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असम में ताबड़तोड़ एक्शन के बीच रद्द हो रहीं शादियां, बाल विवाह पर दूल्हों की गिरफ्तारियों से मचा हड़कंप

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह बाल विवाह है. इसके बाद कैबिनेट ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया था. इसके तहत 14 साल से कम उम्र में शादी करने के आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

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असम में पुलिस कार्रवाई का विरोध करते आरोपियों के परिजन (फोटो- पीटीआई)
असम में पुलिस कार्रवाई का विरोध करते आरोपियों के परिजन (फोटो- पीटीआई)

असम में बाल विवाह करने वाले और कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि अब तक राज्य में 4000 से ज्यादा मामलों में 8000 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इतना ही नहीं 2441 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस की कार्रवाई के डर से असम के दक्षिण में स्थित बराक घाटी में सैकड़ों शादियां या तो रद्द हो गईं, या स्थगित हो गईं. असम के कुछ इलाकों में पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध भी शुरू हो गया है.  

असम पिछले कई सालों से बाल विवाह की कुरीति से जूझ रहा है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार असम में मातृ और शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. इसकी प्रमुख वजह बाल विवाह है. इसके बाद कैबिनेट ने बाल विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रस्ताव पास किया था. इसके तहत 14 साल से कम उम्र के लड़का या लड़की से शादी करने के आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. साथ ही बाल विवाह कानून के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है. 

 

अब तक 22588 लोगों की गिरफ्तारी

असम पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह के मुताबिक, अब तक पूरे असम में बाल विवाह से संबंधित 4074 मामले दर्ज़ किए गए जबकि 8,134 लोगों की पहचान आरोपी के रूप में की गई है. अब तक 2258 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. हमें लगभग 3500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा. वहीं, बाल विवाह में शामिल हुए 57 काजी और पुरोहित को भी गिरफ्तार किया गया है.

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असम पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं. तामरहाट में आरोपियों के परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए थाने को घेर लिया और अपने परिजनों को छोड़ने की मांग की. वहीं लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस के लाठीचार्ज भी करना पड़ा. उधर, विश्वनाथ जिले में आरोपी पतियों को रिहा करने की मांग करते हुए महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया. 

 

बिश्वनाथ जिले में 139 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से 20 की पत्नियां पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पहुंचीं. महिला का कहना है कि हमें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं चाहिए. उनके पतियों को रिहा किया जाए, वे उनके लिए रोजी रोटी कमाने वाले हैं. अगर उन्हें जेल में रखा जाएगा, तो घर का खर्च कौन चलाएगा.  

1 लाख लड़कियों के बाल विवाह हुए- असम सीएम

बताया जा रहा है कि असम में सबसे ज्यादा बाल विवाह के मामले निचले और मध्य असम के जिलों में हैं. यहां बांग्लादेश से आए शरणार्थी बड़ी संख्या में रहते हैं. इससे पहले असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया था कि पिछले कुछ सालों में 1 लाख लड़कियों के बाल विवाह हुए हैं. इनमें से ज्यादातर मां भी बनी हैं, इनमें एक 9 साल की बच्ची भी शामिल है, जिसने बच्चे को जन्म दिया. उन्होंने कहा था कि ऐसे मामलों में परिजनों के साथ साथ काजी और पुरोहितों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. 

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14 साल से नीचे के उम्र के लड़कों को सुधार गृह भेजा जा रहा

बिश्वनाथ में 139, बारपेटा में 130, धुब्री में 126, बाक्सा में 123, होजई में 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. धुब्री में सबसे ज्यादा 374 केस दर्ज किए गए हैं. आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी शादी को अवैध घोषित किया जा रहा है. इतना ही नहीं अगर दूल्हे की उम्र 14 साल से कम है, तो उसे सुधार ग्रह भेजा जा रहा है. 
 


 

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