
दो दिन पहले यानी रविवार को दो विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई. कारण रहा कि इन दोनों विमानों में पक्षी के टकराने से तकनीकी समस्या आ गई. उड़ान के कुछ देर ही बाद ही विमानों को लैंड कराना पड़ा. एक विमान के इंजन में तो आग भी लग गई थी.
पहली घटना पटना से दिल्ली जा रहे विमान में हुई. ये स्पाइसजेट का विमान था. दोपहर में इसने पटना से उड़ान भरी और कुछ ही देर बाद इसके इंजन में आग लग गई. बताया गया कि पक्षी के टकराने की वजह से इंजन में आग लग गई थी. इसके बाद विमान की पटना एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई. विमान में 185 यात्री सवार थे. गनीमत रही कि किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ.
दूसरी घटना दिल्ली से गुवाहाटी जा रहे विमान में हुई. ये इंडिंगो की फ्लाइट थी. ये फ्लाइट 1600 फीट की ऊंचाई पर था, तभी इसके इंजन से एक पक्षी टकरा गया. इसके बाद विमान को दिल्ली एयरपोर्ट पर वापस बुलाया गया.
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विमान से पक्षी टकराने की हर दिन 34 घटनाएं
- scienceabc.com के मुताबिक, दुनिया में पहली बार विमान से पक्षी टकराने की घटना 1905 में सामने आई थी. तब ओरविल राइट एक खेत में विमान उड़ा रहे थे. वो पक्षियों के झुंड का पीछा कर रहे थे. तभी एक पक्षी टकरा गया और मर गया. वो पक्षी विमान के पंखे पर तब तक पड़ा रहा, जब तक विमान को तेजी से टर्न नहीं कराया गया. ओरविल राइट उन्हीं राइट ब्रदर्स में से एक थे, जिन्होंने पहली बार विमान बनाया था.
- पक्षी के टकराने की घटनाएं आमतौर पर तब सामने आती हैं, जब विमान कम ऊंचाई पर उड़ता है. लैंडिंग और टेकऑफ के समय ये घटनाएं ज्यादा सामने आतीं हैं. आमतौर पर पक्षी के टकराने की ज्यादातर घटनाएं खतरनाक नहीं होतीं हैं, लेकिन कई बार पक्षी के टकराने से स्थिति बिगड़ जाती है और विमान को तुरंत लैंड कराने की जरूरत पड़ जाती है.
- इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के एक सर्वे के मुताबिक, हर दिन विमान से पक्षियों के टकराने की औसतन 34 घटनाएं सामने आतीं हैं. इससे सालाना 1 अरब डॉलर (करीब 7,800 करोड़ रुपये) का नुकसान होता है. इस सर्वे में ये भी सामने आया था कि लगभग 92 फीसदी घटनाओं में कोई नुकसान नहीं होता है.
कितनी चिंता की बात है ये?
- विमानों से पक्षियों के टकराने की ज्यादातर घटनाओं में कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन कुछ घटनाएं खतरनाक हो सकतीं हैं.
- आसमान में उड़ रहे पक्षी कई बार इंजन से टकरा जाते हैं, जिससे इंजन बंद हो जाता है और ऐसे में विमान को तुरंत लैंड कराने की जरूरत पड़ती है.
- इसके अलावा कई बार पक्षी विमान की विंडस्क्रीन या विंडो से भी टकरा जाते हैं, जिससे उनमें क्रैक हो जाता है और ऐसे में भी विमान को तुरंत लैंड कराना पड़ता है.
- हालांकि, आजकल कई सारे विमानों को कई सारे सेफ्टी फीचर्स के साथ डिजाइन किया जा रहा है. बोइंग 737 और एयरबस A320 सिंगल इंजन के साथ भी आसानी से लैंड कर सकते हैं.

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लेकिन घटनाएं बढ़ क्यों रहीं हैं?
- डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के आंकड़े बताते हैं कि भारत में विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाएं हर साल बढ़ती जा रहीं हैं.
- 2020 में सालभर में विमानों से पक्षियों के टकराने की 1 हजार 152 घटनाएं सामने आई थीं, जबकि 2021 में 1 हजार 466 घटनाएं हुईं. यानी, 2020 के मुकाबले 2021 में ऐसी घटनाएं 27% तक बढ़ गईं.
- लेकिन इसका कारण क्या है? जानकार मानते हैं कि कोरोना की वजह से दो साल से ज्यादातर उड़ानें बंद रहीं, जिस वजह से पक्षी एयरपोर्ट के आसपास आ गए हैं. लेकिन जब दोबारा उड़ानें शुरू हो गईं हैं तो पक्षियों के टकराने की घटनाएं भी बढ़ गईं हैं.