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महज 12 पैसे में बिक रहा है सेक्सुअल असॉल्ट का वीडियो क्लिप! रेप पर 'उबलते' भारत की एक सच्चाई ये भी

रेप वीडियो की बिक्री नई नहीं है, लेकिन इंटरनेट के आने के साथ यह और आसान हो गई है. पहले ये वीडियो सीडी और पेन ड्राइव के जरिए शेयर होते थे, लेकिन अब इन्हें बेचने वाले एन्क्रिप्टेड ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं. टेलीग्राम जैसे ऐप्स पर ये वीडियो अब आसानी से मिल जाते हैं, और भुगतान ऑनलाइन मोड जैसे क्रेडिट कार्ड, Paypal और UPI के जरिए से किया जा सकता है.

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रेप वीडियो की बिक्री ऑनलाइन बड़ा बाजार है
रेप वीडियो की बिक्री ऑनलाइन बड़ा बाजार है

मोबाइल पर एक मैसेज फ्लैश हुआ, 820 से ज्यादा वीडियो सिर्फ 99 रुपये में... जाहिर है कि ये मैसेज रेप वीडियो बेचने का एक विज्ञापन था जो बताता है कि देश में रेप वीडियो की भी धड़ल्ले से बिक्री होती है और यह एक भयावह काला सच है. 

बीते अगस्त में कोलकाता रेप-मर्डर केस सुर्खियों में रहा. पीड़िता के लिए न्याय की मांग को लेकर लोग अभी भी सड़कों पर हैं और इस पर लगातर सियासत भी हावी है. लगातार हुए प्रदर्शनों के दौरान, रात के अंधेरे में न्याय की मांग की प्रतीक जलती मशालें और मोबाइल फोन्स की रोशनी में लोगों के चेहरे चमक रहे थे, और इसी रोशनी के ठीक पीछे सफर कर रहा था वो स्याह काला सच. प्रदर्शनों के बीच भारत के एक अन्य हिस्से में, मोबाइल फोन पर "कम दाम में रेप वीडियो उपलब्ध" जैसे मैसेज फ्लैश हो रहे थे. इनमें दुष्कर्म, बाल यौन शोषण और अन्य परेशान करने वाले वीडियो कंटेंट शामिल थे.

रेप वीडियो की बिक्री नई बात नहीं
रेप वीडियो की बिक्री नई नहीं है, लेकिन इंटरनेट के आने के साथ यह और आसान हो गई है. पहले ये वीडियो सीडी और पेन ड्राइव के जरिए शेयर होते थे, लेकिन अब इन्हें बेचने वाले एन्क्रिप्टेड ऐप्स का उपयोग कर रहे हैं. टेलीग्राम जैसे ऐप्स पर ये वीडियो अब आसानी से मिल जाते हैं, और भुगतान ऑनलाइन मोड जैसे क्रेडिट कार्ड, Paypal और UPI के जरिए से किया जा सकता है.

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इंडिया टुडे ने इन मामलों पर गूगल ट्रेंड्स डेटा की समीक्षा की तो सामने आया कि जब भी कोई रेप का मामला सुर्खियों में आता है, तो 'रेप वीडियो' के सर्च भी बढ़ जाते हैं. चाहे कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेप-मर्डर का मामला हो, या इसके पहले जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन हमले के आरोप हों, या मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड का मामला... हर घटना के बाद संबंधित वीडियो की सर्च काफी बढ़ गई थीं. 

रेप वीडियो की बिक्री का है विशाल बाजार 
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस मामले पर कहते हैं कि "रेप वीडियो का एक विशाल बाजार है, और हमने केवल iceberg का सिर देखा है." ये वीडियो हिंसात्मक यौन सामग्री के बड़े हिस्से का भी एक छोटा हिस्सा हैं और इसमें मांग-और-सप्लाई चेन का खेल चल रहा है. लोग आसानी से दूसरों को हिंसा का सामना करते हुए देख सकते हैं, जो हमारे सामाजिक सिस्टम की एक गंभीर समस्या को दर्शाता है.

कोलकाता में 9 अगस्त को प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद, गूगल सर्च में कीवर्ड्स जैसे 'rg kar वायरल वीडियो', 'dr ****** ****** video', and 'dr ******* ****** video real' ने वृद्धि देखी है. इसी प्रकार की खोजें पूर्व जद (सेकुलर) सांसद प्रज्वल रेणना के खिलाफ यौन हमले के आरोप के बाद भी देखी गई हैं.

