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नॉर्थ ईस्ट में LAC पर चीनी ड्रोन्स की घुसपैठ की कोशिश, खदेड़ने के लिए सुखोई स्क्रैम्बल कर चुका है भारत

पूर्वोत्तर के एयर स्पेस को चीनी घुसपैठ से सुरक्षित करने के लिए भारत ने मुकम्मल तैयारी की है, भारत ने हाशिमारा में राफेल की तैनाती की है तो असम में S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी लगा दिया गया है. हालांकि चीन इन इलाकों में अपने टोही ड्रोन भेजने की कोशिश करता रहता है.

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सुखोई-30 फाइल फोटो (पीटीआई)
सुखोई-30 फाइल फोटो (पीटीआई)

नियंत्रण रेखा के आस-पास चीनी ड्रोन्स की हरकतों को देखते हुए पूर्वोत्तर में सुखोई फाइटर विमानों को अलर्ट पर रखा गया है. इन चाइनीज ड्रोन को खदेड़ने के लिए हाल फिलहाल में कई बार सुखोई फाइटर जेट्स को स्क्रैम्बल भी किया गया है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भारतीय सीमा में चीनी ड्रोन्स की घुसपैठ को रोकने के लिए असम के तेजपुर से भारत ने फाइटर जेट को स्क्रैम्बल किया है. बता दें कि फाइटर जेट के स्क्रैम्बल का मतलब है कि इन विमानों को हमले अथवा एक्शन के लिए कुछ ही मिनटों में तैयार करना. 

सूत्रों का कहना है कि पूर्वोत्तर में कुल मिलाकर स्थिति नियंत्रण में है लेकिन इन चीनी ड्रोन्स को हर कीमत पर रोकने की जरूरत है, ताकि चीन इन ड्रोन्स की मूवमेंट का हवाला देकर भविष्य में कोई दावा न करे.  

सूत्रों ने कहा कि यदि चीनी ड्रोन LAC के समानांतर उड़ान भर रहे हैं, तो दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों के अनुसार भारत को इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर विमान या ड्रोन भारतीय क्षेत्र की ओर उड़ते हुए रडार द्वारा डिटेक्ट किए जाते हैं, तो किसी भी उल्लंघन को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए. 

पूर्वोत्तर के रणनीतिक और सामरिक महत्व को देखते हुए भारतीय वायु सेना की असम के तेजपुर और छाबड़ा सहित कई स्थानों में इंडियन एयरफोर्स की दमदार मौजूदगी है. इन क्षेत्रों में भारत ने सुखोई-30 के स्क्वाड्रन तैनात कर रखे हैं. राफेल लड़ाकू विमानों को भी पश्चिम बंगाल में हाशिमारा के बेहद करीब तैनात किया गया है. 

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भारतीय वायु सेना ने भी केवल असम क्षेत्र में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को फंक्शनल कर दिया है और अपना वायु रक्षा कवरेज को चाक-चौबंद कर दिया है. एयर डिफेंस सिस्टम इस पूरे इलाके में किसी भी तरह के हवाई खतरे से निपटने में सक्षम है. 

बता दें कि हाल ही में चीन और भारत हवाई टकराव को रोकने के लिए कई उपायों पर सहमत हुए थे. ये कदम इस साल लद्दाख सेक्टर में चीन द्वारा भारत के एयर स्पेस के उल्लंघन के बाद उठाया गया था. 

इस क्षेत्र में चीनियों द्वारा उकसावे के बाद, भारत ने चीन के साथ सैन्य वार्ता में इस मुद्दे को मजबूती से उठाया फिर यह निर्णय लिया गया कि दोनों पक्षों के लड़ाकू विमान LAC से काफी पीछे रहेंगे.  

हालांकि, दोनों पक्षों के ड्रोन को एक-दूसरे की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए फॉरवर्ड लोकेशन में उड़ान भरने की अनुमति है. 
 

 

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