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कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसरे हत्याकांड के 8 साल बाद 10 के खिलाफ आरोप तय

जज एस एस तांबे ने समीर गायकवाड़, वीरेंद्र सिंह तावड़े, अमोल काले, वासुदेव सूर्यवंशी, भरत कुराने, अमित देगवेकर, शरद कालस्कर, सचिन अंदुरे, अमित बद्दी और गणेश मिस्किन के खिलाफ आरोप तय किए. मामले में सरकारी वकील शिवाजीराव राणे ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 120-बी (साजिश) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत ये आरोप तय किए गए हैं.

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गोविंद पानसरे
गोविंद पानसरे

कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसरे की हत्या के करीब आठ साल बाद महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर की एक अदालत ने मंगलवार को इस मामले में दस लोगों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. गौरतलब है कि मामले में आरोप तय होने के बाद आपराधिक मुकदमा शुरू होता है.

कई धाराओं के तहत आरोप तय

जज एस एस तांबे ने समीर गायकवाड़, वीरेंद्र सिंह तावड़े, अमोल काले, वासुदेव सूर्यवंशी, भरत कुराने, अमित देगवेकर, शरद कालस्कर, सचिन अंदुरे, अमित बद्दी और गणेश मिस्किन के खिलाफ आरोप तय किए. मामले में सरकारी वकील शिवाजीराव राणे ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 120-बी (साजिश) और शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत ये आरोप तय किए गए हैं.

आरोपी विनय पवार और सारंग अकोलकर फरार

उन्होंने कहा कि मामले के 12 आरोपियों में से विनय पवार और सारंग अकोलकर फिलहाल फरार हैं. वहीं बाकी लोगों में से गायकवाड़ जमानत पर बाहर हैं. तावड़े को इस मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन वह तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में जेल में हैं.

8 साल पहले हुई थी गोविंद पानसरे की हत्या

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गोविंद पानसरे और उनकी पत्नी उमा पानसरे को 15 फरवरी, 2015 को कोल्हापुर शहर में मॉर्निंग वॉक के दौरान गोली मार दी गई थी. गोविंद पानसरे ने हमले के पांच दिन बाद दम तोड़ दिया. जांच एजेंसियों के मुताबिक, मामले के कुछ आरोपी दाभोलकर, कन्नड़ लेखक एम एम कलबुर्गी और पत्रकार गौरी लंकेश की हत्याओं से भी जुड़े थे.


 

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