scorecardresearch
 

निशिकांत दुबे के बयान पर बीजेपी ने किया किनारा, नड्डा बोले- कोई लेना–देना नहीं

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है, उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय सहित देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं तथा संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं."

Advertisement
X
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (फाइल फोटो)
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (फाइल फोटो)

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिस पर सियासी भूचाल मच गया है. निशिकांत दुबे ने कहा है कि देश में जितने गृह युद्ध हो रहे हैं, उनके लिए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जिम्मेदार हैं. साथ ही आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए जिम्मेदार है. अब निशिकांत के बयान पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने किनारा काटा है.

जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा का न्यायपालिका एवं देश के चीफ जस्टिस पर दिए गए बयान से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना–देना नहीं है. यह इनका व्यक्तिगत बयान है, लेकिन भाजपा ऐसे बयानों से न तो कोई इत्तेफाक रखती है और न ही कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन करती है. भाजपा इन बयान को सिरे से खारिज करती है.

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने सदैव ही न्यायपालिका का सम्मान किया है, उनके आदेशों और सुझावों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक पार्टी के नाते हमारा मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय सहित देश की सभी अदालतें हमारे लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं तथा संविधान के संरक्षण का मजबूत आधारस्तंभ हैं.
मैंने इन दोनों को और सभी को ऐसे बयान ना देने के लिए निर्देशित किया है.

Advertisement

दिनेश शर्मा ने क्या कहा था?

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान पर बीजेपी सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, "लोगों में यह आशंका है कि जब डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान लिखा था, तो उसमें विधायिका और न्यायपालिका के अधिकार स्पष्ट रूप से लिखे गए थे. भारत के संविधान के मुताबिक, कोई भी लोकसभा और राज्यसभा को निर्देश नहीं दे सकता है और राष्ट्रपति पहले ही इस पर अपनी सहमति दे चुके हैं. कोई भी राष्ट्रपति को चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि राष्ट्रपति सर्वोच्च हैं."

न्याय व्यवस्था में अंतिम फैसला सरकार का नहीं: सलमान खुर्शीद

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट पर दिए गए बयान पर कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि अगर कोई सांसद सुप्रीम कोर्ट या किसी भी अदालत पर सवाल उठाता है, तो यह बहुत दुख की बात है. हमारी न्याय व्यवस्था में अंतिम फैसला सरकार का नहीं, सुप्रीम कोर्ट का होता है, अगर कोई यह बात नहीं समझता है तो यह बहुत दुख की बात है. 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "ना इनकी संविधान में आस्था है, ना इनका न्यायपालिका में विश्वास है. भाजपा के सांसद की ये अराजक भाषा लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है. ये सब मोदी जी की मूक सहमति से हो रहा है. देश के प्रधानमंत्री 'अराजकता' शब्द पसंद है. शायद नरेंद्र दामोदरदास मोदी की मौन या फुसफुसाहट वाली सहमति से उनके अपने सांसद अराजकता फैला रहे हैं."

Advertisement

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "आप लोग (भाजपा) ट्यूबलाइट हैं. इस तरह से कोर्ट को धमका रहे हैं. क्या आपको पता है (अनुच्छेद) 142 (संविधान का) क्या है? इसे बीआर अंबेडकर ने बनाया था. भाजपा धोखाधड़ी कर रही है और धार्मिक युद्ध की धमकी दे रही है. आप लोग सत्ता में हैं और आप इतने कट्टरपंथी हो गए हैं कि आप धार्मिक युद्ध की धमकी दे रहे हैं. मोदी जी, अगर आप इन लोगों को नहीं रोकेंगे, तो देश कमजोर हो जाएगा. देश आपको माफ नहीं करेगा और कल आप सत्ता में नहीं रहेंगे."

वहीं, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "न्यायपालिका के सर्वोच्च न्यायाधीश महोदय का नाम लेकर इस तरह के आरोप लगाने वाला अगर विपक्ष का कोई सांसद होता तो सुबह से देश का हर TV चैनल ना जाने कितने डिबेट करवा रहा होता, सोचिये कितनी सफ़ाई से एैसे अक्षम्य अपराधों पर कन्नी काटता है हमारा मीडिया. ये सीधे सीधे सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है, माननीय न्यायालय को संज्ञान लेना चाहिये और BJP में संवैधानिक संस्थानों को लेकर अगर थोड़ा भी सम्मान बचा हो तो अपने इस बड़बोले सांसद पर कार्यवाही करनी चाहिये."

यह भी पढ़ें: 'धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार...', निशिकांत दुबे के बयान पर हंगामा, BJP ने किया किनारा

Advertisement

AAP ने साधा निशिकांत दुबे पर निशाना

वहीं, आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि निशिकांत दुबे ने बहुत घटिया बयान दिया है. मुझे उम्मीद है कि कल ही सुप्रीम कोर्ट भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करेगा और उन्हें जेल भेजेगा. जब भी कोई जज भाजपा के पक्ष में फैसला देता है, तो उसे राज्यसभा भेज दिया जाता है और अब जब एक जज ने निर्देश दिया कि कानून का पालन किया जाना चाहिए और राज्यपालों को बिलों पर अनिश्चित काल तक नहीं बैठना चाहिए तो भाजपा ने जजों को बदनाम करने और सुप्रीम कोर्ट पर हमला करने के लिए अपने सारे संसाधन लगा दिए हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement