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आज का दिन: COP-26, G20 सम्मेलन और ग्लोबल लीडर्स से मीटिंग से भारत को क्या हासिल हुआ?

5 दिनों के दौरे और ग्लोबर लीडर्स से द्विपक्षीय वार्ताओं से भारत के लिए क्या रोडमैप तैयार करके आए हैं PM मोदी? क्या आज सपा-प्रसपा गठबंधन पर बनेगी बात? और हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए कौन से फैक्टर्स ने काम किया? इसके साथ ही मध्य प्रदेश में क्यों अधर में लटक रही आवास योजना? सुनिए आजतक रेडियो पर...

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 PM Modi (Photo: Twitter)
PM Modi (Photo: Twitter)

'आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में आज हम चर्चा करेंगे 5 दिनों के दौरे और ग्लोबर लीडर्स से द्विपक्षीय वार्ताओं से भारत के लिए क्या रोडमैप तैयार करके आए हैं पीएम नरेंद्र मोदी? क्या आज सपा-प्रसपा गठबंधन पर बनेगी बात? और हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के लिए कौन से फैक्टर्स ने काम किया? इसके साथ ही मध्य प्रदेश में क्यों अधर में लटक रही आवास योजना? इस बारे में भी हम चर्चा करेंगे. 

आजतक रेडियो पर हम रोज़ लाते हैं देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियां और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर अमन गुप्ता किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.

1. OSOWOG से लेकर भारत के मुद्दों पर चर्चा
इटली के रोम में G20 समिट से शुरू हुआ प्रधानमंत्री मोदी का विदेश दौरा वेटिकन में पोप फ्रांसिस से मिलते हुए कल स्कॉटलैंड के ग्लास्गो में पूरा हुआ. यहां ग्लास्गो में जलवायु परिवर्तन पर होने वाली COP26 समिट हो रहा है और कल इसके दूसरे दिन यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीन एनर्जी पर अपनी बात रखी. ‘एक्सेलरेटिंग क्लीन टेक्नोलॉजी इनोवेशन एंड डेवलपमेंट’ प्रोग्राम में भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा- एक सूर्य, एक विश्व और एक ग्रिड की कल्पना को अगर हम साकार कर पाते हैं तो इससे सोलर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि मानवता के भविष्य को बचाने के लिए हमें फिर से सूरज के साथ चलना होगा. जितनी ऊर्जा पूरी मानव जाति सालभर में उपयोग करती है, उतनी ऊर्जा सूर्य एक घंटे में धरती को देता है. ये अपार ऊर्जा पूरी तरह स्वच्छ और सतत है. तो इस समिट में पीएम  मोदी ने भारत की चिंताओं से अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विकसित देशों को वाकिफ कराया. यहां दुनिया भर के नेता जमा हुए हैं, लिहाजा ये एक अच्छा मौका भी होता है जब आप अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्षों से साइडलाइन में मिले और द्विपक्षीय / बाईलेटरल मुद्दों पर बातचीत करें. यही cop26 समिट के साइडलाइन में भी हुआ.

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प्रधानमंत्री ने कल इग्लैंड के पीएम बोरिस जॉनसन, इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से मुलाकात हुई, कुछ ऑफ द रिकॉर्ड बात भी हुई. इसी में से एक बात कल सोशल मीडिया पर खूब तैरती रही, बात ये कि मुलाकात के दोरान इजरायल के प्रधानमत्री नफ्ताली बेनेट ने पीएम मोदी से कहा कि आप इजरायल में बहुत लोकप्रिय हैं, आप मेरी पार्टी जॉइन कर लीजिए, प्रधानमंत्री क्या ही कहते, वे मुस्कुराये और शुक्रिया. बहरहाल, इनके अलावा, प्रधानमंत्री ने यूक्रेन के राष्ट्रपति और नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की. तो इन अ नटशेल प्रधानमंत्री ने cop26 के साइडलाइन में जिन राष्ट्राध्यक्षों से मुकालात की, उसका क्या हासिल रहा?

