कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी कर कहा है कि शांति निकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के भीतर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. इस बीच, छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय और फिर कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के आवास के बाहर धरना जारी रखा है. उन्होंने तीन छात्रों की वापसी की मांग की, जिन्हें 23 अगस्त को जनवरी 2020 में एक कैंपस विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए निष्कासित कर दिया गया था.
कुलपति पिछले शनिवार से अपने घर में हैं, जिसके बाद बुधवार को विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की. साथ ही कुलपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखा है और हस्तक्षेप करने की मांग की है.
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि यूनिवर्सिटी के 50 मीटर के आसपास के इलाके में कोई भी विरोध प्रदर्शन आयोजित नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि दोपहर तीन बजे से शांति निकेतन पुलिस को कुलपति के आवास समेत प्रशासनिक भवन के सभी ताले तोड़ने होंगे.
कोर्ट ने कहा कि विश्व भारती यूनिवर्सिटी के किसी भी कर्मचारी को प्रवेश करने से नहीं रोका जा सकता है. विश्वविद्यालय को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशासन को कड़ी नजर रखनी होगी. विश्व भारती यूनिवर्सिटी क्षेत्र में माइक का प्रयोग नहीं किया जा सकता है.
इसके साथ ही कोर्ट ने शांति निकेतन पुलिस को कुलपति की सुरक्षा के लिए तीन कांस्टेबल नियुक्त करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने सीसीटीवी की व्यवस्था करने और सभी कैमरों को चालू करने के लिए कहा. कोर्ट ने शांति निकेतन थाने को हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया है.