बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंच गए थे. इसके बाद उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया था. तभी से ही उनका परिवार पलकें बिछाए पूर्णम का इंतजार कर रहा था. उनकी वतन वापसी के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. पूर्णम कुमार की पत्नी रजनी ने कहा, "मेरे लिए आज का दिन बहुत बड़ा है. सुबह बीएसएफ के हेडक्वार्टर से फोन आया था कि पूर्णम जी आ गए हैं."
'मैं पहचान नहीं पाई...'
पूर्णम शॉ की पत्नी ने कहा, "22 दिन बाद जब मैंने उन्हें वीडियो कॉल पर देखा, तो पहले तो मैं उनको पहचान ही नहीं पाई क्योंकि उनकी दाढ़ी बढ़ी हुई थी. उन्होंने कहा कि फिक्र नहीं करो, मैं बिल्कुल ठीक हूं, मेरी मेडिकल भी हो गई है. उन्होंने कहा कि मैं खाना खाकर तीन बजे आपको कॉल करूंगा. जब वो घर पर आएंगे तो, जो भी उनके फेवरेट फूड्स हैं, मैं उनको खिलाऊंगी."
'हमने आशा छोड़ दी थी...'
रजनी ने आगे कहा कि मैं बहुत खुश हूं. कहीं न कहीं हम लोगों ने आशा छोड़ दी थी कि इतना दिन हो गया है, क्या हुआ. सीजफायर हुआ और वो तीन दिन के अंदर ही वापस आ गए.
उन्होंने आगे कहा कि मैं पहले तो सीएम ममता बनर्जी का धन्यवाद देना चाहूंगी क्योंकि वो मुझे तीन-चार दिन से लगातार फोन कर रही थीं. इसके बाद मुझे कल्याण सर और चेमरमेन विजय मिश्रा सर का भी फोन आया. सभी लोगों ने मुझे बहुत सपोर्ट किया है. ममता जी ने मेरे मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में भी पूछा. मैं हाथ जोड़कर सभी को धन्यवाद कहना चाह रही हूं. मुझे बोला गया था कि आपके पति आ जाएंगे, तो आपको बुलाया जाएगा. अगर मुझे बुलाया जाता है, तो मैं जरूर जाऊंगी.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज भी पूर्णम शॉ की पत्नी से कॉल पर बातचीत की.
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'मेरे भाई जैसे...'
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "मुझे यह जानकारी पाकर बहुत खुशी हुई कि हमारे BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को रिहा कर दिया गया है. मैं उनके परिवार के संपर्क में थी और हुगली के रिशरा में उनकी पत्नी से तीन बार बात की. आज भी मैंने उन्हें फ़ोन किया. मेरे भाई जैसे देश के जवान, उनकी पत्नी रजनी शॉ सहित उनके पूरे परिवार को बहुत-बहुत शुभकामनाए."
कैसे पाकिस्तान पहुंच गए थे पूर्णम कुमार?
पूर्णम कुमार, गलती से इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस करके पाकिस्तान पहुंच गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया. वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे. भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए. पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे तनाव बढ़ गया. ऐसे में पूर्णम के परिवार की चिंता और भी बढ़ गई.
पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पर्यटकों और नागरिकों पर हमला किया, जिसे 26/11 मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक माना गया. इस हमले ने भारत की शून्य सहिष्णुता की नीति को और मजबूत किया.
जवाब में, भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें भारतीय वायु सेना, थल सेना और नौसेना ने समन्वित रूप से पाकिस्तान और PoK में आतंकी शिविरों को नष्ट किया. इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत किसी भी आतंकी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा.
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पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के बाद 7-8 मई की रात को भारत के 15 सैन्य ठिकानों जैसे श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट और अमृतसर पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए. हालांकि, भारतीय नौसेना, वायु सेना और थल सेना के एकीकृत प्रयासों ने इन हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया. भारतीय नौसेना ने अपनी वाहक युद्ध समूह (Carrier Battle Group) और उन्नत वायु रक्षा तंत्र का उपयोग कर पाकिस्तानी वायु तत्वों को समुद्री क्षेत्र में निष्क्रिय कर दिया.