ओडिशा के शहर पुरी में हर साल की तरह परंपरा के मुताबिक भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा यहां शाम को निकलेगी. यहां रथयात्रा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. पुरी के प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर में हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ रथ यात्रा का शुभारंभ होता है, जो एक भव्य और ऐतिहासिक उत्सव माना जाता है.
रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र, और बहन सुभद्रा तीन भव्य रथों पर सवार होकर अपने मौसी के घर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे. भगवान जगन्नाथ नंदीघोष रथ पर, बलभद्र तालध्वज पर, और सुभद्रा दर्पदलन रथ पर विराजमान होंगी.
रथ यात्रा कुल 12 दिनों तक चलेगी और इसका समापन 8 जुलाई 2025 को नीलाद्रि विजय के साथ होगा, जब भगवान फिर से अपने मूल मंदिर में लौटेंगे और गर्भग्रह में स्थापित किए जाएंगे. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने के लिए दूर दूर से भक्त पुरी पहुंचे हैं.
भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए पुरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. पुलिस, एनडीआरएफ के साथ दूसरी सुरक्षा एजेंसियां मिलकर रथयात्रा की तैयारियों में जुटे हैं. पुरी के डीएम खुद भी रथयात्रा की तैयारियों पर नजर बनाए हुए हैं.
पुरी के अलावा अहमदाबाद में भी जगन्नाथ यात्रा निकाली जा रही है. अहमदाबाद में भगवान श्री जगन्नाथ की 148वीं भव्य दिव्य रथयात्रा धूमधाम से चल रही है. जगन्नाथ यात्रा का शुभारंभ सुबह 7 बजे हुआ. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पाहिंद विधि कर रथ यात्रा की शुरुआत की. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को रथ पर बैठाया गया.
इसमें रथ के आगे सोने की झाडू लगाई जाती है. रथयात्रा में भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले 101 झांकी, 30 अखाड़े, 18 भजन मंडलियां और 3 बैंड दल शामिल हैं. रथयात्रा शुरू होने से पहले पहली बार भगवान जगन्नाथ को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
इससे पहले जगन्नाथ मंदिर में सुबह 4 बजे मंगला आरती हुई. गृहमंत्री अमित शाह ने मंगला आरती के साथ यात्रा के शुभारंभ की पहली रस्म निभाई. अमित शाह के साथ उनका परिवार भी इसमें शामिल हुआ.
इस दौरान भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया गया, जिसके बाद सीएम ने पाहिंद विधि कर रथयात्रा की शुरुआत की. रात तकरीबन 8:30 बजे भगवान वापस मुख्य मंदिर में लौट जाएंगे.
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पुरी और अहमदाबाद के अलावा पश्चिम बंगाल के दीघा में भी निकाली जा रही है. पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा से ही यहां की रथयात्रा प्रेरित है.