आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के पुट्टपर्थी में एक बेहद शर्मनाक और दर्दनाक घटना सामने आई है. रामगिरि मंडल के एक गांव में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ 2 साल से ज्यादा समय तक गैंगरेप किया गया. इस केस में कुल 14 लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों में पीड़िता का पिता और भाई के साथ ही एक नाबालिग सहपाठी भी शामिल है. पुलिस ने इस केस में अब तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस अधीक्षक एसपी वी. रत्ना ने बताया कि 15 वर्षीय पीड़िता के साथ अलग-अलग समय पर यौन उत्पीड़न करने के आरोप में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है.
ये आरोपी किए गए गिरफ्तार
1. अचमपल्ली वर्धन (21)
2. तलारी मुरली (25)
3. बदागोरला नंदवर्धन राज उर्फ नंदा (23)
4. अरेन्चेरु नागराजू उर्फ हरियाणा चेरुवु नागराजू (51)
5. बोया संजीव (40)
6. बुदिदा राजन्ना (49)
इन सभी छह आरोपियों को 9 जून को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है, पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर इन 6 आरोपियों ने कथित तौर पर अलग-अलग समय पर बारी-बारी से उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. शिकायत में कुछ अन्य नाम भी शामिल किए गए हैं जिनमें वर्धन, गिरी, राजेश, अंजी, मुरली, हेमंत, कार्तिक और एक नाबालिग शामिल हैं. फरार अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है.
YSRCP ने लगाया TDP से कनेक्शन का आरोप
इस घटना के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं. YSRCP ने आरोप लगाया है कि इस जघन्य अपराध के आरोपी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) से जुड़े हुए हैं.
विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2), 351(2), 96, 87, 77, 238, 308(5), 65 R/W 3(5), पॉक्सो अधिनियम 2012 की धारा 5, 5(J)(ii), 5(L) R/W 6, SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम 2015 की धारा 3(1)(W)(ii), 3(2)(V), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66E, 67, 67A के तहत केस दर्ज किया है.
सीएम ने दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और त्वरित जांच औऱ न्याय का आदेश दिया है. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि आरोपियों को बिना देरी दंडित किया जाना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जांच तुरंत पूरी करें, आरोप पत्र दाखिल करें और यह सुनिश्चित करें कि सुनवाई जल्द से जल्द पूरी हो. उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत सावधानी के साथ मजबूत सबूत जुटाए जाने चाहिए.