पश्चिम बंगाल पुलिस ने सिख अधिकारी को 'खालिस्तानी' बताए जाने को एक "आपराधिक कृत्य" बताया है. एक बयान में कहा गया है, "हम, पश्चिम बंगाल पुलिस के इस वीडियो को साझा करने से नाराज हैं, जहां हमारे ही एक अधिकारी को राज्य के विपक्ष के नेता द्वारा 'खालिस्तानी' कहा गया था. उनकी 'गलती' है, क्योंकि वह एक प्राउड सिख हैं और एक सक्षम पुलिस अधिकारी भी हैं जो कानून लागू करने की कोशिश कर रहे थे."
स्थानीय पुलिस ने बयान में कहा, "यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है, उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भी है. यह एक आपराधिक कृत्य है. हम स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और मान्यताओं पर अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है. कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है."
कांग्रेस ने राहुल गांधी ने इस मामले पर कहा, "अपना ‘राजनीतिक बाज़ार’ सजाने के लिए भाजपा द्वारा की गई ‘नफरत की खेती’ का ज़हर समाज में फैल चुका है. इस ज़हर से अंधे हो चुके लोग न किसान देख रहे हैं, न जवान और न ही खाकी का सम्मान. देश IPS जसप्रीत सिंह के साथ है."
सिख अधिकारी को 'खालिस्तानी' बताए जाने का मामला
पश्चिम बंगाल में एक सिख पुलिस अधिकारी को "खालिस्तानी" बताए जाने के मामले ने तुल पकड़ लिया है. बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने कोलकाता में बीजेपी मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किए. दावा है कि संदेशखाली में बीजेपी के विरोध मार्च के दौरान किसी ने अधिकारी को "खालिस्तानी" कहा, जिसपर समुदाय के लोग भड़क गए. जसप्रीत सिंह, पश्चिम बंगाल पुलिस में स्पेशल सुपरिटेंडेंट के तौर पर तैनात हैं, जो एक वीडियो में कथित रूप से कह रहे हैं, "आप मुझे ख़ालिस्तानी बोल रहे हैं, क्योंकि मैंने पगड़ी पहनी है."
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक वीडियो शेयर किया और इस घटना को "शर्मनाक" बताया. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता एक सिख आईपीएस अधिकारी को सिर्फ इसलिए खालिस्तानी कह रहे हैं क्योंकि वह अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. क्या सिखों के बारे में बीजेपी यही सोचती है? इस गुंडागर्दी को अंजाम देने और सिखों को खालिस्तानियों के रूप में चित्रित करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए."
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ये बेहद गिरी हुई मानसिकता है - कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल से भी वीडियो शेयर किया गया है. वीडियो में "खालिस्तानी" बताए जाने पर अधिकारी को यह कहते सुना जा सकता है कि, "आप मुझे ख़ालिस्तानी बोल रहे हैं, क्योंकि मैंने पगड़ी पहनी है."
इसके साथ ही कांग्रेस की तरफ से एक्स पोस्ट में कहा गया, "BJP के लोगों की गिरी हुई हरकत देखिए. दिन रात देश की सेवा करने वाले एक पुलिस अधिकारी को इसलिए ख़ालिस्तानी कह दिया क्योंकि उसने पगड़ी पहनी थी. ये बेहद गिरी हुई मानसिकता है."
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"क्या यही आपका स्तर है?" विरोध में बोले अधिकारी
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस अधिकारी जसप्रीत सिंह कह रहे हैं, "आप मुझे खालिस्तानी कह रहे हैं क्योंकि मैंने पगड़ी पहन रखी है. क्या यही आपकी मानसिकता है? अगर कोई पुलिसकर्मी पगड़ी पहनकर ड्यूटी करता है तो वह खालिस्तानी हो जाता है? क्या यह आपका स्तर है?" कांग्रेस और उसके नेता द्वारा शेयर किए गए वीडियो में अधिकारी को "खालिस्तानी" बताए जाने की बात रिकॉर्ड नहीं हुई है.
क्या है पूरा मामला?
यह टकराव तब हुआ जब पुलिस ने बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली का दौरा करने से रोका. वीडियो में सुवेंदु अधिकारी के साथ मौजूद बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल धमाखली में पुलिस अधिकारी के साथ बहस करती नजर आ रही हैं. एक बीजेपी नेता को यह कहते भी सुना जा सकता है कि "हमने ऐसा नहीं कहा है."