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रेप वीडियो

कोलकाता, कांड, प्रज्वल रेवन्ना और मणिपुर... हर केस में खोजे गए रेप वीडियो

यह रिपोर्ट बलात्कार वीडियो की बिक्री और इंटरनेट पर उसकी पहुंच की भयावह स्थिति को उजागर करती है. समाज को इस काली दुनिया का सामना करने और इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घृणित सामग्री की बिक्री और खोज को रोका जा सके. गूगल ट्रेंड्स के डेटा से पता चला है कि प्रज्वल रेवन्ना मामले के बाद 'prajwal revanna video' और 'prajwal revanna video download' जैसे कीवर्ड्स की खोज में तेजी से वृद्धि हुई है. इस घटना के बाद 3,000 से अधिक वीडियो क्लिप्स और फोटो लीक हुए, जिसने पूरे मामले को और भी सनसनीखेज बना दिया.

इसी तरह का ट्रेंड मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए बर्बर बलात्कार और उन्हें नग्न परेड कराने के मामले के बाद भी देखा गया. इस घटना के बाद 'Manipur women video' और 'Manipur women parade video download' जैसे कीवर्ड्स की खोजों में भी भारी वृद्धि देखी गई.

इस प्रकार की सामग्री की खोज केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों से भी उपयोगकर्ताओं द्वारा इसे खोजा जा रहा है. हर मामले में अपराध के वास्तविक वीडियो मौजूद नहीं होते, लेकिन ऑनलाइन रेप वीडियो बेचने वाले विक्रेता इन कीवर्ड्स का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे असंबंधित यौन उत्पीड़न और अन्य अश्लील सामग्री बेच सकें.

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लुभावने और हैरान करने वाले मैसेज
इंडिया टुडे ने टेलीग्राम पर चार ऐसे समूहों का पता लगाया, जिनमें हजारों सदस्य थे और जो कोलकाता रेप-हत्या के मामले से जुड़े थे. इनमें से कुछ समूह पीड़िता के नाम और तस्वीर का उपयोग कर रहे थे, जिससे यह पता चलता है कि विक्रेता किस तरह से रेप वीडियो देखने के इच्छुक लोगों को फंसाते हैं. एक समूह, जिसमें 3,300 सदस्य थे और जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पीड़िता की तस्वीर का उपयोग किया गया था, इसमें लिखा था, "मैसेज डिलीट होने से पहले सब देख लो क्या हुआ था उस रात Dr ******* के साथ." यह संदेश लोगों को वीडियो देखने के लिए लुभाने का प्रयास था.

हालांकि, दिए गए लिंक ने एक तीसरे पक्ष के क्लाउड-बेस प्लेटफ़ॉर्म, TeraBox, पर फिर से डाइरेक्ट किया, जहां केवल अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा द्वारा इस घटना पर प्रतिक्रिया देने वाला एक वीडियो था. टेलीग्राम वह जगह है जहां अधिकांश वीडियो बेचे और शेयर किए जा रहे हैं. टेलीग्राम पर रेप वीडियो, बाल अश्लील सामग्री, मादक पदार्थों की तस्करी और कई अन्य अवैध गतिविधियों की बिक्री और खरीद की अनुमति दी जा रही है. इसी के चलते पिछले हफ्ते फ्रांस में टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव की गिरफ्तारी भी हुई.

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टेलीग्राम के एक अन्य ग्रुप 'dr ******* *******cctv video' पर एक विक्रेता ने विभिन्न सीरीज की वीडियो की लिस्ट पेश की, जिसमें 'बलात्कार', 'बाल अश्लील सामग्री', 'पशु अश्लील सामग्री', 'जबरन यौन संबंध', 'युवा लड़की' ऐसी कई सीरीज शामिल हैं.

पेटीएम-पेपॉल से हो रहे भुगतान
इंडिया टुडे की जांच के दौरान, एक विक्रेता जिसका नाम 'Dorimon' था, उससे बातचीत की गई. उसने बताया कि उसके पास 820 से अधिक रेप वीडियो हैं, जो केवल 99 रुपये में उपलब्ध हैं. इस प्रकार एक वीडियो की कीमत मात्र 12 पैसे थी, यह दिखाता है कि रेप वीडियो कितने सस्ते में ऑनलाइन बेचे जा रहे हैं. 'Dorimon' ने भुगतान के लिए Paytm QR कोड भी शेयर किया.

