पूरी दुनिया में इस वक्त शरणार्थियों की समस्या बनी हुई है. भारत में भी सीएए के हवाले से इसके पक्ष विपक्ष में कोई न कोई बयान आता ही रहता है. इसी समय मिजोरम से एक खबर आई है. मिजोरम सरकार के अधिकारियों ने कल बताया कि राज्य में आने वाले हफ्तों में बांग्लादेश से और शरणार्थियों के आने की उम्मीद है और राज्य में उसकी तयारियाँ चल रही हैं. दरअसल ये शरणार्थी बांग्लादेश के वो आदीवासी लोग हैं जिन्हें कुकी चीन मिजो कहा जाता है. बांग्लादेश सरकार से इनका टसल चल रहा है. इसी 20 नवंबर को मिजोरम कैबिनेट ने इन शरणार्थियों को भोजन और ठिकाना देने की मंजूरी दी थी. ये मंजूरी उनके लिए थी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर ली थी. हजारों की संख्या में इन शरणार्थियों को बांग्लादेश से आने की जरूरत क्यों पड़ी, ये कौन हैं और वहाँ की सरकार से क्या टसल है इनका? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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उत्तराखंड के औली में भारत और अमेरिका की दोनों सेनाओं का अभ्यास चल रहा है. दोनों देशों की सेनाओं का ये अभ्यास 2 दिसंबर तक चलेगा. वैसे भारत और अमेरिका के बीच ये अभ्यास हर साल होता है. एक साल इसे अमेरिका आयोजित करता है तो एक साल भारत. पिछले साल ये अलास्का जो एक अमेरिकी शहर है वहाँ आयोजित की गई थी. उत्तराखंड के औली का ये अभ्यास जगह के लिहाज से भी अहम कहा जा रहा है. औली उत्तरांखड से सटे चीन बॉर्डर और भारतीय सेना के सेंट्रल सेक्टर का हिस्सा है. और ये इलाका एक अरसे से विवादित है. गलवान में हुई हिंसा के बाद इस इलाके में चीन की गतिविधियां भी बढ़ी थीं. हालांकि दोनों सेनाओं के बीच का ये अभ्यास मूल रूप से इस लिए आयोजित किया जाता है ताकि दोनों सेनाएं एक दूसरे से जरूरी तकनीक सीख सकें . इस बार इस अभ्यास में वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी हैं. और कई चीजें नई हैं. इस सैन्य अभ्यास में क्या हो रहा है और दोनों सेनाओं का मेनली किन चीजों पर फोकस है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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मई से ही लगातार आरबीआई रेपो रेट में इजाफा कर रहा है. लोन्स पर इंटरेस्ट रेट बढ़ता जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद साल 2023 में देश की क्रेडिट लिमिट यानी लोन ग्रोथ में इजाफा हुआ है. आरबीआई के अनुसार साल 2022 में जो लोन ग्रोथ 11.5 परसेंट था, इस साल 13 परसेंट हो गया है. पिछले कुछ दिनों में जब जब आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ाए,लोन्स लिए लोगों के लिए इंटरेस्ट रेट में इजाफा हुआ. आरबीआई की दलील थी कि महंगाई से निपटने के लिए रेपो रेट में इज़ाफ़ा ज़रूरी है. लेकिन इससे लोगों के कर्ज़ों पर फर्क पड़ेगा - ये तय ही था. लेकिन अब लोन्स के ग्रोथ में ये इजाफा उन अनुमानों के ठीक उलट है। इसकी वजह क्या है और इकोनॉमी के दुनिया के वो फैक्टर्स क्या हैं जिनकी वजह से लोन ग्रोथ बढ़ा है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.