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बदरुद्दीन अजमल ने हिंदुओं को लेकर की थी विवादित टिप्पणी, कोर्ट बोला- दर्ज हो FIR

असम में बदरुद्दीन अजमल के हिंदुओं को लेकर दिए गए विवादित बयान ने राज्य की सियासत में उबाल ला दिया है. बड़ी बात ये है कि अब कोर्ट द्वारा ही पुलिस को आदेश दिया गया है कि बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ FIR दर्ज की जाए.

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असम के नेता बदरुद्दीन अजमल
असम के नेता बदरुद्दीन अजमल

असम के नेता बदरुद्दीन अजमल के हिंदू पुरुषों को लेकर दिए गए विवादित बयान ने राज्य की राजनीति में उबाल ला दिया है. ये मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है जहां पर अदालत ने पुलिस को बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए कह दिया है. इससे पहले कोर्ट ने ही इस मामले में एक अधिकारी को जांच करने के लिए कहा था और फाइनल रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए गए थे. अब उस आदेश के बाद गुरुवार को कोर्ट ने बदरुद्दीन अजमल पर FIR दर्ज करने का फैसला दे दिया है.

जानकारी के लिए बता दें कि मीडिया से बात करते हुए असम के नेता बदरुद्दीन अजमल ने एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम मर्द 20-22 साल में शादी कर लेते हैं, जबकि मुस्लिम लड़कियों की शादी 18 साल में होती है जो कि कानून द्वारा तय की गई उम्र सीमा है.  जबकि दूसरी ओर हिन्दू 40 साल से पहले 1...2...3 अवैध बीवियां रखते हैं.  बच्चे होने नहीं देते हैं, खर्चा बचाते हैं, मजा उड़ाते हैं. 40 साल के बाद माता-पिता के दबाव में, या फिर कहीं फंस गए तो एक शादी कर लेते हैं. उन्होंने कहा कि 40 साल के बाद बच्चा पैदा करने की सलाहियत कहां रहती है. फिर बच्चे कहां से पैदा होंगे. बयान में अजमल ने नसीहत देते हुए यहां तक कहा था कि हिन्दुओं को भी अपने बच्चों को 20-22 साल में शादियां करानी चाहिए. लड़कियों की शादी 18-20 साल में करानी चाहिए. इसके देखिए आपके यहां भी कितने बच्चे पैदा होंगे. लेकिन गलत काम नहीं करना चाहिए. 

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अब उनके इसी बयान को लेकर जबरदस्त बवाल हो गया था. बाद में बढ़ते विवाद को देखते हुए उनकी तरफ से माफी जरूर मांगी गई, लेकिन उनके बयान ने कई लोगों को नाराज करने का काम कर दिया था. AJP के उपाध्यक्ष दुलू अहमद ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और पुलिस के पास जा FIR दर्ज करने की अपील की. लेकिन अहमद के मुताबिक पुलिस द्वारा उस समय कोई एक्शन नहीं लिया गया. जब कोर्ट को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की और तुरंत बदरुद्दीन अजमल के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया. अभी तक कोर्ट के फैसले पर बदरुद्दीन अजमल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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