाता है कि सभी टिप्पणियां, बयान और अभिवेदन - चाहे पार्टी नेताओं, प्रवक्ताओं, मीडिया पैनलिस्टों या कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के आधिकारिक हैंडल द्वारा हों, उन्हें सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव का सख्ती से पालन करना चाहिए. आधिकारिक लाइन से अलग कोई भी विचलन, गलत बयानी या बिना सोचे-समझे की गई टिप्पणी पार्टी अनुशासन का गंभीर उल्लंघन मानी जाएगी."
यह पत्र सभी के लिए एक सख्त चेतावनी है, खासकर उन लोगों के लिए जो सार्वजनिक मंचों पर पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले हैं. ऐसे समय में जब पूरा देश शोक में है, कांग्रेस अपने भीतर संचार संबंधी समस्याओं से जूझ रही है और नुकसान को नियंत्रित करने के लिए पीछे हट रही है. नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'कांग्रेस प्रचार में माहिर नेताओं से त्रस्त है, जिनकी वजह से कई बार पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन सोशल मीडिया पर गलतियां और चूकें इस गलती को कई गुना बढ़ा देती हैं, जिसे पार्टी इस समय बर्दाश्त नहीं कर सकती.'