scorecardresearch
 

आजतक की खबर का असर: NHRC ने भारत-नेपाल सीमा पर अवैध मदरसों पर शुरू की कार्रवाई

भारत-नेपाल सीमा पर अवैध और बिना पंजीकरण वाले मदरसों के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने और हवाला के ज़रिए विदेशी फंडिंग लेने को लेकर आजतक ने खुलासा किया था. अब NHRC ने इस पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है.

Advertisement
X
बिहार के मुजफ्फरपुर में जामिया नूरिया मेराजुल उलूम मदरसा (Photo: ITG)
बिहार के मुजफ्फरपुर में जामिया नूरिया मेराजुल उलूम मदरसा (Photo: ITG)

दो दिन पहले आजतक ने बिहार मे भारत-नेपाल से सटे इलाकों में अवैध और बिना पंजीकरण वाले मदरसों के जाल एक्सपोज किया था. अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने आजतक की रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है. 

रिपोर्ट में सामने आया है कि बिहार और नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में ये अवैध मदरसे बिना कोई नियम और कानून के चल रहे थे. साथ ही खाड़ी देशों से आ रहे हवाला के पैसे से जिहाद की तालीम देने का इन मदरसों में काम किया जा रहा था. 

NHRC की सदस्य प्रियंका कनुगो ने शनिवार को कहा कि आयोग ने इस रिपोर्ट का संज्ञान लिया है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है. 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार को प्रियंका कनुगो ने पोस्ट करते हुए लिखा, 'बिहार में भारत नेपाल सीमा पर मदरसों के राष्ट्र विरोधी कुकृत्यों पर न्यूज़ चैनल आजतक ने वीडियो एविडेंस जारी किए हैं ये रिपोर्ट निम्न खतरनाक गतिविधियों का प्रमाण दे रही है. अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के फ़र्ज़ी तरीक़े से भारतीय पहचान पत्र बनवाना. देशद्रोही ज़ाकिर नायक के वीडियो बच्चों को दिखाकर कर हिंदुओं को काफ़िर बता कर हिंदुओं के ख़िलाफ़ भड़काना. गरीब मुस्लिम बच्चों को ब्रेन वाश कर के जिहादी ट्रेनिंग दे कर उनका कट्टरपंथी इस्तेमाल करना. हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग लेना. हम संज्ञान ले कर कार्यवाही कर रहे हैं'.  

Advertisement

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक मदरसे जामिया नूरिया मिराजुल उलूम में एक शिक्षक ने कैमरे पर हवाला के पैसे मिलने और गरीब मुस्लिम बच्चों को 'जिहादी प्रशिक्षण' देने की बात कबूल की. उसने कहा कि बच्चों को बहका कर उनका उपयोग कट्टर उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है.

सीतामढ़ी में स्थित अवैध संस्था 'मदरसा इस्लामिया महमूदिया' एक टिन की छत के नीचे बिना किसी बोर्ड के चल रही थी. इसके संचालक ने बताया कि वहां बांग्लादेशी बच्चों समेत अवैध रूप से बच्चों को दाखिला देने के लिए फर्जी भारतीय पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया जाता है.

जांच में सामने आया कि इन मदरसों में बच्चों को विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक के वीडियो दिखाए जा रहे थे. इसके अलावा 'तालीम-उल-इस्लाम' नाम की एक धार्मिक किताब बच्चों को पढ़ाई जा रही थी, जिसमें गैर-मुसलमानों को 'काफिर' बताया गया है.

नेपाल के भीतर भी ऐसे ही बिना नियंत्रण वाले इस्लामी संस्थानों का नेटवर्क सामने आया है, जिन्हें विदेशी फंडिंग मिल रही है और जहां जिहादी सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है.

आजतक की अवैध मदरसे को लेकर आप पूरी रिपोर्ट आप यहां क्लिक कर पढ़ सकते हैं - हवाला के पैसों से जिहाद की पढ़ाई, बांग्लादेशियों का दाखिला... बिहार-नेपाल सीमा के अवैध मदरसों पर बड़ा खुलासा

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement