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CBI डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में शामिल हुए राहुल गांधी

प्रधानमंत्री कार्यालय में सीबीआई के डायरेक्टर के नियुक्ति को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल हुए. सीबीआई के डायरेक्टर के नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश बैठक करते हैं और फिर नाम का सिफारिश करते हैं.

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CBI चीफ की नियुक्ति से को लेकर राहुल गांधी पहुंचे PMO (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)
CBI चीफ की नियुक्ति से को लेकर राहुल गांधी पहुंचे PMO (फोटो क्रेडिट - पीटीआई)

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) पहुंचे. उनका यह पीएमओ का दौरा अगले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) डायरेक्टर की नियुक्ति पर मंथन को लेकर है. बैठक में राहुल के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजय कुमार खन्ना शामिल हुए. सीबीआई भारत की सबसे बड़ी जांच एजेंसी है. ये एजेंसी आपराधिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न प्रकार के मामलों की जांच करती है.

क्यों हुई बैठक?

CBI के मौदूजा डायरेक्टर प्रवीण सूद का दो साल का कार्यकाल 25 मई 2025 को पूरी होने जा रही है. ऐसे में नए CBI डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए यह बैठक किया गया. 

कौन हैं प्रवीण सूद?

सीबीआई के मौजूदा डायरेक्टर प्रवीण सूद 1986 बैच के कर्नाटका कैडर के IPS अधिकारी हैं. वो कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक पर भी कार्यरत थे. इससे पहले वो प्रदेश में  पुलिस में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके थे.

कौन करता है सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति?

सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति तीन-सदस्यीय समिति के द्वारा की जाती है. इस समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होते हैं. इस समिति की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं.

यह समिति साथ में बैठकर सीबीआई के डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए नाम पर चर्चा करती है और फिर सरकार को नाम का सिफारिश देती है. उसी के आधार पर केंद्र सरकार सीबीआई के अगले डायरेक्टर की नियुक्ति करती है.

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CBI डायरेक्टर की नियुक्ति से जुड़ा सुप्रीम कोर्ट और कानून का नियम

CBI डायरेक्टर की नियुक्ति के लिए कई अहम नियम हैं. 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि जिस अधिकारी की रिटायरमेंट में छह महीना बचा हो उसे CBI डायरेक्टर नहीं बनाया जा सकता. CBI डायरेक्टर का कार्यकाल कम से कम दो साल होनी चाहिए. CBI डायरेक्टर को बीच कार्यकाल में हटाया नहीं जा सकता, जब तक कि नियुक्ति समिति इसकी मंजूरी न दे.

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