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भोपाल में गौशाला vs कब्रिस्तान! BJP विधायक ने किया गौशाला का भूमिपूजन, मुस्लिम संगठन ने बताई वक्फ की जमीन

गौशाला निर्माण के भूमि पूजन के बाद शुरू हुआ यह विवाद अब हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच टकराव में बदल गया है. एक पक्ष इसे सरकारी जमीन बता रहा है, तो दूसरा पक्ष इसे वक्फ की संपत्ति और कब्रिस्तान बता रहा है. अब मामला राज्य शासन और प्रशासन के संज्ञान में है, जिससे भविष्य में कानूनी कार्रवाई और समाधान की दिशा तय होगी.

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भोपाल में वक्फ की जमीन को लेकर प्रोटेस्ट
भोपाल में वक्फ की जमीन को लेकर प्रोटेस्ट

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार इलाके में स्थित लगभग 2 एकड़ जमीन पर विवाद खड़ा हो गया है. हाल ही में इस जमीन पर गौशाला के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया, लेकिन इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने इस जमीन को कब्रिस्तान बताते हुए विरोध शुरू कर दिया.

ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के संरक्षक शमशुल हसन बल्ली ने दावा किया कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, और इसके खसरा नंबर 112 में कब्रिस्तान दर्ज है. उनका आरोप है कि स्थानीय विधायक रामेश्वर शर्मा भू-माफिया के दबाव में आकर इस जमीन पर कब्जा करवा रहे हैं.

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प्रतीकात्मक रूप से मुर्दे रखकर विरोध जताया गया

प्रदर्शन करते हुए मुस्लिम पक्ष ने मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के सामने प्रतीकात्मक रूप से मुर्दे रखकर विरोध जताया और चेतावनी दी कि वे इस कब्जे के खिलाफ आंदोलन करेंगे. भूमिपूजन करने वाले बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने आजतक से बातचीत में दावा किया कि यह जमीन पूरी तरह से सरकारी है और मुस्लिम पक्ष का दावा बेबुनियाद है. 

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उन्होंने कहा, "यह जमीन उनके अब्बा की नहीं है. नवाबी शासनकाल में यहां हिंदू बच्चों को दफनाया जाता था. अब यहां गौशाला ही बनेगी और अगर वो चाहें तो उन्हें गाय का दूध भी दिया जाएगा."

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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

आजतक की टीम ने जब स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में उन्होंने यहां कभी किसी को दफनाते नहीं देखा. यह एक खाली मैदान है जहां इलाके के बच्चे क्रिकेट खेलते हैं. उनका कहना है कि यहां कभी भी किसी प्रकार की कब्र दिखाई नहीं दी और न ही यह जमीन कभी कब्रिस्तान की तरह इस्तेमाल हुई है. विवादित जमीन की अनुमानित कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है. चारों ओर रिहायशी इलाका होने के कारण यह जमीन काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

 
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