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दिल्ली में पटाखों पर सालभर की पाबंदी, NCR में सख्ती के आदेश

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार ने बताया कि राजधानी में पूरे साल पटाखों को बनाने, उसे जमा करने, उसकी बिक्री और जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. कोर्ट ने NCR के सभी राज्यों को समान प्रतिबंध लागू करने के निर्देश दिए हैं.

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दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध की घोषणा की.
दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध की घोषणा की.

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राजधानी में तुरंत प्रभाव से पूरे साल के लिए पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए डिलीवरी और जलाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. आज जारी आदेश में दिल्ली सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध की घोषणा की.

वहीं, हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह केवल ग्रीन क्रैकर्स की अनुमति देगी. राजस्थान ने कहा कि उसने NCR क्षेत्र में पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया.  

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि NCR में पटाखों पर प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब सभी राज्य इस पर एकसमान निर्णय लें. कोर्ट ने कहा, 'फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा को दिल्ली की तरह ही प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हैं.'  

सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर को दिल्ली और NCR के अन्य राज्यों - हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान - को पूरे साल पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का अंतिम निर्णय लेने को कहा था.  

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वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने NCR के राज्यों को निर्देश दिया कि वे विभिन्न अधिकारियों की टीम बनाएं, जो GRAP-IV (Graded Response Action Plan) के तहत एंटी-पॉल्यूशन उपायों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें.  

कोर्ट को जानकारी दी गई कि खराब होती वायु गुणवत्ता के चलते दिल्ली-NCR में GRAP-IV को फिर से लागू किया गया है. पीठ ने कहा, 'हम NCR राज्यों को निर्देश देते हैं कि वे पुलिस और राजस्व अधिकारियों की टीम बनाएं, जो GRAP-IV उपायों के पालन की निगरानी करें. ये सदस्य कोर्ट के अधिकारी की तरह काम करेंगे और अनुपालन और उल्लंघन की रिपोर्ट नियमित रूप से CAQM (Commission for Air Quality Management) को देंगे, ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके.'  

सुप्रीम कोर्ट में राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से संबंधित मामले पर सुनवाई हो रही थी.

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