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'भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए क्या कर रही सरकार?', अश्विनी वैष्णव ने बताया 4 सूत्रीय प्लान

मोदी सरकार ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 2047 तक का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने के लिए कई स्तर पर प्लानिंग की जा रही है. इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विकसित राष्ट्र के लिए मोदी सरकार के 4 सूत्रीय प्लान के बारे में बताया है.

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

मोदी सरकार ने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 2047 तक का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने के लिए कई स्तर पर प्लानिंग की जा रही है. इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विकसित राष्ट्र के लिए मोदी सरकार के 4 सूत्रीय प्लान के बारे में बताया है.

केंद्रीय मंत्री ने अपना प्लान दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) 2025 के मौके पर बताया. उन्होंने इंडिया टुडे के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से बात करते हुए कहा,'भारत के पास इस समय एक सुविचारित आर्थिक रणनीति है, जो देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने में मदद करेगी.'

किन 4 स्तभों को लेकर की गई है प्लानिंग

मोदी सरकार की रणनीति पर बात करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा,'भारत के पास इस समय एक बहुत ही सोची-समझी आर्थिक रणनीति है. सरकार ने विकसित राष्ट्र बनाने के लिए चार स्तंभ तय किए हैं. पहला, सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निवेश. दूसरा, प्रौद्योगिकी विनिर्माण और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना. तीसरा, समावेशी विकास और चौथा, सरलीकरण.'

बजट को 40 से बढ़ाकर किया 145 US डॉलर

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केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा,'जब हम सार्वजनिक निवेश को देखते हैं तो 2021 के बजट में हमने लगभग 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर से शुरुआत की और फिर इसे 60, 80, 100 तक बढ़ाया और इस साल (2023-24) बजट लगभग 145 अमेरिकी डॉलर है. यह भौतिक, डिजिटल और सामाजिक बुनियादी ढांचे में जा रहा है. भौतिक बुनियादी ढांचे में रेलवे, राजमार्ग, ट्रांसमिशन लाइन, बंदरगाह और हवाई अड्डे शामिल हैं. सामाजिक बुनियादी ढांचे में नए अस्पताल, स्कूल, विश्वविद्यालय बनाना शामिल है. डिजिटल बुनियादी ढांचे में 5G सेवाएं शुरू करना और देश के आखिरी गांव को भी ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना शामिल है.'

लोगों ने तीसरी बार प्रधानमंत्री मोदी को चुना

उन्होंने आगे कहा,'जो लोग आर्थिक पिरामिड में सबसे नीचे थे, वे ऊपर आ गए हैं और इसीलिए उन्होंने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुना है. आर्थिक पिरामिड के निचले पायदान पर बैठे लोग जब ऊपर आते हैं तो इससे बहुत बड़ा अंतर पैदा होता है. यही कारण है कि ऐसे समय भी प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार फिर से चुने गए, जब कई देशों में लोकतंत्र की हार हुई है.'

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