कनाडा (Canada) में आज यानी 28 अप्रैल को चुनाव होने जा रहा है. देश की अवाम नया प्रधानमंत्री चुनने जा रही है. इस चुनाव में अहम मुकाबला प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और विपक्षी के नेता पियरे पोइलिवर के बीच माना जा रहा है. जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफा देने के बाद मार्क कार्नी को मार्च में कनाडा का प्रधानमंत्री चुना गया था. हालांकि, कनाडा में संसदीय चुनाव अक्टूबर में होने थे लेकिन इन्हें वक्त से पहले करवाया जा रहा है.
अब तक इस चुनाव में विपक्ष के नेता पियरे पोइलिवर काे लेकर अच्छा माहौल बना हुआ है. कनाडा में हो रहा चुनाव पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खिलाफ बढ़ते असंतोष से उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल के लंबे दौर के बाद हो रहा है, जिसके कारण उन्हें अचानक इस्तीफा देना पड़ा था. अगर मार्क कार्नी को जनादेश नहीं मिलता है, तो वे कनाडा के इतिहास में सबसे छोटे टर्म के प्रधानमंत्री होंगे.
दूसरी तरफ, उनके प्रतिद्वंद्वी पियरे पोइलिवर ने अपने 'कनाडा फर्स्ट' नजरिए के साथ आर्थिक सुधार और सख्त आव्रजन नीतियों का वादा करके जमीन हासिल कर ली है.
चुनाव के बड़े चेहरे कौन?
मार्क कार्नी (लिबरल पार्टी): पूर्व बैंकर और कनाडा के मौजूदा प्रधानमंत्री, जो ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ कड़े रुख के लिए जाने जाते हैं. वे आर्थिक स्थिरता और हरित ऊर्जा पर जोर देते हैं.
पियरे पोइलिवर (कंजर्वेटिव पार्टी): पॉपुलिस्ट नेता, जो टैक्स कटौती और आवास निर्माण को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं. वे ट्रंप से दूरी बनाकर 'कनाडा फर्स्ट' नीति पर जोर दे रहे हैं.
जगमीत सिंह (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी): सिख मूल के नेता, जो श्रमिकों और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रगतिशील नीतियों का समर्थन करते हैं. उनकी पार्टी को लिबरल्स के साथ वोटर बेस साझा करने की चुनौती का सामना है.
यवेस-फ्रांस्वा ब्लांचे (ब्लॉक क्यूबेक्वा): क्यूबेक केंद्रित पार्टी के नेता, जो क्यूबेक की स्वायत्तता और स्थानीय हितों की रक्षा पर ध्यान देते हैं. वे जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर मुखर हैं.
एलिजाबेथ मे (ग्रीन पार्टी): पर्यावरणवादी नेता, जो जीवाश्म ईंधन सब्सिडी खत्म करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की मांग करती हैं. उनकी पार्टी का प्रभाव सीमित है, लेकिन जलवायु मुद्दों पर चर्चा को प्रभावित करती है.
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