जब उससे पूछा गया कि उसने इतने सारे वीडियो कैसे इकट्ठा किए, तो उसने कहा, "मैंने भी इन्हें अलग-अलग विक्रेताओं से खरीदा है." टेलीग्राम पर भारत के अलावा विदेशों से भी विक्रेता भारतीयों को रेप और चाइल्ड रेप वीडियो बेच रहे हैं. एक पुर्तगाली विक्रेता, 'Cpmega', ने बताया कि उसके पास 50 रेप वीडियो हैं, जो $20 (लगभग 1,700 रुपये) में उपलब्ध हैं.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इन वीडियो को कैसे शूट किया जाता है और कैसे ये अंततः ऑनलाइन विक्रेताओं तक पहुँचते हैं. "इन दिनों रेप की शिकायतों में एक सामान्य विशेषता यह है कि अपराधियों ने अपराध की वीडियो बनाई है. " इस प्रकार के वीडियो न केवल अपराध की गवाही देते हैं, बल्कि उन्हें विक्रेता आसानी से ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर बेच सकते हैं.

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ये वीडियो, जो अक्सर रेप पीड़ितों को चुप कराने या उनसे पैसा उगाही के लिए बनाए जाते हैं, शुरू में एक छोटे ग्रुप के बीच शेयर किए जाते हैं. लेकिन एक बार जब ये वीडियो लीक हो जाते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल हो जाता है. एक बार इस छोटे ग्रुप से बाहर आने के बाद, ये वीडियो तेजी से फैल जाते हैं और अंततः खुले बाजार में पहुंच जाते हैं.

विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली के कुख्यात पालिका बाज़ार जैसी जगहें और लखनऊ के हज़रतगंज की गलियां ऐसे वीडियो के व्यापार का अड्डा बन चुकी हैं. यहां जबरन यौन संबंध और रेप के वीडियो खुलेआम बेचे जाते हैं. "अब एक और स्थिति आम होती जा रही है, जहां रेप की शिकायतें तब दर्ज की जाती हैं जब पीड़िता के परिवार का कोई सदस्य या रिश्तेदार इस हमले का वीडियो देखता है. इन मामलों में महिलाएं आगे नहीं आतीं, लेकिन जब परिवार के सदस्य क्लिप्स देखते हैं, तो वे शिकायत दर्ज करवाते हैं," पुलिस अधिकारी ने बताया.

अधिकारी की टिप्पणियां इस बात पर भी प्रकाश डालती हैं कि ये रेप वीडियो कितने व्यापक रूप से फैलते हैं, यहां तक कि पीड़िता के परिवारों तक भी पहुंच जाते हैं. अधिकारी ने यह भी बताया कि स्कूल कैब और वैन ड्राइवरों के माध्यम से अश्लील वीडियो स्कूल के बच्चों तक पहुंच जाते हैं.

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rape video

कौन देखता है ये बलात्कार वीडियो और क्यों?
ऐसे वीडियो देखने के पीछे कई कारण होते हैं. दिल्ली की परामर्श मनोचिकित्सक स्नेहा शर्मा कहती हैं, "ऐसा कोई विशेष स्वभाव नहीं है जो किसी विशेष प्रकार के लोगों को ऐसे वीडियो देखने के लिए प्रेरित करता हो. ये लोग हमारे ही बीच के हैं. लेकिन इसके लिए सामाजिक व्यवस्था को दोष देना चाहिए." शर्मा जिस सामाजिक व्यवस्था का उल्लेख कर रही हैं, उसमें यौन शिक्षा की कमी और युवाओं के साथ सेक्स के बारे में बात करने का टैबू शामिल है. कई लोगों के लिए, पोर्नोग्राफी और यहां तक कि बलात्कार वीडियो उनके लिए सेक्स का पहला परिचय बन जाते हैं. वह बताती हैं कि, "हमारी संस्कृति में व्याप्त हिंसा हमारे दिमाग में प्रवेश कर रही है. मेरे पास ऐसे कई क्लाइंट्स हैं जिनके कुछ हिंसक यौन इच्छाएं हैं," उपचार के लिए जाने वाले लोग उन लाखों लोगों का एक छोटा हिस्सा हैं जिनमें ये इच्छाएं होती हैं.

