केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में घरेलू मांग को पूरा करने के लिए खाद्य भंडार पूरी तरह से पर्याप्त हैं. इस बीच, भारत-पाकिस्तान में सीमा पर तनाव बढ़ने के बीच सरकार ने व्यापारियों और थोक विक्रेताओं को आवश्यक वस्तुओं की होर्डिंग न करने की सख्त हिदायत दी है, ताकि समय पड़ने पर किसी चीज की कमी न हो.
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जनता से अपील की कि वे किसी भी अफवाह या प्रोपेगैंडा पर ध्यान न दें और न ही बाजारों में हड़बड़ी करें. मंत्री ने कहा, "देश में खाद्य भंडार पर्याप्त मात्रा में हैं जो मानक से कई गुना अधिक हैं. ऐसे संदेशों पर ध्यान न दें."
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व्यापारी, होलसेलर और रिटेलर करें सहयोग
प्रह्लाद जोशी ने स्पष्ट किया कि आवश्यक वस्तुओं का व्यापार करने वाले व्यापारी, होलसेलर और रिटेलर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करें. आदेश में कहा गया है कि होर्डिंग करने वालों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
सरकार के आधिकारिक ब्यौरे के मुताबिक, चावल का भंडार करीब 356.42 लाख टन है, जबकि जरूरत का मानक मात्र 135 लाख टन है. गेहूं का भंडार 383.32 लाख टन है, जो 276 लाख टन के मानक से कहीं अधिक है.
भारत के पास दो महीने से ज्यादा का स्टॉक
मसूर, तूर, मूंग, चना जैसे दालों का भंडार भी सामान्य से कई गुना अधिक है. साथ ही एडिबल ऑयल का भंडार भी पर्याप्त है, खासकर सरसों का तेल उपलब्धता के मामले में अच्छे उत्पादन के चलते. चीनी का उत्पादन भी बढ़िया चल रहा है, जिसके चलते घरेलू जरूरतें पूरी तरह संतुष्ट हैं और दो महीने से अधिक का स्टॉक मौजूद है.
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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी खाद्य भंडार और आने वाले खरीफ सीजन की तैयारी का समीक्षा किया. उन्होंने सीमा से लगे राज्यों के किसानों की मदद के निर्देश दिए ताकि चल रहे तनाव के बीच खेती प्रभावित न हो. उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पंजाब के मुख्यमंत्रियों से भी संपर्क करने की बात कही, यदि जरूरत पड़ी तो गांवों के निकासी की तैयारी हो.