2. क्या सपा-प्रसपा गठबंधन पर बनेगी बात?
यूपी में विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियों की तैयारी शबाब पर है, सब दल अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह सियासी समीकरण उनके पक्ष में हो. लेकिन पिछले कुछ बरसों में यूपी के मुख्य विपक्षी दल सपा के सामने एक जो मुसीबत खड़ी हुई वो सुलझाने के बजाय उलझती ही चली गयी. मुसीबत का मुख्य केंद्र अखिलेश यादव के ही चाचा शिवपाल रहे जिन्होंने बीते दिनों अपनी एक नई पार्टी बना डाली. अखिलेश के साथ मुश्किल ये थी कि मुलायम के बाद शिवपाल ही सपा के वो नेता थे जिनका चेहरा सपा की स्थापना से लेकर अब तक के चुनावों में पार्टी भुनाती रही. अखिलेश की शिवपाल से तनातनी के बीच एक दौर ऐसा आया जब शिवपाल ने अलग पार्टी बना ली. चूंकि शिवपाल सपा के कर्ता-धर्ता रह चुके हैं, तो अखिलेश को ये भी डर रहा कि सपा के वोटबैंक में ये सेंध न लगाएं. पिछले दिनों शिवपाल ने ये ऐलान भी किया कि उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी यूपी की हर सीट पर चुनाव लड़ेगी. शिवपाल की पार्टी कितनी प्रभावी रहेगी , ये तो फिलहाल ठीक-ठीक कहना सम्भव नहीं लेकिन सियासी पण्डित ये ज़रूर कहते रहे हैं कि उसका सपा के सामने लड़ना, सपा की मुश्किलें बढ़ा सकता है. सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन के भी कयास लगे लेकिन वो कयास बस कयास ही रह गए. बहरहाल, इनहीं कयासों के बीच मुलायम सिंह यादव आज शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात करने वाले हैं. इस मुलाकात को बहुत अहम माना जा रहा है. ऐसे में क्या इस मुलाकात के बाद सपा और प्रसपा के बीच गठबंधन के कुछ आसार बन सकते हैं?

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3. क्या हिमाचल उपचुनाव में कांग्रेस की जीत का बीजेपी पर पड़ेगा असर?
और अब बात उपचुनावों के नतीजों की जिन पर तमाम नज़रें गड़ी हुई थी. कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश उपचुनाव में जिस तरह से चारों सीटों पर अपनी धाक जमाई है उससे एक निष्कर्ष ये निकाला जा रहा है कि बढ़ती महंगाई जनता को रास नहीं आई. कांग्रेस खेमे के लिए बहुत लंबे वक्त के बाद अच्छी खबर आई है. आंकड़ों की बात करें मंडी से प्रतिभा सिंह ने अपने प्रतिद्वंदी बीजेपी के रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को 8766 वोटों से मात दी है‌. और वहीं, जुब्बल-कोटखाई में कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर ने 6000 वोटों से जीत हासिल की. बीजेपी की नीलम तीसरे पायदान पर बनी रहीं. फतेहपुर में, भवानी पठानिया ने 5789 मतों से विजय पताका फहराया. उन्होंने बीजेपी के बलदेव ठाकुर को मात दी. अर्की विधानसभा क्षेत्र में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, और मंडी सीट में प्रतिभा सिंह ने जीत दर्ज की. अब क्योंकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर मंडी से ही ताल्लुक रखते हैं और पूरा उपचुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जा रहा था, तो जाहिर है कि इन नतीजों का असर उनकी साख पर भी जरूर पड़ेगा. अब जिस तरह बीजेपी मुख्यमंत्री बदलने को लेकर सक्रिय रहती है उस हिसाब से एक सवाल ये भी गर्म है कि क्या जयराम ठाकुर पर संकट है और ये भी कि क्या 2022 के विधानसभा चुनाव में ये कांग्रेस के लिए एक शुभ संकेत है? हमने बात की आजतक रेडियो रिपोर्टर मंजीत नेगी से और उनसे जाना कि जिस तरह से हिमाचल में बीजेपी की सफाई हुई है, क्या इसकी एक वजह बढ़ती हुई महंगाई भी है या कोई और फैक्टर है इसके पीछे?

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4. मध्य प्रदेश में क्यों अधर में लटक रही आवास योजना?
देश में प्रधानमंत्री आवास योजना उन व्यक्तियों के लिए लाई गई थी जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके पास खुद का घर नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत करते हुए एक लक्ष्य रखा था कि 2022 तक सब बेघर लोगों के पास पक्के मकान हों. बहुत हद तक मकानों के लिए लोगों को रुपये भी मिले. लेकिन बढ़ती महंगाई इस योजना के लक्ष्यों को पलीता लगा रही है. मध्यप्रदेश में इसी प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्माण सामग्री / कंस्ट्रक्शन मटेरियल्स की बढ़ती कीमतों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी हैं. तो आखिर जमीन पर लोगों को क्या दिक्कतें हो रहीं हैं और अधिकारियों का इस संबंध में क्या कहना है?

3 नवंबर 2021 का 'आज का दिन' सुनने के लिए यहां क्लिक करें
 

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