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बीजापुर के लोगों ने अमित शाह को बताया 'मैन ऑफ स्टील', बोले- वही खत्म कर सकते हैं नक्सलवाद

एक लोकल फोटोग्राफर ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि अगर इसी स्पीड से ऑपरेशन चलते रहे तो नक्सलवाद निश्चित रूप से 2026 के अंत तक समाप्त हो जाएगा. अमित शाह मैन ऑफ स्टील हैं और हम उन पर और उनके विजन पर भरोसा करते हैं."

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गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह

बीजापुर के ग्रामीणों का मानना है कि गृह मंत्री अमित शाह वो आदमी हैं जो नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने की ताकत रखते हैं. अमित शाह को "मैन ऑफ स्टील" बताते हुए ग्रामीणों ने कहा कि अगर कोई नक्सलवाद को समाप्त कर सकता है, तो वो अमित शाह ही हैं. छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना के मिलकर चलाए जा रहे सबसे बड़े एंटी-नक्सल ऑपरेशन का आज छठा दिन है.

यह ऑपरेशन तब शुरू हुआ था जब खुफिया जानकारी मिली कि PLGA के शीर्ष कमांडो, मदवी हिडमा और देवा, इलाके में छिपे हुए हैं. ऑपरेशन का मकसद PLGA बटालियन के 1 से 5 ठिकानों को ध्वस्त करना है, जिससे नक्सल आंदोलन की ताकत कमजोर हो और 2026 तक इसका अंत हो सके, जैसा कि अमित शाह ने वादा किया है.

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तीन नक्सलियों को किया गया ढेर

अब तक के ऑपरेशन में तीन नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है, लेकिन उनकी पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है. इंडिया टुडे की टीम बिजापुर के एक गांव पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत कर यह जानने-समझने की कोशिश की कि आकिर नक्सलवाद के खिलाफ ऑपरेशन किस तरह चलाए जा रहे हैं, और यहां पहुंचकर पता चला कि ग्रामीण  गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ करते नहीं थकते.

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गोपनीयता की शर्त पर, एक ग्रामीण ने बताया कि नक्सलियों ने बयान जारी करके कहा था कि करगुट्टा पहाड़ियों में न जाएं, जहां लगभग 100 आईईडी लगाए गए हैं. ऑपरेशन का छठा दिन गुजर रहा है और सुरक्षा बलों का भारी जमावड़ा हर दिशा से देखा जा रहा है. एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि पिछले एक साल में पुलिस कैंप हर 3-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किए गए हैं, जिससे उनकी सुरक्षित पहुंच बढ़ी है.

अमित शाह के विजन को फोटोग्राफर ने किया सलाम

एक स्थानीय फोटोग्राफर ने कहा, "मुझे फोटोग्राफी के असाइनमेंट कभी-कभी मिलते हैं, जिससे प्रति माह 10-15 हजार रुपए की कमाई होती है, लेकिन अगर नक्सलवाद खत्म होता है, तो मैं इससे दोगुनी या अधिक कमा सकता हूं. पहले, यानी 2023 तक, नक्सलियों के लिए हमारे इलाकों में आना-जाना आसान था, लेकिन जब से ये कैंप बने हैं, तब से ये पहुंच बहुत सीमित हो गई है. जब भी उन्हें कोई दोनों पक्षों के लिए जासूसी करता हुआ मिलता था, तो वे गांव वालों को बुला लेते थे."

फोटोग्राफर ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि अगर इसी गति से ऑपरेशन चलते रहे तो नक्सलवाद निश्चित रूप से 2026 के अंत तक समाप्त हो जाएगा, अगर मार्च तक नहीं. अमित शाह एक मजबूत आदमी (मैन ऑफ स्टील) हैं और हम उन पर और उनके विजन पर भरोसा करते हैं."

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पहाड़ी में चल रहा ऑपरेशन

डीआरजी एसटीएफ और सीआरपीएफ कोबरा बटालियन, तेलंगाना ग्रेहाउंड्स और महाराष्ट्र के सी60 जैसी स्पेशल यूनिट्स करगुट्टा पहाड़ियों पर इस सबसे बड़े हमले को अंजाम दे रही हैं, जो कांकेर के पुजारी पुलिस कैंप से लेकर बीजापुर के नम्बी तक फैली हुई है, और यह जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर है.

पहाड़ियां सबसे चुनौतीपूर्ण इलाका हैं, जो 70 किलोमीटर लंबा और लगभग 30 किलोमीटर चौड़ा है, जिसमें कई तीखे चढ़ाव और उतार हैं, यही वजह है कि इस भीषण गर्मी में अपने कंधों पर रोजमर्रा की जरूरतों का सामान लेकर चढ़ना बेहद बोझिल साबित हो रहा है.

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