गैर-सहमति और हिंसात्मक यौन संबंधों वाले वीडियो के प्रसार के साथ यौन हिंसा सामान्य हो जाती है. डॉ. शर्मा कहती हैं, "हम यह नहीं जानते कि लोग अपनी निजी जिंदगी में क्या सोच रहे हैं और क्या देख रहे हैं. यहां तक कि जो लोग हमें सामान्य दिखते हैं, वे भी सामाजिक रूप से विकृत हो सकते हैं."  रेप वीडियो के व्यापार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 294 के तहत की जा सकती है, जिसमें ऐसे वीडियो की बिक्री या खरीद को प्रतिबंधित किया गया है.

हालांकि, टेलीग्राम पर इन वीडियो को बेचने वाले लोगों के स्रोत का पता लगाना मुश्किल है. लेकिन सभी रेप वीडियो प्रामाणिक नहीं हो सकते हैं. उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ साइबर क्राइम अधिकारी ने बताया, "फेसबुक या इंस्टाग्राम पर ऐसे वीडियो प्रसारित करना संभव नहीं है क्योंकि मेटा की नीतियों के कारण यह प्रतिबंधित है, लेकिन व्हाट्सएप और टेलीग्राम, जो दोनों ही एन्क्रिप्टेड ऐप हैं, इन पर सभी प्रकार के वीडियो शेयर किए जाते हैं."

अधिकारी ने संकेत दिया कि उपलब्ध सभी वीडियो वास्तविक नहीं हो सकते, कुछ क्लिप्स एक्ट के भी हो सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह जांचना जरूरी है कि क्या ऐसे वीडियो बनाने के लिए डीपफेक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. पुलिस अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट पर प्रसारित होने वाले रेप वीडियो की एक बड़ी संख्या असली हो सकती है. वे यह भी सुझाव देते हैं कि इन क्लिप्स को हटाने के लिए AI का उपयोग किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम विभाग की पूर्व एसपी त्रिवेणी सिंह कहती हैं, "ऑनलाइन रेप वीडियो प्रसारित हो रहे हैं. पहले बाल अश्लील सामग्री भी प्रसारित की जाती थी, लेकिन इसे खत्म करने के लिए एक फ़िल्टर बनाया गया था. यहां AI ने सहयोगी की भूमिका निभाई. इसे सभी बाल अश्लील सामग्री को फ़िल्टर करने के लिए उपयोग किया गया था. अब ऐसे वीडियो के खिलाफ एक राष्ट्रीय गेटवे है."

साइबर क्राइम विशेषज्ञ त्रिवेणी सिंह का मानना है कि जिस तरह बाल अश्लील सामग्री के खिलाफ एक राष्ट्रीय फ़िल्टर बनाया गया था, उसी तरह बलात्कार वीडियो के खिलाफ भी एक फ़िल्टर बनाया जा सकता है. "सरकार को रेप वीडियो के खिलाफ एक राष्ट्रीय फ़िल्टर बनाना चाहिए. इससे सभी प्लेटफ़ॉर्म पर इन वीडियो के प्रसार की समस्या हल हो जाएगी. यह इसे ठीक करने का एकमात्र तरीका है," 
हमारे समाज में विरोधाभास इस बात से उजागर होता है कि लोग उन घटनाओं का विरोध कर रहे होते हैं, जबकि कुछ लोग विशेष यौन उत्पीड़न के वीडियो खोज रहे होते हैं. इस समस्या का समाधान केवल सख्त कानूनों में नहीं है, बल्कि समाज के मानसिकता में परिवर्तन में है. इस तरह का परिवर्तन केवल सोच में बदलाव से ही आ सकता है.

हालांकि, तकनीक ने बलात्कार वीडियो को सुलभ बना दिया है, लेकिन यही तकनीक इस समस्या के समाधान के लिए भी उत्तर प्रस्तुत करती है कि कैसे ऐसे वीडियो के प्रसार को रोका जा सकता है.

रिपोर्ट्सः प्रियांजलि नारायण

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